समय - सीमा 260
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1053
मानव और उनके आविष्कार 829
भूगोल 241
जीव-जंतु 304
| Post Viewership from Post Date to 17- Mar-2021 (5th day) | ||||
|---|---|---|---|---|
| City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
| 813 | 62 | 0 | 875 | |
| * Please see metrics definition on bottom of this page. | ||||
आधुनिक युग में देंखे, तो 1951 में 15 मार्च के दिन नई दिल्ली में एक फ्लाइंग क्लब (Flying club) के 25 सदस्यों ने आकाश में सिगार (Cigar) के आकार की एक वस्तु को देखा था, जो लगभग एक सौ फीट लंबा था। इसके बाद 29 अक्टूबर 2007 में पूर्वी कोलकाता के पूर्वी क्षितिज में 30° पर एक तेज़ गति से उड़ने वाली वस्तु देखी गयी थी। इसका आकार पहले एक गोले से त्रिकोण के रूप में और फिर एक सीधी रेखा में बदल गया। इस वस्तु ने एक प्रभामंडल बनाते हुए उज्ज्वल प्रकाश उत्सर्जित किया, जिसे कई लोगों ने देखा। इस घटना की वीडियो फुटेज (Video footage) एक टेलीविजन समाचार चैनल (Channel) पर भी जारी की गयी थी। इसके बाद 20 जून 2013 को चेन्नई के मोगप्पियार (Mogappiar) निवासियों द्वारा भी एक अज्ञात उड़नशील वस्तु देखी गयी। यहां के निवासियों ने इस वस्तु को दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ते हुए देखा, जो चमकीले नारंगी प्रकाश के पांच चिन्ह भी अपने साथ छोड़ रही थी। इसकी खबर स्थानीय समाचार पत्र में भी बतायी गयी। इसके बाद 4 अगस्त 2013 में भारतीय सेना के सैनिकों ने भी लगान खेर क्षेत्र, डेमचॉक (Demchock), लद्दाख में अज्ञात उड़नशील वस्तु को देखा। माना जाता है कि, इससे पहले भी सेना के जवानों ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में अज्ञात उड़नशील वस्तु से सम्बंधित सौ से अधिक घटनाओं का अवलोकन किया। 2014 में एक अज्ञात उड़नशील वस्तु को देखे जाने का दावा लखनऊ में भी किया गया था। खगोल विज्ञानियों का मानना था कि, यह एक अज्ञात उड़न तश्तरी हो सकती है, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी। दुनिया भर के खगोलविदों का मानना है, कि यह कोई एक अन्य ग्रह हो सकता है, जिस पर जीवन मौजूद है। जिन लोगों ने यह अज्ञात उड़नशील वस्तु देखी, उनके अनुसार यह चमकदार वस्तु पहले घूमने लगी और फिर बढ़ती हुई नजर आयी। लोगों का कहना है कि, इसके बाद यह वस्तु एकदम सीधी अवस्था में आयी तथा फिर कहीं गायब हो गयी। इससे पहले अज्ञात उड़नशील वस्तु को 11 जुलाई को गुवाहाटी में, 12 जुलाई को शामली और 14 जुलाई को टूंडला (Tundla) में भी देखा गया था। अज्ञात उड़नशील वस्तुओं के प्रति लोगों के आकर्षित होने के कई कारण मौजूद हो सकते हैं। अक्सर यही माना जाता है, कि यहां एक ऐसा जीवन मौजूद है, जहां के प्राणी अत्यंत बुद्धिमान हैं।
अज्ञात उड़नशील वस्तुओं के लिए मानव का आकर्षण एलियंस की अपेक्षा इंसानों के बारे में अधिक बताता है। अमेरिका (America) में किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग सभी अमेरिकियों में से एक तिहाई लोग मानते हैं, कि एलियंस अंतरिक्ष यान वास्तविक हैं, तथा 10 प्रतिशत से अधिक लोगों का कहना है कि, उन्होंने इस तरह के अंतरिक्ष यान देखे हैं। फ़र्मिलाब (Fermilab) भौतिक विज्ञानी डॉन लिंकन (Don Lincoln) द्वारा अज्ञात उड़नशील वस्तु और एलियंस के प्रति मानव के आकर्षण पर एक पुस्तक “एलियन यूनिवर्स (Alien Universe)” लिखी गयी है। लिंकन यह भी बताते हैं, कि पिछले कई वर्षों में एलियंस के प्रति हमारा आकर्षण कैसे बदल गया है। उदाहरण के लिए हम अब उन्हें एक अजीब या विचित्र दिखने वाले मानव के समान मानते हैं।