जीवन जीने की कला सिखाते भारत के ये सुन्दर आध्यात्मिक शहर।

शहरीकरण - नगर/ऊर्जा
20-03-2021 10:39 AM
Post Viewership from Post Date to 20- Mar-2021 (5th day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
2187 69 0 2256
* Please see metrics definition on bottom of this page.
जीवन जीने की कला सिखाते भारत के ये सुन्दर आध्यात्मिक शहर।
अपने शुरुआती समय से लेकर आज तक के विकास चक्र में हम इंसानों ने आश्चर्यजनक रूप से प्रगति की है। हम केवल आग और पहिये के विकास तक ही सीमित नहीं रहे, परन्तु हमने वायरलेस नेटवर्क और आधुनिक तकनीक से हमारे जीवन को नाटकीय रूप से भी बदलता हुआ भी देखा है। आज मानव जीवन पूरी तरह से बदल चुका है। हमारी मूलभूत आवश्यकताएं अब केवल भोजन और पानी की व्यवस्था तक ही सीमित नहीं हैं। आज मानव जीवन पूरी तरह से बदल चुका है। परन्तु इन हजारों, लाखों सालों में कोई चीज नहीं बदली है, तो वो है हमारी धार्मिक मान्यताएं। आज भी पूरे विश्व के अरबों लोग उसी आस्था और मानसिकता के साथ अपने धर्म को पूजते है, जैसे की हजारों साल पहले।
भारत पूरी दुनिया अपने सांस्कृतिक और धार्मिक विरासतों की भिन्नताओं से जाना जाता है। यहाँ सभी धर्मों का चाहे हिन्दू, मुस्लिम, सिख, जैन अथवा कोई भी अन्य धर्म को मानने वाला व्यक्ति हो सभी को अपने धर्मों को सामान रूप से पूजने की आज़ादी है। भारत के प्राचीन इतिहास में हमको धार्मिक आस्था के अनुसार शहरों और कस्बों विकास देखने को मिलता है। तथा पिछले 100 सालों में भी लगभग 5 बड़े आध्यात्मिक कस्बों का विकास हुआ है। यहाँ हम जानेंगे की वो कौन से कस्बे हैं? और उनका विकास कहाँ, और क्यों किया गया।
1. ओरोविल शहर (Auroville City) ओरोविल शहर को (सूर्योदय का शहर) के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर की पहचान एक प्रयोगात्मक शहर के रूप में भी है। ओरोविल शहर की स्थापना पहली बार मिर्रा अलफासा (Mirra Alfassa) (जिनको द मदर (The Mother) के नाम से भी जाना जाता है) ने सन 1968 में करवाई थी। तथा इस शहर को एक फ्रेंच वास्तुकार रॉजर एंगर (Roger Anger) ने डिज़ाइन किया था। ये शहर आध्यात्मिक रूप से बेहद खास है, क्यों की इसके निर्माण का मुख्य कारण एक ऐसा शहर बनाना था, जहां लोग अपने दैनिक जीवन की परेशानियों, धर्मो और नस्लीय भेदभाव, लोभ-मोह इत्यादि को त्याग कर एक शांत और संतुष्टि से भरा जीवन व्यतीत करें। जहां लोगों की कुछ मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने जितनी आमदनी हो। और उतना ही खर्च भी करें। ओरोविल का मुख्य उद्देश्य इस शहर को कुछ इस तरह का बनाना था जहां सभी धर्मों के लोग अपनी मूल राष्ट्रीयता से ऊपर उठकर सारे मतभेद, भूलकर केवल मानवीयता के आधार पर जीवन व्यतीत करें और हर कोई सार्वभौमिक रूप से मानवता का पालन करे। इसके संस्थापक मिर्रा अलफासा ये मानते थे, कि मनुष्य का व्यवहार संक्रामक होता है। हम जैसा देखते है वही हम धारण भी करते हैं। इस प्रयोगात्मक टाउनशिप (Township) के लिए 20 वर्ग किलोमीटर की बंजर भूमि को चुना गया। ये शहर पांडिचेरी के उत्तर में 10 किलोमीटर तथा तट से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ओरोविल शहर का उद्घाटन 28 फ़रवरी 1968 में 124 देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया।
2. शांति निकेतन (Santiniketan) भारत के राष्ट्रगान की रचना करने वाले स्वर्गीय कवी रविन्द्र नाथ टैगोर ने दशकों पहले एक ऐसे शहर का निर्माण किया, जहां सभी धर्म, पंथ अथवा किसी भी ईश्वर में विश्वास करने वाले लोग एक साथ आकर एक सर्वोच्च ईश्वर का ध्यान कर सकते थे। और अपने इस सपनो के शहर को उन्होंने हकीकत की दुनिया में नाम दिया शांतिनिकेतन। शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में बोलपुर के निकट स्थित एक छोटा शहर है। वर्तमान में यह विश्वविद्यालयों के शहर के नाम से भी प्रचलित है। यहाँ महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा विश्व-भारती विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी। जहाँ वर्तमान में छह हजार छात्र अध्ययन कर रहे हैं। आरम्भ में शांतिनिकेतन रविन्द्र नाथ टैगोर के पिता देवेन्द्रनाथ टैगोर (जिनको महर्षि के नाम से भी जाना जाता था.) द्वारा स्थापित किया गया, एक आश्रम का नाम था। जिसने अपने कुछ नियम कानून और व्यवस्था थी। 1988 में की गयी अपनी एक घोषणा में देवेन्द्र नाथ टैगोर ने कहा था, “ कि शांति निकेतन में किसी भी प्रकार की मूर्ति पूजा नहीं की जाएगी। और न ही किसी भी जानवर की बलि दी जायेगी” । तथा किसी भी धार्मिक अनुष्ठान की अनुमति नहीं दी जाएगी। यहाँ केवल एक निराकार ईश्वर को पूजा जाएगा। तथा यहाँ दिए गए उपदेश, नैतिकता, भाईचारे, और परोपकार से परिपूर्ण होंगे। शांति निकेतन आज भी अपनी परोपकारी मानसिकता की धरोहर को संजोए हुए है। और हजारों विद्यार्थी अपने भावी जीवन की शिक्षा ले रहे हैं।
3. मायापुर (Mayapur) मायापुर जैसा की नाम से ही स्पष्ट है ऐसा शहर जहां हर चीज सपने जैसी लगती हो। अपने भव्य मंदिरों की अद्भुत कलाकृतियों की वजह से पूरे विश्व में जाना जाने वाला शहर है। जो कि पश्चिम बंगाल में नादिया जिले की गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहाँ के प्रसिद्ध मंदिरों में श्रीकृष्ण के इस्कॉन मंदिर के अलावा सारस्वत अद्वैत मठ और चैतन्य गौडिया मठ आदि अनेकों प्रसिद्ध मंदिर हैं। यहाँ यह हिन्दू धर्म के गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय प्रवर्तक श्री चैतन्य महाप्रभु का जन्म हुआ था। जिनको श्रीकृष्ण तथा श्री राधा अवतार भी माना जाता है। होली के पावन पर्व पर यहाँ भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। जो की आपसी भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक मानी जाती है। यह नज़ारे देखने लायक होते है।
4. ऋषिकेश (Rishikesh) भारत के सबसे प्राचीन धार्मिक शहरों में से एक ऋषिकेश को देवताओं के निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता है। ऋषिकेश उत्तराखंड के देहरादून जनपद में स्थित एक पवित्र धार्मिक नगरी है। जिसे योग नगरी के नाम से भी पहचाना जाता है। ऋषिकेश के नाम के सम्बन्ध में अनेकों किवदंतियां व्याप्त हैं। यह साधु-संतों और हिन्दू धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। ऋषिकेश को योग की वैश्विक राजधानी भी कहा जाता है। यहाँ अनेकों योग स्थल भी है जहां पूरे विश्व से योगाभ्यास हेतु लोग आते हैं। ऋषिकेश में राम झूला और लक्ष्मण झूला प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है रावण का वध करने के पश्चात राम ने ऋषिकेश में स्थित गंगा नदी में स्नान किया था। जिसके बाद श्री राम के भाई लक्ष्मण ने जूट की रस्सी से इस नदी को पार करने हेतु एक पुल का निर्माण किया था। जिसे लक्ष्मण झूला भी कहा जाता है। ऋषिकेश धार्मिक दृष्टि से भी पूरे विश्व में एक अद्वितीय स्थान रखता है। 1924 में स्वामी शिवानंद ऋषिकेश आये। उन्होंने यहाँ पर अनेको फार्मेसी, अस्पताल, मंदिर, आश्रमों, दिव्य जीवन की सोसायटी इत्यादि खुलवाये। तथा स्वार्थ रहित आम जनमानस की सेवा की जो अभी भी वह विद्यमान हैं।
5. आनंद नगर (Anand Nagar) 1962 में श्री प्रभात रंजन सरकार आनंद नगर शैक्षणिक शहर की स्थापना की गयी। यह शहर झारखंड के उत्तर-पूर्व में 106 किलोमीटर तथा कोलकाता के उत्तर-पश्चिम में 330 किमी की ओर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में बसा है। श्री प्रभात रंजन सरकार एक वैश्विक पर्यावरण समुदाय बनाना चाहते थे। इस टाउनशिप को बनाने का उद्देश्य मुख्य रूप से इसको सामाजिक आध्यात्मिक रूप से विश्व का प्रकाश पुंज बनने का था।

संदर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Auroville
https://whc.unesco.org/en/tentativelists/5495/
https://en.wikipedia.org/wiki/Mayapur
https://www.youtube.com/watch?v=sOFXy1BWtig
https://www.mayapur.com/
https://rishikesh.online/history/
https://en.wikipedia.org/wiki/Divine_Life_Society
https://www.apnnews.com/anandanagar-an-eco-community-model-for-a-post-covid-19/

चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र भारत में आध्यात्मिक आधार के साथ बनाए गए सफल शहरों को दर्शाता है। (विकिपीडिया)
दूसरी तस्वीर ओरोविल बोनफायर को दिखाती है। (विकिपीडिया)
तीसरी तस्वीर प्रवेश द्वार से शांतिनिकेतन गृह को दर्शाती है। (विकिपीडिया)
चौथी तस्वीर में मायापुर के श्रील प्रभुपाद की समाधि मंदिर को दिखाया गया है। (विकिपीडिया)
अंतिम तस्वीर में डिवाइन लाइफ सोसायटी को दिखाया गया है। (विकिपीडिया)