कहानियां : भाई दूज की

लखनऊ

 16-11-2020 03:56 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

त्यौहार पूरे भारत में उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। भाई दूज का त्यौहार विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की दूसरी चंद्र तिथि को मनाया जाता है। दिवाली के बड़े उत्सव के बाद भाई दूज के दिन बहने भाई की लंबी उम्र और उनके समृद्ध जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। भाई उन्हें उपहार देते हैं। यह त्यौहार अलग-अलग नामों से पूरी दुनिया में मनाया जाता है। भारत में भाई-बहन के दो प्रमुख त्यौहार होते हैं- भाई दूज और रक्षाबंधन। भारत में अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग नामों से यह मनाए जाते हैं।


परंपरा और रीति-रिवाज
पारंपरिक तैयारियों में बहने सबसे पहले चावल के आटे से भाई के लिए आसन बनाती हैं। सिंदूर, दही और चावल से पवित्र टीका भाई के माथे पर लगाती हैं। इसके बाद कद्दू का फूल, सुपारी की पत्तियां, सुपारी और सिक्के भाई की हथेलियों में रखती हैं। फिर धीरे-धीरे उन पर पानी की धार डालते हुए मंत्र पढ़ती हैं। यह मंत्र यम से संबंधित होते हैं-’हे यमराज, मैं यह आपको अर्पित कर रही हूं।’ इसके बाद भाई के हाथ पर कलावा बांधकर उसकी आरती की जाती है। दक्षिण की ओर मुंह करके एक दिया जलाया जाता है। इसके बाद आसमान में उड़ती पतंग को देखना शुभ शकुन माना जाता है ताकि अपनी कामनाएं पूरी हो जाए। भाई को उसकी पसंद की मिठाई खिलाई जाती है। इसके बाद भाई-बहन के बीच उपहारों का आदान-प्रदान होता है और बड़ों से आशीर्वाद लिया जाता है।

भाई दूज - भारत के अन्य प्रांतों में
बिहार में भाई दूज बहुत ही अजीब ढंग से मनाने की प्रथा है। पहले तो बहने भाइयों को जी भर कर धिक्कारती और गालियां देती हैं और फिर सुई से जीभ को छेद कर भाइयों से माफी मांगती हैं। भाई बदले में उन्हें आशीर्वाद देते हैं। पश्चिम बंगाल में इसे भाई फोटा कहते हैं। यह काली पूजा के बाद पहले या दूसरे दिन मनाया जाता है। बहुत सारे रिवाज होते हैं और अंत में भाइयों को भव्य दावत दी जाती है। इसमें 5 साल से बड़े भाई बहन हिस्सा लेते हैं। बहनें सुबह से रस्म खत्म होने तक व्रत रखती हैं। ईश्वर से भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए बहने भाई के माथे पर घी, चंदन और काजल का टीका लगाती हैं। इस अवसर की प्रमुख मिठाइयां खीर और नारियल के लड्डू होते हैं।

महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और गोवा

मराठी भाषी महाराष्ट्र और गोवा के लोग इसे भाऊ बीज नाम से मनाते हैं। बहनें जमीन पर एक वर्गाकार आकृति बनाती हैं, जिस पर भाइयों को एक कड़वा फल कैरिथ खाने के बाद बैठाया जाता है। पूरे परिवार के साथ आनंदपूर्वक त्यौहार मनाया जाता है । यह त्यौहार भाई बीज या भाऊबीज के नाम से भी महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात और कर्नाटक में मनाया जाता है। जिन बहनों के भाई नहीं होते वह चंद्र देवता की पूजा करती हैं। बहनें हाथ पर मेहंदी भी रचाती हैं। बसुंडि पूरी या खीरनी पूरी और श्रीखंड पूरी इस त्यौहार के कुछ लोकप्रिय पकवान है।

कैसे अलग है भाई दूज रक्षाबंधन से

भाई बहन के अनोखे रिश्ते से जुड़े दो त्यौहार भारत में मनाए जाते हैं- रक्षाबंधन और भाई दूज। रक्षाबंधन में भाई की कलाई पर बहन राखी बांधती है, भाई दूज पर भाई के माथे पर तिलक लगाती है। केवल बहन ही नहीं चचेरी बहन, साली, चाची कोई भी स्त्री जिससे रक्त संबंध ना हो, राखी बांध सकती है।

‘भविष्य पुराण’ में कथा है कि देवताओं और असुरों में युद्ध चल रहा था। युद्ध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। तब भगवान इंद्र की पत्नी शची भगवान विष्णु के पास समाधान मांगने गई। उन्होंने पवित्र सूती धागे से बना कंगन शची को दिया। शची ने इसे अपने पति के हाथ पर बांधा और उन्होंने राक्षसों के राजा बलि को हरा दिया और घर वापस आ गए। पहले के भी कुछ उदाहरण मिलते हैं जब पत्नियां पतियों को रण में जाते समय ताबीज बांधती थीं। एक अन्य कथा यमराज, मृत्यु के देवता और उनकी जुड़वा बहन यमुना से जुड़ी है। यमराज बहन से मिलने जाते हैं, तो यमुना उनके माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती है। यमराज खाली हाथ वहां गए थे, लेकिन उन्होंने यह घोषणा की कि आज के बाद जब भी कोई बहन अपने भाई के साथ भाई दूज मनाएगी, तो भाई कभी नर्क नहीं जाएगा। भाई दूज की तीसरी कहानी भगवान कृष्ण से जुड़ी है। नरकासुर को हराने के बाद कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए। सुभद्रा ने उनका तिलक, फूलों और आरती से स्वागत किया। कहा जाता है कि उसी दिन से बहनों द्वारा भाइयों की रक्षा के लिए यह पर्व शुरू हुआ।

रक्षाबंधन में भाई बहन की रक्षा का वचन देता है और भाई दूज भाई की रक्षा के लिए बहनों की प्रार्थना का पर्व है। दोनों अवसरों पर भाई बहन को उपहार देते हैं

सन्दर्भ:
https://www.thequoteunquote.com/culture/874/How-is-Bhai-Dooj-different-from-Rakshabandhan
https://bit.ly/2PcUxqM
https://www.fnp.com/article/how-is-bhai-dooj-celebrated
चित्र सन्दर्भ:
पहली छवि भाई और बहन के बीच प्रेम को दर्शाती है कि वे भाई दूज कैसे मनाते हैं।(inscout)
दूसरी छवि में बहन द्वारा भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षा बंधन का उत्सव दिखाया गया है।(istock)
तीसरी छवि से पता चलता है कि बहन भाई दूज के अवसर पर तिलक करती हैं।(prarang)


RECENT POST

  • क्या शादियों की रौनक बढ़ाने के लिए, हाथियों या घोड़ों का उपयोग सही है ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:25 AM


  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id