क्या भूकंप का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है?

लखनऊ

 02-12-2020 10:18 AM
पर्वत, चोटी व पठार

वर्तमान समय में जब हम तूफान, बाढ़ और बवंडर के आने का पूर्वानुमान लगा सकते हैं, तो हमें यह क्यों नहीं पता चलता कि अगला बड़ा भूकंप कब आएगा? 2009 में, वैज्ञानिक इटली में आए L’Aquila भूकंप की भविष्यवाणी करने में विफल रहे थे, जिससे 300 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। लेकिन वर्तमान समय में हम भूकंप की भविष्यवाणी करने में कितने सफल हुए हैं? दरसल न तो यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे, यूएसजीएस (United States Geological Survey, USGS) और न ही कोई अन्य वैज्ञानिक कभी भी बड़े भूकंप की भविष्यवाणी कर सकता है। यूएसजीएस वैज्ञानिक केवल इस संभावना की गणना कर सकते हैं कि किस वर्ष में एक विशिष्ट क्षेत्र में एक भूकंप आ सकता है। भूकंप की भविष्यवाणी को 3 तत्वों में परिभाषित करा जाता है 1.) दिनांक और समय, 2.) स्थान, और 3.) परिमाण।

भूकंप क्या होता है, इस बारे में हमारी समझ प्लेट टेक्टोनिक्स (Plate Tectonics) के सिद्धांत पर आधारित है, या यह विचार है कि पृथ्वी की बाहरी परत चट्टान के प्लेटों के चल सिल्ली से बनी है। ये प्लेटें चट्टानों के ऊपर चारों ओर घूम सकती हैं, फिर भी नीचे उनके अंदर एक और परत है, जिसे पृथ्वी का मैंटल (Mantle) कहा जाता है, जो पृथ्वी के अंतरक के पिघले हुए पदार्थ के ऊपर मौजूद होता है। प्लेट टेक्टोनिक्स का हमारा आधुनिक सिद्धांत केवल 1950 के दशक के आसपास रहा और यह माना गया कि इसमें नौ प्रमुख प्लेटें हैं। इन प्लेटों में से प्रत्येक की सीमाओं के साथ कई खराब रेखाएं मौजूद हैं, जहां से ग्रह के अधिकांश भूकंप आते हैं।
कभी-कभी अपने सापेक्ष स्थानांतरण के दौरान, ये टेक्टॉनिक प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी के लिथोस्फीयर (Lithosphere) में अचानक ऊर्जा जारी होती है, जो भूकंपीय तरंगों का निर्माण करती है। जब एक बड़े भूकंप का केंद्र तटीय क्षेत्र के नज़दीक होता है, तो वह सुनामी का कारण बन जाता है। भूकंप भूस्खलन और कभी-कभी, ज्वालामुखीय गतिविधि को भी सक्रिय कर देते हैं। भूकंप अक्सर दो कारणों से होते हैं, एक तो प्राकृतिक गतिविधि के कारण से या मानव गतिविधि के कारण। वैसे तो अधिकांश भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण होते हैं, परन्तु मानव गतिविधि भी भूकंप को उत्पन्न करती है। मानव द्वारा की जाने वाली चार मुख्य गतिविधियां कुछ ये हैं : एक बांध के पीछे बड़ी मात्रा में पानी का भंडारण करना, खुदाई और द्रव पदार्थों को कुओं में डालना, कोयला खनन और तेल की खुदाई द्वारा भूकंप आने की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाती हैं।
भूकंप कई आकार में हो सकते हैं, एक काफी हल्का होता है जिसे न ही महसूस किया जाता है और न ही उस से कोई जान-हानि या नुकसान होता है, जबकि कई भूकंप काफी तीव्र हो सकते हैं। हालांकि भूकंप के झटकों का पूर्वानुमान लगाना अभी तक संभव नहीं हो सका है, लेकिन भूकंप के दौरान सुरक्षित रहने के लिए हम कुछ सावधानियों को अपना सकते हैं।
यदि आप भूकंप के दौरान घर के अंदर हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप निम्नलिखित कार्य करें:
• सबसे पहले ज़मीन पर लेट जाएं, फिर किसी मज़बूत मेज़ या फर्नीचर (Furniture) के नीचे आवरण लें और झटके बंद होने तक बाहर ना निकलें। यदि आसपास कोई मेज़ नहीं है तो अपने चेहरे और सिर को अपनी बाहों से ढँक लें और भवन के एक कोने में स्थिर बैठ जाएं।
• कांच, खिड़कियों, बाहर के दरवाजों और दीवारों से दूर रहें क्योंकि वहाँ से कुछ भी गिर सकता है।
• भूकंप आने पर बिस्तर पर ही रहें और सर को तकिए से ढक लें, यदि आपके आस पास कोई भारी चीज़ है जो आपके ऊपर गिर सकती हो तो उस स्थिति में किसी नज़दीकी सुरक्षित स्थान में आवरण लें।
• ऐसे किसी द्वार का उपयोग न करें जो भार उठाने में आसमर्थ हो।
• जब तक झटके संपूर्ण रूप से बंद न हो जाएं तब तक अंदर रहें और तब बाहर आएं जब बाहर आना सुरक्षित हो। कई अनुसंधान से पता चला है कि लोगों को ज्यादातर चोटें तब लगती हैं जब वे इमारत से बाहर निकलने का प्रयास करते हैं।
• लिफ्ट (Lift) का उपयोग न करें क्योंकि ध्यान रखें कि बिजली जा सकती है या आग लग सकती है।
यदि आप भूकंप के दौरान बाहर हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
• जहां हैं वहीं खड़े रहें, परंतु इमारतों, सड़क में मौजूद लाइटों (Light) और तारों से दूर रहें।
• जब तक झटके बंद न हो जाएं, तब तक वहीं खड़े रहें। बाहरी दीवारों के बाहर और साथ ही बाहरी इमारतों के आसपास सबसे ज्यादा खतरा मौजूद होता है।
यदि आप भूकंप के दौरान एक चलती गाड़ी में हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
• जैसे ही झटके महसूस हों एक सुरक्षित स्थान देखकर जल्द से जल्द रूक जाएं, और वाहन के अंदर ही रहें। इमारतों, पेड़ों, ओवरपास (Overpass) और तारों के पास या नीचे ना रुकें।
• भूकंप के रुकने के बाद सावधानी से चलें और भूकंप से क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों के आसपास जाने से बचें।
यदि आप भूकंप के दौरान या उसके बाद मलबे के नीचे फंस जाते हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
• माचिस ना जलाएं।
• इधर-उधर ना हिलें और धूल ना उड़ाएं।
• एक रूमाल या कपड़े से अपना मुँह ढक लें।
• किसी पाइप या दीवार पर मारें ताकि बचावकर्मी आपका पता लगा सकें। यदि उपलब्ध हो तो किसी सीटी का उपयोग करें। अंतिम उपाय के रूप में एक बार चिल्लाएँ परन्तु चिल्लाना आपके लिए खतरनाक हो सकता है तथा इससे मुँह में अधिक मात्रा में धूल घुसने की संभावना हो सकती है।
भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में भी कई बार भूकंप आ चुके हैं। भूकंप की तीव्रता और उच्च आवृत्ति का कारण लगभग 47 मिमी / वर्ष की दर से एशिया में चलने वाली भारतीय प्लेट हैं। निम्नलिखित उन प्रमुख भूकंपों की एक सूची है जो भारत में आए हैं, जिन्होंने देश में काफी क्षति या हताहत किया है:

कई बार कुछ लोगों का कहना है कि भूकंप की भविष्यवाणी कुछ चिह्नों के द्वारा की जा सकती है, परन्तु भूकंप का बादलों और शारीरिक दर्द से कोई लेना-देना नहीं है। भूकंप एक वैज्ञानिक प्रक्रिया का हिस्सा है, और ये सब बातें वैज्ञानिक सबूतों पर आधारित नहीं हैं।
साथ ही कई ऐसी भविष्यवाणी भी करी जाती हैं कि अगले 30 दिनों में अमेरिका में कहीं M4 भूकंप आएगा या आज अमेरिका के पश्चिमी तट पर एक M2 भूकंप आएगा आदि, तो यह स्वाभाविक बात है कि इनमें से एक भविष्यवाणी सच हो सकती हैं। यूएसजीएस अल्पकालिक भविष्यवाणियां करने के बजाय संरचनाओं की सुरक्षा में सुधार करने में मदद करके भूकंप के खतरों को कम करने के प्रयास पर अपना ध्यान केंद्रित करती है।

संदर्भ :-
https://www.scientificamerican.com/article/can-we-predict-earthquakes-at-all1/
https://www.ses.vic.gov.au/get-ready/quakesafe/what-to-do-in-an-earthquake
https://en.wikipedia.org/wiki/Earthquake
https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_earthquakes_in_India
https://on.doi.gov/3lpWP2f
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में भूकंप से हुई बर्बादी को दिखाया गया है। (Flickr)
दूसरे चित्र में भूकंप से टूटे हुए घरों को दिखाया गया है। (Flickr)
तीसरे चित्र में भारत में आए प्रमुख भूकंपों की सूची दी गई है। (Prarang)
चौथे चित्र में भूकंप के बाद घर का चित्र दिखाया गया है। (Prarang)


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