समय - सीमा 262
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1060
मानव और उनके आविष्कार 835
भूगोल 242
जीव-जंतु 307
| Post Viewership from Post Date to 04- Apr-2021 (5th day) | ||||
|---|---|---|---|---|
| City Readerships (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
| 2002 | 38 | 0 | 2040 | |
| * Please see metrics definition on bottom of this page. | ||||
इससे ओवरहेड तारें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तथा यात्रा सेवाएं बाधित होती हैं। हालांकि, मेट्रो रेलवे अधिनियम, 2002 के तहत मेट्रो संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए 10 साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन फिर भी इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। पतंगबाजी के इन तरीकों से राहगीरों के गले और आंखों पर गंभीर चोट लग सकती है और जानवरों व पक्षियों के जीवन को भी नुकसान पहुंचता है। मेट्रो की ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन (Electrification) लाइनों में 25,000 वोल्ट या 25 किलोवोल्ट, वोल्टेज (Voltage) की बिजली का प्रवाह होता है, इसलिए यह पतंग उड़ाने वाले के लिए भी अत्यंत घातक हो सकती है। चूंकि शहरीकरण के बढ़ने के साथ-साथ ऊर्जा और बिजली आपूर्ति की मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए तारों और विद्युतीकरण के संदर्भ में शहरी नियोजन अत्यंत आवश्यक है। आधुनिक समाज में अपने बहुमुखी उपयोग के कारण बिजली या विद्युत अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। विभिन्न बाधाओं और मानदंडों जैसे कि विश्वसनीयता, अर्थशास्त्र, पर्यावरण, समाज पर प्रभाव आदि को ध्यान में रखते हुए वितरण कंपनियां उपभोक्ताओं को विश्वसनीय तरीके से न्यूनतम लागत के साथ बिजली की आपूर्ति करने का प्रयास कर रही हैं। ओवरहेड वितरण प्रणाली में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में मुख्य बाधा विकसित शहरी क्षेत्रों में खाली स्थानों की अनुपलब्धता है। इसके अलावा पेड़ की शाखाओं के गिरने, भारी हवाओं, बारिश आदि के कारण संवाहकों में शॉर्ट सर्किट (Short circuit) का होना आदि, ओवरहेड वितरण प्रणाली की विफलता के मुख्य कारण हैं।
भूमिगत केबल तंत्र (Underground cable system) इस समस्या का एक अच्छा निवारण हो सकता है। स्थानों की अनुपलब्धता तथा तारों के लगातार टूटने की समस्या के लिए यह एक प्रभावी निवारण है। इनके माध्यम से पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभावों को भी कम किया जा सकता है। भूमिगत केबल निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद करते हैं। यह उन क्षेत्रों में अधिक प्रभावी होंगे जहां, भूमि महंगी है, या फिर पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हैं। केबल सामान्य रूप से विद्युतरोधी चालक होते हैं, तथा इसका उपयोग विद्युत के भूमिगत वितरण के लिए किया जाता है। संवाहक को आवरित करने के लिए इन्सुलेशन (Insulation) का उपयोग किया जाता है, जो इसे आस-पास के परिवेश से पृथक करता है। इसमें उच्च प्रतिरोध, उच्च यांत्रिक शक्ति, उच्च स्थायित्व का होना आवश्यक है। भूमिगत केबलों के लाभों की बात करें तो, खराब मौसम के कारण इनके नुकसान की सम्भावना काफी कम होती है। ओवरहेड केबलों की तुलना में भूमिगत केबलें सुरक्षित होती हैं, तथा इन्हें देखभाल की कम आवश्यकता होती है। इनके प्रभाव से आसपास के क्षेत्र में विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का उत्सर्जन कम होता है। भूमिगत केबल आसमान में उड़ने वाले विमानों या वन्यजीवों के लिए कोई खतरा उत्पन्न नहीं करते हैं। यह आपातकालीन बिजली भार को अवशोषित कर सकते हैं। संचार लाइनों के साथ इनका कोई सम्पर्क नहीं होता है। सड़कों की खाइयों को भरने और दबाने के लिए फुटपाथों पर बड़े पेड़ों को लगाया जाता है, जिससे पर्यावरणीय लाभ प्राप्त होता है। नुकसान की संभावना कम होने के कारण इन तारों को रखरखाव की भी कम आवश्यकता पड़ती है। इस प्रकार भूमिगत केबल तंत्र, ओवरहेड केबल तंत्र का अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
A. City Readerships (FB + App) - This is the total number of city-based unique readers who reached this specific post from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Messaging Subscribers - This is the total viewership from City Portal subscribers who opted for hyperlocal daily messaging and received this post.
D. Total Viewership - This is the Sum of all our readers through FB+App, Website (Google+Direct), Email, WhatsApp, and Instagram who reached this Prarang post/page.
E. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.