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2. शांति निकेतन (Santiniketan)
भारत के राष्ट्रगान की रचना करने वाले स्वर्गीय कवी रविन्द्र नाथ टैगोर ने दशकों पहले एक ऐसे शहर का निर्माण किया, जहां सभी धर्म, पंथ अथवा किसी भी ईश्वर में विश्वास करने वाले लोग एक साथ आकर एक सर्वोच्च ईश्वर का ध्यान कर सकते थे। और अपने इस सपनो के शहर को उन्होंने हकीकत की दुनिया में नाम दिया शांतिनिकेतन। शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में बोलपुर के निकट स्थित एक छोटा शहर है। वर्तमान में यह विश्वविद्यालयों के शहर के नाम से भी प्रचलित है। यहाँ महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा विश्व-भारती विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी। जहाँ वर्तमान में छह हजार छात्र अध्ययन कर रहे हैं। आरम्भ में शांतिनिकेतन रविन्द्र नाथ टैगोर के पिता देवेन्द्रनाथ टैगोर (जिनको महर्षि के नाम से भी जाना जाता था.) द्वारा स्थापित किया गया, एक आश्रम का नाम था। जिसने अपने कुछ नियम कानून और व्यवस्था थी। 1988 में की गयी अपनी एक घोषणा में देवेन्द्र नाथ टैगोर ने कहा था, “ कि शांति निकेतन में किसी भी प्रकार की मूर्ति पूजा नहीं की जाएगी। और न ही किसी भी जानवर की बलि दी जायेगी” । तथा किसी भी धार्मिक अनुष्ठान की अनुमति नहीं दी जाएगी। यहाँ केवल एक निराकार ईश्वर को पूजा जाएगा। तथा यहाँ दिए गए उपदेश, नैतिकता, भाईचारे, और परोपकार से परिपूर्ण होंगे। शांति निकेतन आज भी अपनी परोपकारी मानसिकता की धरोहर को संजोए हुए है। और हजारों विद्यार्थी अपने भावी जीवन की शिक्षा ले रहे हैं।
3. मायापुर (Mayapur)
मायापुर जैसा की नाम से ही स्पष्ट है ऐसा शहर जहां हर चीज सपने जैसी लगती हो। अपने भव्य मंदिरों की अद्भुत कलाकृतियों की वजह से पूरे विश्व में जाना जाने वाला शहर है। जो कि पश्चिम बंगाल में नादिया जिले की गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहाँ के प्रसिद्ध मंदिरों में श्रीकृष्ण के इस्कॉन मंदिर के अलावा सारस्वत अद्वैत मठ और चैतन्य गौडिया मठ आदि अनेकों प्रसिद्ध मंदिर हैं। यहाँ यह हिन्दू धर्म के गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय प्रवर्तक श्री चैतन्य महाप्रभु का जन्म हुआ था। जिनको श्रीकृष्ण तथा श्री राधा अवतार भी माना जाता है। होली के पावन पर्व पर यहाँ भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। जो की आपसी भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक मानी जाती है। यह नज़ारे देखने लायक होते है।
4. ऋषिकेश (Rishikesh)
भारत के सबसे प्राचीन धार्मिक शहरों में से एक ऋषिकेश को देवताओं के निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता है। ऋषिकेश उत्तराखंड के देहरादून जनपद में स्थित एक पवित्र धार्मिक नगरी है। जिसे योग नगरी के नाम से भी पहचाना जाता है। ऋषिकेश के नाम के सम्बन्ध में अनेकों किवदंतियां व्याप्त हैं। यह साधु-संतों और हिन्दू धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। ऋषिकेश को योग की वैश्विक राजधानी भी कहा जाता है। यहाँ अनेकों योग स्थल भी है जहां पूरे विश्व से योगाभ्यास हेतु लोग आते हैं। ऋषिकेश में राम झूला और लक्ष्मण झूला प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है रावण का वध करने के पश्चात राम ने ऋषिकेश में स्थित गंगा नदी में स्नान किया था। जिसके बाद श्री राम के भाई लक्ष्मण ने जूट की रस्सी से इस नदी को पार करने हेतु एक पुल का निर्माण किया था। जिसे लक्ष्मण झूला भी कहा जाता है। ऋषिकेश धार्मिक दृष्टि से भी पूरे विश्व में एक अद्वितीय स्थान रखता है। 1924 में स्वामी शिवानंद ऋषिकेश आये। उन्होंने यहाँ पर अनेको फार्मेसी, अस्पताल, मंदिर, आश्रमों, दिव्य जीवन की सोसायटी इत्यादि खुलवाये। तथा स्वार्थ रहित आम जनमानस की सेवा की जो अभी भी वह विद्यमान हैं।
5. आनंद नगर (Anand Nagar)
1962 में श्री प्रभात रंजन सरकार आनंद नगर शैक्षणिक शहर की स्थापना की गयी। यह शहर झारखंड के उत्तर-पूर्व में 106 किलोमीटर तथा कोलकाता के उत्तर-पश्चिम में 330 किमी की ओर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में बसा है। श्री प्रभात रंजन सरकार एक वैश्विक पर्यावरण समुदाय बनाना चाहते थे। इस टाउनशिप को बनाने का उद्देश्य मुख्य रूप से इसको सामाजिक आध्यात्मिक रूप से विश्व का प्रकाश पुंज बनने का था।