वायरस महामारी के दौर में लोग घरों में ही रहकर समय बिता रहे हैं। धीरे-धीरे लोगों ने अपने बाग बगीचों की देखभाल और जिनके यहां बाग नहीं थे वे इस दौरान बागवानी में जुट गए। इस सब ने वैश्विक स्तर पर बीजों की मांग बढ़ाई है। घर पर रहकर लोग अपनी झाड़ियों को तराश रहे हैं और घर में सब्जी उगाने की तैयारियां कर रहे हैं। ऐसे में एक तरफ अगर बीजों की मांग बढ़ी है, तो दूसरी तरफ नर्सरी का व्यवसाय खूब फल फूल रहा है। लोग तलाश कर रहे हैं ऐसे पौधों की जिनकी रखरखाव पर ज्यादा काम ना करना पड़े और अच्छा सा किचन गार्डन भी तैयार हो जाए।
जितने भी देशों में कोरोना महामारी ने पैर फैलाए हैं, वहां इसने फसलों की कटाई और वितरण को बहुत धीमा कर दिया है। खाने-पीने की सामग्री की व्यवस्था और सुरक्षा के लिए लोग घरेलू बागवानी और किचन गार्डनिंग की तरफ बहुत बड़ी तादाद में आकर्षित हुए हैं। घर से दफ्तर करने वाले कर्मचारी या लंबी छुट्टी पर चल रहे लोग इस काम को खाली समय के सदुपयोग के रूप में ले रहे हैं। उधर स्कूल बंद होने के कारण बच्चे भी घर में ही पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों की ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए माता पिता भी उन्हें अपने साथ बागवानी में लगा रहे हैं । लोक बागवानी से जुड़ी चीजों की जबर्दस्त खरीदारी कर रहे हैं। बीज बेचने वाली कंपनियों का बयान है कि दुनिया भर में लोग शौकिया बागवानी की ओर ज्यादा रुझान दिखा रहे हैं।
ऐसे समय में जब दुनिया के लोग डर और अनिर्णय की स्थिति में कोरोनावायरस के चलते दहशत के शिकार हैं, लॉकडाउन ने अनोखे अंदाज में हरा रंग उनके जीवन और उनके बगीचों को रंग बिरंगा बना दिया। आज बढ़ी हुई बीजों की खपत भविष्य में बीजों के संकट का कारण भी बन सकती है। बीज की दुकान का व्यवसाय इस समय 10 गुना बढ़ गया है। भावी परिणाम जो भी हो, लोग घर में फल सब्जी उगा कर चौतरफा संतुष्ट है- पूरे परिवार की इसमें भागीदारी है, खाद्य सुरक्षा एवं मुद्दा है और कुछ सार्थक करने की संतुष्टि भी है।
भोजन में बढ़ता ताजा स्वाद
अपने बाग में उगाई ताजी सब्जियों से भोजन में स्वाद भी लाजवाब हो रहा है। ताजी सब्जियां और फल घर में उगाने से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। सूप पर ताजी कटी हरे धनिए की पत्तियों की खुशबू, शोरबे के ऊपर हरी हरी पत्तियों की ताजगी, चाय में महकती ताजी पुदीने की पत्तियां हमें सोचने को मजबूर कर रही हैं कि अपने भाग से थोड़ी ताजी चीजों से रसोई में खाना पकाना कितना अद्भुत अनुभव है। रेडीमेड (Readymade) खाने की सामग्री लेने या एक गुच्छा सब्जी के लिए तमाम रुपए लुटाने से बेहतर घर में उगाई सामग्री का जी भर कर इस्तेमाल है।
आसानी से उगने वाले शाक और जड़ी बूटी
कोरोना काल में अपनी रोग रोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घरेलू किचन गार्डन में कुछ बहुत ही उपयोगी और लोकप्रिय शाक और जड़ी बूटियां आसानी से उगाई जा सकती हैं। इनकी खुशबू और स्वाद बहुत ही अलग होते हैं। एक बार इन्हें उगा कर जमीन से जुड़े इनके स्वाद का मजा हम अपने खाने की मेज पर रोज ले सकते हैं।
धनिया
धनिए के बीजों को एक पंक्ति में जमीन में बोना चाहिए। इसमें ज्यादा पानी नहीं डालना चाहिए। बहुत जल्दी धनिया की पतली डालें दिखनी शुरू हो जाती हैं। इन्हें रोज तोड़कर हम अपने भोजन को खुशबूदार बना सकते हैं।
पुदीना
पत्तियों को तोड़कर पुदीने की दलों को एक गमले में रोपा जा सकता है। एक बार जब इसमें जड़ें आ जाती हैं तो यह बहुत जल्दी बढ़ता है ।यह बहुत ही उर्वर जड़ी है। इसे गमले में ही उगाना चाहिए। पुदीने की ताजी पत्तियों की चटनी और रायता बहुत स्वादिष्ट होते हैं।
तुलसी
यह पवित्र पौधा अधिकतर सभी भारतीय घरों में उगाया जाता है। तुलसी के पौधे को ढेर सारा पानी और रोशनी चाहिए। इसे मॉनसून से ठीक पहले बोना चाहिए। तुलसी का स्वाद गर्म और मसालेदार होता है। चाय में इस्तेमाल होने के अलावा यह गले की खराश, सर्दी और कफ का इलाज भी करती है। कीड़े के काटने पर इसकी पत्तियां पीसकर लगाने से ढंग का असर समाप्त हो जाता है, ऐसी मान्यता है।
लेमन ग्रास
बाजार में से खरीद कर पानी भरे जार में पहले रखा जाता है। 2 इंच बढ़ने तक रोज इसका पानी बदला जाता है। इसके बाद इसे धूप में रखे गमले में रखकर उसे नम रखा जाता है। ज्यादातर लोग इसे चाय बनाने में इस्तेमाल करते हैं, पर इसे खुशबूदार पास्ता सॉस और थाई करी में भी प्रयोग कर सकते हैं।
करी पत्ता
खुशबूदार करी पत्ता पौधे को भरपूर धूप चाहिए। इसलिए इसे सीधे धूप में साल भर रखना चाहिए, सिर्फ तेज गर्मियां छोड़कर। इसके बीज भी लगाए जाते हैं और 3 इंच लंबे तने को भी रोपा जा सकता है। बचा हुआ दही और मक्खन दूध घरेलू खाद का काम करते हैं।
अजवाइन
इसे लगाना बहुत आसान है। इसे ना ज्यादा धूप, ना पानी चाहिए। ताजी पत्तियां बहुत स्वादिष्ट होती हैं और पेट के रोग ठीक करती हैं। रायते सलाद पर इसे इस्तेमाल करने के साथ-साथ ताजी पत्तियों को चबाने पर यह नैसर्गिक माउथ फ्रेशनर (Mouth Freshner) का काम करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह पौधा घर के लिए सौभाग्यशाली होता है।
सोया भाजी
इसे पानी की अच्छी निकासी, अच्छी धूप और तेज हवा से सुरक्षा चाहिए। डंठल का सहारा देकर इसे उगाया जा सकता है। इसके दोनों तरफ पत्तियों का तीखा कड़वा स्वाद होता है। दक्षिण भारतीय व्यंजन में इसका बहुत प्रयोग होता है।
लाल मिर्च
भारतीय मसालों की प्रमुख जड़ी है लाल मिर्च। सूखी लाल मिर्च को तोड़कर उसके बीज एक सीड ट्रे में उगाए जाते हैं। जब इसमें 4 से 6 पत्तियां आ जाती हैं तब बड़े गमले में इसे स्थानांतरित कर दिया जाता है। इस पौधे को धूप-पानी की बराबर जरूरत होती है।
पारस्ले
इसके बीजों को रात भर भिगोकर रखा जाता है और इन्हें बहुत नजदीक नजदीक बोया जाता है। लंबा समय लगता है इन्हें अंकुरित होने में। लगभग तीन चार हफ्ते। इसे सलाद, पास्ता और सॉस को सजाने में भी प्रयोग किया जाता है।
चांगेरी / तिनपतिया
यह एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी है। इसका प्रयोग विटामिन सी की कमी, गठिया, अपच और दस्त के इलाज में होता है। इसका स्वाद खट्टा मीठा होता है। धूप और छांव में इसकी ठीक बढ़वार होती है। इसके फूल,फल और पत्तियां सब खाए जाते हैं। इसका प्रयोग आम धनिया पुदीना की चटनी बनाने में भी होता है।
इससे बढ़िया और क्या हो सकता है कि आप सीधे - ताजे शाक के साथ अपना भोजन करें। कोरोना वैश्विक महामारी के इस कठिन दौर ने सभी को अपनी सेहत खासकर इम्यूनिटी (Immunity रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाने के प्रति जागरूक किया है।
सन्दर्भ:
https://bit.ly/3dTJXOA
https://bit.ly/2ZcHevs
https://www.economist.com/britain/2020/05/02/a-nation-of-gardeners
https://india.mongabay.com/2020/04/greens-grown-in-urban-kitchen-gardens-beat-the-lockdown-blues/
https://www.thebetterindia.com/63695/herb-garden-home/
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में छत पर किचन गार्डन का चित्रण है। (Youtube)
दूसरे चित्र में एक घर की छत पर उगाये गए सब्जियों के पौधे दिखाई दे रहे हैं। (Youtube)
तीसरे चित्र में छत पर बनाया गया गार्डन दिखाई दे रहा है। (Flickr)
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