वर्तमान समय में ई-व्यवसाय जिसे ई-कॉमर्स (E-commerce) भी कहा जाता है,विभिन्न वस्तुओं को बेचने और खरीदने का महत्वपूर्ण व्यवसाय बन चुका है। इसके माध्यम से व्यक्ति का समय और पैसा दोनों की बचत होती है, और शायद इसलिए, लोगों के बीच ई-कॉमर्स बहुत लोकप्रिय होता जा रहा है। खासकर त्योहारी सीजन में जब, वस्तुओं के मूल्य पर भारी छूट दी जाती है।भारतीय ई-कॉमर्स में दिवाली के समय जो सेल लगती है,वह पूरे साल की सबसे महत्वपूर्ण सेल होती है,जिसकी तुलना यदि ब्लैक फ्राइडे सेल (Black Friday sale) से की जाए, तो कुछ गलत नहीं होगा। 2014 के बाद से ई-कॉमर्स बाजार की प्रमुख कंपनियां ऐमजॉन(Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) दिवाली के दौरान भारी भरकम विज्ञापित सेल का आयोजन करती हैं।यह सेल दीवाली से चार सप्ताह पहले ही शुरू हो जाती है, तथा त्योहार से बस कुछ दिन पहले समाप्त होती है। इस दौरान मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन से सम्बंधित चीजों पर भारी छूट दी जाती है। इन तीनों श्रेणियों की वस्तुओं को मिलाकर जो ऑनलाइन बिक्री होती है, वो कुल ऑनलाइन बिक्री का 90% से भी अधिक हिस्सा बनाती है, या यूं कहें कि सबसे अधिक बिक्री मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन से सम्बंधित वस्तुओं की होती है। हालांकि, यदि हम खाद्य और किराना या ग्रॉसरी (Grocery) उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री को देंखे, तो वह कुछ खास दिखायी नहीं पड़ती है। उदाहरण के लिए, रेडसिर (RedSeer - भारत में सबसे बड़ी प्रबंधन परामर्श कंपनियों में से एक) के एक डेटा के अनुसार,2019 में ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं(ज्यादातर ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट) ने त्योहारी सीज़न के दौरान लगभग 4 बिलियन डॉलर (2,95,40,80,00,000 रुपये) की कमाई की, जिसने वार्षिक ई-कॉमर्स का 14% हिस्सा बनाया।जबकि, ग्रॉसरी ने 2019 में ई-कॉमर्स त्योहारी शॉपिंग का केवल 3% हिस्सा बनाया।
ग्रॉसरी की ऑनलाइन बिक्री बहुत कम होती है, तथा इसके पीछे अनेकों कारण हैं।ई-कॉमर्स के सामने ऐसी कई बाधाएं हैं, जिनके कारण वे ऐतिहासिक रूप से किराना बाजार में अपनी मजबूत पकड़ नहीं बना पाए हैं। पहली बाधा तो यह है, कि ग्रॉसरी की ऑनलाइन बिक्री मुख्य रूप से शीर्ष 6-8 शहरों में ही केंद्रित होती है। यदि इन शहरों के बाहर ग्रॉसरी उत्पादों की डिलीवरी करनी हो, तो इसकी लागत बहुत अधिक आती है तथा ग्राहक भी अत्यधिक डिलीवरी चार्ज देना पसंद नहीं करते हैं। ऑनलाइन ग्रॉसरी बाजार में विक्रेता बहुत कम मुनाफे के साथ काम करते हैं, जो कि एक प्रमुख चुनौती है।ग्रॉसरी उत्पादों की विविधता अत्यंत विस्तृत होती है, तथा इसका प्रबंधन एक बड़ी समस्या बन जाता है। हर कोई ऐसे फल और सब्जी खरीदना चाहता है, जो ताजा हों। ताजगी की जांच करने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। यह सुविधा उन्हें ऑनलाइन रूप से ग्रॉसरी खरीदने में नहीं मिल पाती, इसलिए वे ई-ग्रॉसरी से सामान खरीदना पसंद नहीं करते। ग्रॉसरी उत्पादों को भिन्न-भिन्न तापमान की आवश्यकता होती है,तथा इस आवश्यकता की पूर्ति कर पाना ई-ग्रॉसरी के लिए बहुत कठिन कार्य होता है। ग्राहकों को उत्पाद की गुणवत्ता, समय पर डिलीवरी और रिफंड जैसी सुविधाओं पर संदेह होता है, तथा उनका अनुभव ऑनलाइन ग्रॉसरी के साथ कुछ अच्छा नहीं होता, इसलिए वे ग्रॉसरी उत्पाद ऑनलाइन खरीदना पसंद नहीं करते।हालांकि, कुछ बड़े ई-कामर्स खिलाड़ी अब इस चलन को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।वर्तमान में बिगबास्केट (Bigbasket), ई-किराना बाजार का मुख्य खिलाड़ी माना जाता है, जिसके बाद ग्रोफर्स (Grofers) का स्थान आता है। अब इस क्षेत्र में जिओमार्ट (JioMart) का भी प्रवेश हुआ है, जो विभिन्न सुविधाओं के साथ ग्राहकों को अच्छा अनुभव देने की ओर प्रयासरत है। रिलायंस (Reliance) और बिगबास्केट जैसी अनेकों कंपनियां प्रतिदिन ग्रॉसरी उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए इस क्षेत्र में अत्यधिक पैसा लगा रहे हैं तथा यह अनुमान लगाया गया है, कि अगले पांच वर्षों में देश में किराना बाजार के आठ गुना बढ़ने की उम्मीद है।
ग्रॉसरी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री में वृद्धि का एक मुख्य कारण कोरोना महामारी भी है। कोरोनो विषाणु का प्रकोप शुरू होने के बाद तालाबंदी और संक्रमण के डर ने लाखों ग्राहकों को ग्रॉसरी उत्पाद ऑनलाइन खरीदने के लिए प्रेरित किया। पहले यह माना गया था, कि तालाबंदी से कुछ छूट मिलने के बाद ग्राहक ग्रॉसरी का सामान ऑनलाइन खरीदना कम कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोग अभी भी किराना स्टोर में जाने से बच रहे हैं तथा ऑनलाइन खरीदारी में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।इसके अलावा आर्थिक मंदी के बीच ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वस्तुओं की कम कीमतों ने भी ग्राहकों को आकर्षित किया है। पिछले वर्षों की तुलना में त्योहारी सीजन के दौरान ग्रॉसरी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री दो गुना से भी अधिक होने की उम्मीद है। महामारी के बाद अब जहां ग्रोफर्स और बिगबास्केट हर महीने ग्रॉसरी उत्पादों की बिक्री में लगातार वृद्धि दर्ज कर रहे हैं, वहीं फ्लिपकार्ट और ऐमज़ॉन का ग्रॉसरी बाजार भी पहले के विपरीत फल-फूल रहा है। ऐमज़ॉन ने ऐमज़ॉन फ्रेश लॉन्च किया है, जो दो घंटे के भीतर 5,000 से भी अधिक वस्तुओं, जिसमें फल, मांस और डेयरी उत्पाद शामिल हैं, की डिलीवरी करता है।रेडसीर द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 से ई-ग्रॉसरी मार्केट 60 फीसदी बढ़ा है, और 2021 की पहली छमाही तक इसके 41-49 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। यह अनुमान लगाया गया है, कि 2024 तक ग्रॉसरी के लिए ऑनलाइन बाजार का विस्तार 18 बिलियन डॉलर (लगभग 13,28,89,50,00,000 रुपये) से भी अधिक हो जाएगा।
संदर्भ:
https://bit.ly/3h2Jz5n
https://bit.ly/3aTeHjG
https://bit.ly/3xJV8Er
https://bit.ly/3edJVUY
https://bit.ly/2RhH4RRचित्र संदर्भ
1.ग्रॉसरी स्टोर तथा कोरोना वायरस का एक चित्रण (unsplash)
2. ग्रॉसरी स्टोर का एक चित्रण(unsplash)
3. ग्रॉसरी स्टोर का एक चित्रण (unsplash)