Post Viewership from Post Date to 18-Jan-2021 (5th day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1074 1004 0 0 2078

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

एक देश की शिक्षा निर्धारित करती है कि वह विकसित, विकासशील या अविकसित देश है या नहीं

लखनऊ

 13-01-2021 11:51 AM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

पिछली दो शताब्दियों में वैश्विक साक्षरता में काफी वृद्धि देखी गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनाडा (Canada) में स्नातकोत्तर आबादी की संख्या सबसे अधिक है, जबकि भारत 191 देशों में से 145 वें स्थान पर है। भारत सरकार ने साक्षरता को पढ़ने और लिखने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया है, जो संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन फ़ंड (United Nations International Children's Emergency Fund) की परिभाषा के समान है। साक्षरता दर जहां मूल रूप से पढ़ने और लिखने की क्षमता को संदर्भित करती है वहीं शिक्षा सूचकांक शैक्षिक प्राप्ति, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद और जीवन प्रत्याशा की माप को संदर्भित करता है। शिक्षा स्वास्थ्य का एक प्रमुख घटक है और इसका उपयोग आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता को मापने के लिए किया जा सकता है, साथ ही ये यह भी निर्धारित करता है कि एक देश एक विकसित, विकासशील या अविकसित देश है या नहीं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जहां भारत को अपने इंजीनियरों (Engineers) के लिए सम्मानित किया गया है वहीं दुनिया की निरक्षर आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा यहां निवास करता है। यह अनुमान लगाया गया था कि 2020 तक, भारत दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आबादी (8,690 लाख) का घर होगा लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि भारत अपनी युवा आबादी को शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए अभी तैयार नहीं है। कुल मिलाकर, जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, 2001 – 2011 के बीच भारत की साक्षरता दर 8.66 प्रतिशत से बढ़कर 74.04 प्रतिशत हुई, लेकिन राज्यों की यदि बात करें तो राज्यों में व्यापक विविधताएं देखने को मिलती हैं। जनगणना 2011 के अनुसार, भारत में सबसे कम साक्षरता दर वाले चार राज्य बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं, जहां शिक्षा का संकट विशेष रूप से स्पष्ट है।
देश की कुल 120 करोड़ आबादी में से 44.51 करोड़ आबादी इन चार राज्यों में निवास करती है। 2011 में बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में साक्षरता दर क्रमशः 61.8%, 67.1%, 67.7%, 70.6% थी, जो कि देश की कुल साक्षरता दर के औसत (74%) से कम है। 94% के साथ केरल की साक्षरता दर देश में सर्वाधिक आंकी गयी। वहीं अगर सीखने के स्तर की बात की जाये तो इन राज्यों में वह भी अपेक्षाकृत कम है। 2014-15 में उत्तर प्रदेश में 79.1% की स्थानांतरण दर के साथ, केवल कुछ ही बच्चे कक्षा 5 से कक्षा 6 में स्थानांतरित हुए। मध्य प्रदेश के कक्षा 5 में पढने वाले केवल 34.1% बच्चे ही कक्षा 2 का पाठ पढ़ सकते थे। यदि उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की बात करें तो वहां औसत साक्षरता दर 75.14% था जिसमें पुरुष साक्षरता 80.45% थी जबकि महिला साक्षरता 69.22% थी। उत्तर प्रदेश की कुल साक्षर आबादी 114,397,555 थी। इसी तरह उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में औसत साक्षरता दर 65.46 प्रतिशत थी। जिसमें से पुरुषों और महिलाओं की साक्षरता दर क्रमशः 76.33% और 53.65% थी। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल साक्षरता 85,284,680 थी। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत और उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर के तुलनात्मक अध्ययन से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की कुल साक्षरता दर (67.68%) भारत की औसत साक्षरता दर (72.98%) से कम है। राज्य में पुरुष साक्षरता दर 77.28% जबकि महिला साक्षरता दर 57.18% है। एक रिपोर्ट (Report) के अनुसार अगले 10 वर्षों में उत्तर प्रदेश और बिहार में भारत की सबसे अधिक युवा आबादी होगी। भारत की युवा आबादी की उत्पादकता इस बात पर निर्भर करेगी कि ये राज्य स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के अवसरों को कैसे बेहतर बनाते हैं। भारत के राज्यों में भिन्नता न केवल साक्षरता और नामांकन में, बल्कि उन कारकों में भी मौजूद है जो भविष्य में नामांकन और सीखने को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, भारत में साक्षरता को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक है जो राज्यों में अलग-अलग है। उदाहरण के लिए 2011 में महाराष्ट्र (साक्षरता दर 82.3%) में 2011-16 के लिए जन्म के समय अनुमानित जीवन प्रत्याशा 70.4 वर्ष थी। इसकी तुलना में, मध्यप्रदेश (निम्न साक्षरता दर -70.6%) में 2011-16 के लिए जन्म के समय अनुमानित जीवन प्रत्याशा 61.5 वर्ष (अपेक्षाकृत कम) थी। स्कूल नामांकन भी माता-पिता की शिक्षा, घर की संपत्ति, दोपहर के भोजन, बुनियादी ढांचे सहित अन्य कई कारकों से प्रभावित होता है। फिर भी बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य अपने अधिक साक्षर समकक्षों की तुलना में शिक्षा पर कम खर्च करते हैं। उदाहरण के लिए मध्य प्रदेश प्रति छात्र 11,927 रुपये खर्च करता है, जबकि तमिलनाडु प्रति छात्र 16,914 रुपये खर्च करता है। एक अन्य महत्वपूर्ण कारक जो स्कूली शिक्षा को प्रभावित करता है वह है माता-पिता की शिक्षा। उदाहरण के लिए 2014 में राजस्थान में 30.3% शिक्षित माताओं की तुलना में केरल (सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य) में 99.1% माताएँ शिक्षित थीं। इसके अलावा, गरीब राज्यों में नामांकन पर धन जैसे कारकों का भी अधिक प्रभाव पड़ता है। कुल मिलाकर, भारत में गरीब परिवारों के बच्चों की तुलना में अमीर परिवारों के बच्चे स्कूल में अधिक दाखिला लेते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में यह अंतर केरल की तुलना में अधिक है। इन सभी बातों से यह ज्ञात होता है कि जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, माताओं का शिक्षा स्तर और प्रति छात्र पर सरकारी खर्च, बच्चे की साक्षरता दर के अनुरूप होते हैं।

संदर्भ :-
https://en.wikipedia.org/wiki/Education_Index
https://www.censusindia.co.in/states/uttar-pradesh
https://gojiberries.io/2006/07/03/literacy-in-india-can-india-spell-success/
https://bit.ly/3sp5zuv
चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र स्नातक समारोह को दर्शाता है। (unsplash)
दूसरी तस्वीर में महिला को पढ़ने के लिए किताबें लेते हुए दिखाया गया है। (pixabay)


***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए समझते हैं, कैसे एग्रोफ़ॉरेस्ट्री, किसानों की आय और पर्यावरण को बेहतर बनाती है
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:32 AM


  • आइए देंखे, मोटो जी पी से जुड़े कुछ हास्यपूर्ण और मनोरंजक क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:27 AM


  • लखनऊ के एक वैज्ञानिक थे, अब तक मिले सबसे पुराने डायनासौर के जीवाश्म के खोजकर्ता
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:35 AM


  • लखनऊ की नवाबी संस्कृति को परिभाषित करती, यहां की फ़िज़ाओं में घुली,फूलों व् इत्र की सुगंध
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:24 AM


  • रक्षा क्षेत्र में, पूरे देश को आत्मनिर्भर बना रहा है, उत्तर प्रदेश
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:28 AM


  • शारदा सहायक परियोजना की नहरों ने, लखनऊ क्षेत्र के कई किसानों की मदद की है
    नदियाँ

     18-12-2024 09:28 AM


  • पक्षी जीवन से भरा हुआ है लखनऊ का प्राकृतिक परिदृश्य
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:32 AM


  • क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ से बचाव करना, आज के समय है आवश्यक
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:36 AM


  • आइए, कुछ सबसे लोकप्रिय यूरोपीय क्रिसमस गीतों का आनंद लें
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:47 AM


  • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर जानिए, लखनऊ के ग्रीन होम्स, कैसे कर रहे हैं, ऊर्जा की बचत
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id