लॉकडाउन (Lockdown) के चलते होम शेफ (Home Chefs) खुद को छोटे उद्यमियों के रूप में स्थापित कर रहे हैं। होम शेफ की खोज करने के लिए बनाया गया एक मोबाइल एप यम्मी आइडिया (Mobile App Yummy Idea) पर पिछले पांच महीनों में 1500 से अधिक होम शेफों ने पंजीकरण करवाया। ऐसे ही एक अन्य मंच फूड क्लाउड (Food Cloud) ने लगभग 1000 से अधिक लाइसेंस (License) प्राप्त होम शेफ ऑनबोर्ड (Onboard) किए। कुछ शेफ घर से ही 2 लाख से ज्यादा का व्यवसाय कर रहे हैं। घोस्ट किचन (Ghost Kitchens) ने कहा कि वह पेशेवर वितरण ब्रांडों (Professional Delivery Brands) को लॉन्च (Launch) करने के लिए इन महिला उद्यमियों के साथ सहयोग कर रहा है।
होम शेफ, हॉस्पिटैलिटी (Hospitality) के अधिकारियों और ब्लॉगर्स ईटी (Bloggers ET) सहित एक दर्जन लोगों ने एकमत होकर कहा कि ये उद्यमी संगठित हो रहे हैं। वे फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety and Standards Authority of India) से लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं, छोटे वाणिज्यिक अपनी रसोई खोल रहे हैं, स्थानीय स्तर पर विज्ञापन दे रहे हैं, इंस्टाग्राम (Instagram) और व्हाट्सएप (Whastapp) से ऑर्डर (Order) ले रहे हैं, ऑनलाइन (Online) भुगतान स्वीकार कर रहे हैं, और डुनजो (Dunzo), स्विगी (Swiggy) एवं वेफास्ट (Wefast) जैसी लॉजिस्टिक्स (Logistics) सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। ये अपने ब्रांड (Brand) के प्रचार के लिए सोशल मीडिया (Social Media) का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। भारत में खाद्य व्यवसाय में बहुत ज्यादा अवसर हैं। कम लागत, स्वास्थ्य और स्वच्छता के संबंध में उपभोक्ताओं में बढ़ती जागरूकता के साथ, यह व्यवसाय आने वाले समय में बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा।
पिछले कुछ वर्षों में भारत में कई नई-नई पाक शैलियों को अपनाया गया, जिनमें से एक है लाइव कुकिंग (Live cooking)। लाइव कुकिंग पाक-कला का ही एक रूप है, जिसमें रसोइये या शेफ की प्रमुख भूमिका होती है, जो खुली रसोई में पकवान तैयार करता है और मेहमानों को परोसता है। भारत के कई रेस्तरां (Restaurant) में कई व्यंजन अब लाइव तैयार किए जाते हैं। भारतीय लोगों ने इस पाक कला को बड़ी आसानी से स्वीकार भी कर लिया है। हालांकि वर्षों से भारतीय रसोइए अलग किचन में खाना बनाते आये थे, किंतु फिर भी इन्होंने इस पाक कला को बड़ी खूबसूरती से अपनाया और स्वयं को एक पारंगत रूप में प्रस्तूत किया।
लाइव कुकिंग संपूर्ण भोजन पकाने की प्रक्रिया से लेकर उसे ग्रहण करने तक के अनुभव को परस्पर संवादात्मक और जीवंत बनाती है। यह मेहमानों को मौजूदा मेनू (Menu) से अपने पसंदीदा व्यंजन को बनवाने में मदद करता है। कोथू परोथा (Kothu Parothas), पास्ता (Pastas), नूडल्स (Noodles), चाइनीज फ्राइड राइस (Chinese Fried Rice) जैसे व्यंजन हमारे होटल और रेस्त्रां (Hotel & Restaurant) में काफी प्रसिद्ध हैं और मेहमानों के लिए इन भोजन के साथ अतिरिक्त सॉस (Sauces), सब्जियां जोड़ना और रसोइयों को भोजन पकाते हुए देखना काफी रूचिकर लगता है।
लाइव कुकिंग के लाभ
लाइव किचन स्थापित करने का मतलब था कि रेस्तरां के काम करने के तरीके को बदलना और व्यंजन तैयार करने के तरीके के बारे में अधिक सावधान रहना। हालांकि भारतीय रसोइयों ने इसे बड़ी ही निपुणता से निभाया। भोजन पकाना और उसे परोसना वास्तव में एक प्रदर्शन कला है, जिसे अब लाइव किचन (Live Kitchen) के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा।
लाइव किचन का सबसे बड़ा फायदा शेफ और मेहमानों के बीच जुड़ाव है। लाइव किचन परस्पर संवाद बढ़ाने, शेफ की भोजन पकाने की शानदार कला को प्रदर्शित करने, भोजन के रंग रूप और सुगंध को करीब से महसूस करने आदि के अवसर प्रदान करती है। इसमें भोजन तैयार करने की प्रक्रिया पूर्णत: पारदर्शी होती है। इसके साथ ही शेफ भी मेहमानों के स्वादानुसार मसालों का उपयोग कर सकते हैं। एक अन्य लाभ यह है कि भोजन की अधिकता से बचा जाता है, क्योंकि भोजन को लाइव रसोई में सही मात्रा में आवश्यकता के अनुसार तैयार किया जाता है।
लाइव कुकिंग की चुनौतियां
हालांकि कोई भी परिर्वतन बिना चुनौतियों के नहीं होता, एक शोध से पता चला है कि कई लोगों के लिए लाइव कुकिंग भयावह थी। जिस प्रकार एक बार बोले गए शब्दों को वापस नहीं लिया जा सकता है, वैसे ही अतिथि के सामने एक बार बनाए गए बुरे भोजन में फिर से कोई सुधार नहीं किया जा सकता और न ही मेहमानों के मन में उस भोजन के प्रति उठी नकारत्मकता को समाप्त किया जा सकता है।
रसोई के भीतर खाना बनाना हमेशा आसान होता है क्योंकि चीजें आसानी से उपलब्ध होती हैं और शेफ को सभी सुविधाओं के साथ-साथ बैक-अप (Back-ups) भी प्रदान किया जाता है। दूसरी ओर लाइव कुकिंग बहुत स्पष्ट और सटीक होनी चाहिए। कुछ रसोइयों के लिए लाइव किचन में एक चुनौती यह भी है कि वे कुछ विशिष्ट भोजन को पकाने की प्रक्रिया को ग्राहक के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं, किंतु इसमें छिपाना भी कठीन होता है। ऊपर से एक लाइव रसोई में कई बार मेहमानों का शोर रसोइये के भोजन पकाने की प्रक्रिया पर बुरा प्रभाव डालता है। बड़े समारोह जैसे शादी ब्याह में लाइव कुकिंग एक बहुत बड़ी चुनौती है, इसमें हजारों लोगों की पसंद का अलग अलग भोजन बनाना कठिन कार्य है।
लाइव कुकिंग का एक स्वरूप द्वीतीय विश्व युद्ध के बाद जापान में विकसित हुआ, जिसे तेप्पनयाकी (Teppanyaki) नाम दिया गया। इसमें लोहे की जाली या तवे के ऊपर भोजन पकाया जाता है। इस विधि से तैयार भोजन हल्का, ताजा एवं स्वादिष्ट होता है। जापान में यह भोजन काफी लोकप्रिय है और इसको परोसना आम बात है। अक्सर सामुदायिक भोजन पकाते समय इस विधि का उपयोग करते हैं, लोग स्वयं ही लोहे की छड़ों की सहायता से भोजन पकाते हैं, साथ में बातचीत करते हैं और शराब पीते हैं। परंपरागत रूप से, इस विधि का उपयोग केवल उच्च तापमान पर खाना पकाने के लिए किया जाता था। भारत की लाइव किचन में भी इसका व्यापक उपयोग किया जा रहा है, इसके साथ ही शादी समारोह में भी इसका उपयोग हो रहा है।
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