इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग, और कमांड नेटवर्क (ISRO Telemetry, Tracking and Command Networ-ISTRAC) को इसरो के सभी उपग्रह और प्रक्षेपण वाहन मिशनों के लिए ट्रैकिंग समर्थन प्रदान करने की प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसका एक ग्राउंड स्टेशन (Ground station) लखनऊ में भी है, जो भारतीय गहन अंतरिक्ष नेटवर्क का हिस्सा है और सभी निम्न पृथ्वी उपग्रहों के समन्वित तथा आदेशित करने में मदद करता है। लेकिन ऐसे भी उपग्रह मौजूद हैं जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से बहुत आगे निकल जाते हैं और आगे भी सूरज के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से निकलकर अंतर-तारकीय अंतरिक्ष (Interstellar space) में तल्लीन हो जाते हैं। वॉयजर गोल्डन रिकॉर्ड (Voyager Golden Records) दो ऐसे फोनोग्राफ रिकॉर्ड (Phonograph records) हैं, जिन्हें 1977 में लॉन्च (launched) किए गए दोनों वॉयजर अंतरिक्षयानों पर रखा गया था। इस वॉयजर अंतरिक्ष यान का निर्माण संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया गया था। रिकॉर्ड में पृथ्वी पर जीवन और संस्कृति की विविधता को दर्शाने के लिए चुनी लोकप्रिय ध्वनियाँ और प्रसिद्ध चित्र हैं, जिन्हें उस बुद्धिमान अलौकिक जीवन रूप को भेजा गया है, जिसे ये रिकॉर्ड प्राप्त होंगे।
वॉयजर -1 प्रोब (Probe) वर्तमान में पृथ्वी से सबसे दूर मानव निर्मित वस्तु है। वॉयजर -1 और वॉयजर - 2 दोनों अंतर-तारकीय अंतरिक्ष में हैं, यह सितारों के बीच का वह क्षेत्र है जहां गैलेक्टिक प्लाज्मा (Galactic plasma) मौजूद है। वॉयजर -1 और वॉयजर - 2 दोनों को नासा द्वारा एक संदेश वाहन के रूप में लॉन्च किया गया था - जोकि एक प्रकार का समय कैप्सूल (Time capsule) था। इसका उद्देश्य पृथ्वी पर मनुष्यों की दुनिया की कहानी को आलौकिक जीवन में विस्तार देना है। अगर धरती के अलावा दूसरी दुनिया में कोई प्राणी मौजूद है तो वे इन्हें अवश्य सुन सकेंगे तथा धरती से जुड़ी कुछ चीजों और संदेशों को जान पाएंगे। वॉयजर -1 को 1977 में लॉन्च किया गया था, जो 1990 में प्लूटो (Pluto) की कक्षा से होकर गुजरा और नवंबर 2004 में सौर प्रणाली से बाहर निकल गया। यह अब कुइपर बेल्ट (Kuiper belt) में है। लगभग 40,000 वर्षों में, वॉयजर - 1 और वॉयजर - 2 प्रत्येक दो अलग-अलग सितारों के 1.8 प्रकाश-वर्ष के भीतर आयेंगे। वॉयजर-1 नक्षत्र कैमलोपार्डालिस (Camelopardalis) में स्थित स्टार ग्लीस (Star Gliese) 445 से संपर्क किया होगा, और वॉयजर-2 ने एंड्रोमेडा (Andromeda) के नक्षत्र में स्थित स्टार रॉस (Star Ross) 248, से संपर्क किया होगा।
मार्च 2012 में, वॉयजर -1 सूर्य से 17.9 बिलियन (1790 करोड़) किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर था और प्रति वर्ष लगभग 61,000 किलोमीटर / घंटा (38,000 मील प्रति घंटे) की गति से यात्रा कर रहा था, जबकि वॉयजर - 2, 14.7 बिलियन (1470 करोड़) किलोमीटर दूर था और लगभग 56,000 किलोमीटर / घंटा या 35,000 मील प्रति घंटे की गति से यात्रा कर रहा था। मई 2005 में, यह जानकारी प्राप्त हुई कि, वॉयजर - 1 ने टर्मिनेशन शॉक (Termination shock) से परे हेलियोशेथ (Heliosheath) में प्रवेश किया था। टर्मिनेशन शॉक वह जगह है जहां सौर हवा, यानि सूर्य से लगातार बाहर की ओर बहने वाली विद्युत आवेशित गैस की एक पतली धारा, बहती है और तारों के बीच गैस के दबाव से धीमी हो जाती है। वॉयजर-1 पर रखे गए ग्यारह उपकरणों में से पांच अभी भी चालू हैं और आज भी सूचनाओं का प्रेषण करते हैं।
12 सितंबर 2013 को, नासा ने घोषणा की कि वॉयजर-1 ने हेलियोशेथ को छोड़ दिया और अंतर-तारकीय अंतरिक्ष में प्रवेश किया, हालांकि यह अभी भी सूर्य के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र के भीतर है। वॉयजर गोल्डन रिकॉर्ड में 116 छवियां के साथ एक कैलिब्रेशन (Calibration) छवि और विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक ध्वनियां जैसे कि समुद्र के तेज उछाल की आवाज, हवा, बादलों की गरज, ज्वालामुखी, बारिश, आग की आवाज, जानवरों की आवाज़ जिसमें पक्षियों, व्हेल (Whales) और डॉल्फ़िन (Dolphins) के गीत शामिल हैं। यह पूरे रिकॉर्ड का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। इसके बाद की आवाजें मानव सभ्यता को चिन्हित करती है, जिसमें दिल की धड़कन, हँसी, चलने इत्यादि की आवाजें हैं। दोनों अंतरिक्ष यानों में रखे गए रिकॉर्ड, में इसके अतिरिक्त विभिन्न संस्कृतियों और युगों का चयनित संगीत, 55 भाषाओं में बोली जाने वाली शुभकामनाएं भी हैं।
इसमें भारतीय मूल के विभिन्न संदेश जैसे पंजाबी, बंगाली, उर्दू, हिंदी, गुजराती, मराठी, तेलुगु भाषा के संदेश में भी मौजूद है। उदाहरण के लिए, हिन्दी में ओमर अलजल की आवाज में “धरती के वासियों की ओर से नमस्कार” ; पंजाबी में जतीन्द्र एन. पॉल की आवाज में “आओ जी, जी आया नु” ; उर्दू में सलमा अलज़ल की आवाज में “अस्सलामु अलैकुम. हम ज़मीन के रहने वालों की तरफ से आप को खुश आमदीद कहते हैं” आदि। इसके अलावा चित्रों में ताजमहल के चित्र को शामिल किया गया है। प्रसिद्ध संगीत राग भैरवी - 'जात कहाँ हो', को भी सुनहरे रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। यह पृथ्वी पर जीवन और संस्कृति सभी को समझाने का एक अनोखा प्रयास है। यह रिकॉर्ड विशाल और विस्मयकारी ब्रह्मांड में मानव की आशा और उसके दृढ़ संकल्प तथा सद्भावना और शांति का प्रतिनिधित्व करता है।
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