गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक (Guinness World Records book) में नाम दर्ज कराने के जुनून ने हाल के दशकों में, भारत में रिकॉर्ड बनाने वाले लोगों की एक उप-संस्कृति को जन्म दिया है। यहां उपलब्धियों को दर्ज कराने के लिए देशी सूचीपत्र भी बनाए गये हैं, जिनमें इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स (India Book of Records) और लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स (Limca Book of Records) शामिल हैं, किंतु गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक के प्रति लोगों का जुनून या आकर्षण सबसे अधिक है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ लगभग हर 10 वां रिकॉर्ड वर्तमान समय में भारत से है। 1955 में जब यह शुरू हुआ, तो इसे ‘द गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (The Guinness Book of Records) के रूप में और अपने पिछले संस्करण में संयुक्त राज्य अमेरिका (America) में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के नाम से जाना जाता था। यह प्रतिवर्ष प्रकाशित होने वाली एक संदर्भ पुस्तिका है, जिसमें मानवीय उपलब्धियों और दुनिया की प्राकृतिक घटनाओं की चरम सीमाओं को सूचीबद्ध किया जाता है। सबसे अधिक बिकने वाली कॉपीराइटेड (Copyrighted) पुस्तक के रूप में, इसने अपने आप एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है। 2021 के संस्करण के अनुसार, इसे प्रकाशित हुए 66 वर्ष हो गये हैं, तथा यह 100 देशों और 23 भाषाओं में प्रकाशित हुई है, जिसमें 53,000 से भी अधिक रिकॉर्ड दर्ज किये गये हैं। अंतर्राष्ट्रीय फ्रैंचाइजी (Franchisee) ने मुद्रण से आगे बढ़कर टेलीविज़न श्रृंखलाओं और संग्रहालयों को शामिल किया है। फ्रैंचाइजी की लोकप्रियता के कारण गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्राथमिक अंतर्राष्ट्रीय प्राधिकरण बन गया है, जो विश्व रिकॉर्ड की एक बड़ी संख्या को सूचीबद्ध और सत्यापित करता है। रिकॉर्ड बनाने और उन्हें तोड़ने की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए संगठन एक रिकॉर्ड निर्णायक को नियुक्त करता है।
‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक’ के इतिहास की बात करें तो, इसकी शुरूआत तब हुई, जब 1951 को गिनीज ब्रुअरीज (Breweries) के प्रबंध निदेशक ह्यू बेवर (Hugh Beaver) निशानेबाजी के एक खेल में गये। अपने दोस्तों के साथ यहां वे इस उलझन में फंस गये कि, आखिर यूरोप (Europe) का सबसे तेज़ खेल पक्षी कौन है, गोल्डन प्लोवर (Golden Plover) या रेड ग्राउज़ (Red Grouse)? इसका उत्तर उन्हें गोल्डन प्लोवर प्राप्त हुआ, किंतु संदर्भ पुस्तकों से इस बात की पुष्टि करना असंभव था। बेवर ने महसूस किया कि, संसार में ऐसे अनेकों प्रश्न मौजूद हैं, तथा ऐसी कोई पुस्तक नहीं, जो इन प्रश्नों का उत्तर दे सके। इस प्रकार उन्हें एक ऐसी पुस्तक का विचार आया जो, इस तरह के प्रश्नों के उत्तर दे सके। बेवर का विचार तब वास्तविकता बन गया, जब गिनीज कर्मचारी क्रिस्टोफर चटावे (Christopher Chataway) ने उन्हें अपने विश्वविद्यालय के मित्रों नोरिस (Norris) और रॉस मैकविहटर (Ross McWhirter) से मिलवाया। इसके बाद तीनों ने मिलकर कई रिकार्ड्स इकट्ठे किये और उन्हें एक किताब का रूप देकर हज़ारों प्रतियां प्रकाशित की।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने के लिए लोगों ने कठिन से कठिन कार्यों को करके दिखाया है। विश्व की सबसे बड़ी मूंछों का रिकॉर्ड हो या फिर शरीर पर सबसे अधिक झंडों के टैटू (Tattoo) बनाने का रिकॉर्ड, गिनीज बुक में अनेकों ऐसे नायाब रिकॉर्ड भारत से दर्ज हुए हैं। वर्तमान समय में भारत में इसका जुनून बढ़ता ही जा रहा है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। भारत से रिकॉर्ड आवेदनों की वृद्धि पहली बार 1980 के दशक के उत्तरार्ध में हुई थी, जब देश पश्चिमी शैली की आधुनिकता को अपना रहा था। अपने प्रभाव या प्रधानता को बनाए रखने के लिए भारतीयों ने अनेक तरीके खोजे तथा गिनीज बुक उनके लिए सांस्कृतिक पूंजी प्राप्त करने का माध्यम बनी। भारत संभवतः दुनिया का सबसे प्रतिस्पर्धी देश है। यहां लोगों की संख्या संसाधनों से कई अधिक होती है, इसलिए उन्हें हर चीज के लिए प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। यह अथक प्रतिस्पर्धा, स्वाभाविक रूप से रिकॉर्ड बनाने की ओर ले जाती है। भारत में लोग अपनी एक विशेष और अलग छवि बनाना चाहते हैं, जो उन्हें रिकॉर्ड बनाने के लिए प्रेरित करता है। उपलब्धि, शक्ति या किसी चीज के प्रति आकर्षण या लगाव वे कारक हैं, जो लोगों को रिकॉर्ड बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके अलावा कॉर्पोरेट (Corporate) प्रचार भी रिकॉर्ड बनाने का एक अन्य कारण हो सकता है।
किसी भी रिकॉर्ड को बनाना बहुत आसान नहीं होता। इसके लिए जरूरी है, कि आप जिस कौशल में बेहतर हैं, उसी पर कार्य करें। प्रत्येक व्यक्ति कुछ चीजों में दूसरों की तुलना में बेहतर होता है, इसलिए उसी कौशल या कार्यों पर ध्यान देना फायदेमंद होगा, जिस चीज में आप बेहतर हैं। एक विश्वस्तरीय कलाकार बनना कोई आसान बात नहीं है, इसलिए अन्य महत्वाकांक्षी उच्च-कलाकारों से प्रशिक्षण पाना और प्रतिस्पर्धा करना आवश्यक है। कोई भी शीर्ष कलाकार एक ही रात में शीर्ष पद प्राप्त नहीं करता, छोटी-छोटी सफलताएं ही उन्हें उस शीर्ष पर ले जाती हैं, इसलिए जरूरी है, कि किसी भी बड़ी सफलता को प्राप्त करने के लिए छोटी-छोटी सफलताएं कायम की जाएं।
संदर्भ:
https://nyti.ms/3rTy0iQ
https://bit.ly/3pfzCBL
https://bit.ly/2ZcSc2Y
https://bit.ly/3jOtYW7
चित्र संदर्भ:
मुख्य तस्वीर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स दिखाती है। (विकिमीडिया)
दूसरी तस्वीर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रमाण पत्र दिखाती है। (विकिमीडिया)
तीसरी तस्वीर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए प्रमाण पत्र दिखाती है। (विकिमीडिया)