भारत में हवा को केवल हवा नहीं बल्कि प्राणवायु कहा जाता है। प्राणवायु का मतलब होता है “हवा जो जीवन दे”। यह बात तो हम सभी जानते है, की प्रथ्वी मानवों के लिए अन्य ग्रहों से केवल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्यों की यहाँ पर प्रचुर मात्रा में पानी, और प्राणवायु यानि की ऑक्सीज़न पायी जाती है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए किसी अन्य गृह पर ऑक्सीज़न का मिलना एक मुश्किल लक्ष्य लगता है। वैज्ञानिकों के अनुसार हमारी धरती पर सभी गैसों के अनुपात में 21 प्रतिशत ऑक्सीज़न पायी जाती है। 21 प्रतिशत इतनी मात्रा है की हमारे आनेवाली कई पीढ़ियां चैन की सांस ले सकती है, परन्तु यह भी एक कटु सत्य है की हम खुद अपने तथा अपनी भावी पीढ़ियों के लिए एक नयी मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। और उस मुसीबत का नाम है वायु प्रदूषण।
सभी जीवों का शरीर हमारे वायुमंडल से विभिन्न तरह की गैसों को छांटकर केवल ऑक्सीज़न ग्रहण करने के लिए बना होता है। यदि वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीज़न के साथ अन्य प्रकार के रसायन, जैविक तथा अन्य हानिकारक शुक्ष्म पदार्थ जीव-जंतुओं के शरीर में प्रवेश करते हैं, तो उसे वायु प्रदूषण कहा जाता है। वायु प्रदुषण के कारण मनुष्यों में श्वास रोग, तथा कैंसर जैसे जानलेवा रोग हो सकते हैं। धरती पर मौजूद अन्य जीवों पर भी इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है। वाहनों तथा फैक्ट्रियों से निकलता जहरीला धुआं, जंगलों की आग, ज्वालामुखी विस्फोट, तथा प्राकृतिक तेल शोधन की प्रक्रिया वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। इसका प्रभाव इतना हानिकारक होता है, कि जीव-जंतुओं की इन्द्रियां अपनी उच्च क्षमता से काम करना बंद कर देती है, सुनने की क्षमता कम होने लगती है, सांस लेने में जलन जैसी कई अन्य गंभीर दुष्परिणाम सामने आते हैं।
वायु प्रदूषण से उत्पन्न होने वाली परेशानियां भविष्य की नहीं बल्कि आज की परेशानी होने लगी है। अर्थात पिछले कई सालों से इसके कारण होने वाले रोगों की संख्या बढ़ती नज़र आ रही है। वातावरण में हानिकारक तत्वों की मात्रा मापने के लिए सरकार एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) (AQI) यंत्र का इस्तेमाल करती हैं। AQI स्तर जितना अधिक होगा वायु प्रदूषण भी उतना अधिक होगा। 100 से कम होने पर हवा की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है, तथा 300 से ऊपर होने पर यह हानिकारक होने लगती है। परन्तु दुर्भाग्य से देश के कई बड़े शहरों का स्तर 400 से अधिक ही बना रहता है।
दिवाली पर्व के बाद तो यह सत्र 600-1000 भी पार कर जाता है, जो बेहद हानिकारक होता है। वर्तमान में पूरी दुनिया में लगभग 6.66 मिलियन यानी 12% मौतें केवल वायु प्रदूषण के कारण हो रही हैं।
दिसम्बर 2019 से पूरे विश्व ने कोविड-19 (COVID-19) नामक एक बेहद संक्रामक महामारी को देखा है। संक्रामक महामारी हवा के ज़रिये फैलने वाला रोग होता है। दूषित हवा के कण इसे और अधिक संक्रामक बना देते हैं। मास्क पहनकर, प्रति व्यक्ति उचित दूरी बनाकर, और अन्य सावधानियों अपनाकर हम इसके संक्रमण के खतरे को बेहद कम कर सकते हैं। साथ ही धीरे-धीरे लोग एयर प्यूरीफायर की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं।
एयर प्यूरीफायर एक तरह का तकनीकी यंत्र होता है, जो वातावरण में मौजूद हानिकारक कणों और बैक्टीरिया आदि को नष्ट कर देता है तथा सांस लेने के लिए स्वच्छ वायु (Oxygen) प्रदान करता है। पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर एचईपीए (HEPA) फ़िल्टर के साथ आते हैं। जो वायुमंडल में मौजूद कोरोना वाइरस के संक्रमण को काफी हद तक कम कर देते हैं। कुछ पैसा खर्च कर के आप एक पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर खरीद सकते हैं, जो वातावरण से कोरोना फैलाने वाले 99.96% कारकों को ख़त्म कर देते हैं। परन्तु खरीदने से पहले कुछ जरूरी बातों का अवश्य ध्यान रखें।
1. सभी एयर प्यूरीफायर एचईपीए फ़िल्टर के साथ नहीं आते जो कि वायरस को हवा में ही नष्ट कर देता है।
2. कमरे का आकार भी मायने रखता है , बड़ी जगहों के लिए उच्च क्षमता वाले एयर प्यूरीफायर खरीदें।
3. वायरस के प्रसार को कम करने के लिए फूलप्रूफ सिल्वर-बुलेट सुरक्षा बेहद कारगर साबित हो सकती है।
कोविड-19 के बढ़ते खौफ और अपने अनेकों खासियतों के कारण एयर प्यूरीफायर की मांग को पिछले साल से अचानक बड़ा दिया है। भारत में स्वच्छा हवा सम्बन्धी उपकरणों का बाजार लगभग 400 करोड़ का है। जिनकी कीमत 4000 से लेकर 40000 तक हो सकती है प्रतिवर्ष भारत में लगभग 40000 एयर प्यूरीफायर बेचे जाते हैं और यह बिक्री मुख्यतः मौसमी होती है। सैमसंग इंडिया एचवीएसी डिवीजन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव भूटानी के अनुसार वर्ष 2020 के सितंबर-अक्टूबर माह में इनकी कीमत 1.5 गुना अधिक दर्ज की गयी है। जिसका प्रमुख कारण बढ़ता वायु प्रदूषण तथा तेज़ी से फैलती कोरोना जैसी संक्रामक महामारियां हैं। वातावरण को साफ़ करने के लिए हमें निश्चित रूप से अपने पर्यावरण का रक्षण करना चाहिए। एयर प्यूरीफायर जैसे पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर उपकरणों को हमेशा एक स्थायी समस्या के अस्थायी समाधान के रूप में देखा जायेगा।
संदर्भ:
https://bit.ly/3lILigp
https://wb.md/3siPdmm
https://bit.ly/3lL7t5p
https://fortune.com/2019/10/27/air-quality-monitor-gadgets/
https://bit.ly/396eZTq
https://bit.ly/3cfTwJV
चित्र संदर्भ:
मुख्य तस्वीर रामपुर में एयर प्यूरीफायर को दिखाती है। (प्रारंग)
दूसरी तस्वीर में एयर प्यूरीफायर को प्रदर्शन में रखे दिखाया गया है। (पिक्साबे)
दूसरी तस्वीर HEPA फिल्टर दिखाती है। (विकिपीडिया)