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नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान को पहले प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डन (Prince of Wales Zoological Gardens) या लखनऊ जूलॉजिकल गार्डन के रूप में जाना जाता था। शहर के बीच में स्थित यह उद्यान स्तनधारियों की 463 प्रजातिओं को आवास उपलब्ध कराता है। लेकिन उनमें से कोई भी विशालकाय पांडा नहीं है। इसका मुख्य कारण लखनऊ का वातावरण हैं, जो पांडा के लिए उपयुक्त नहीं है। पांडा, अपने विशिष्ट काले और सफेद आवरण के साथ, पूरी दुनिया द्वारा पसंद किया जाता है तथा चीन के लिए एक राष्ट्रीय खजाने के रूप में पहचाना जाता है। पांडा के विकास के लिए उपयुक्त वातावरण चीन का है और इसलिए पांडा मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम चीन के पहाड़ों में उच्च समशीतोष्ण जंगलों में रहते हैं, जहां वे लगभग पूरी तरह से बांस के पेडों पर निर्भर हैं। जंगल में, विशाल पांडा केवल मध्य चीन के दूरस्थ, पर्वतीय क्षेत्रों सिचुआन, शानक्सी और गांसु प्रांतों में पाए जाते हैं। इस क्षेत्र में, 5,000 और 10,000 फीट की ऊँचाई के बीच ठंडे, नम बांस के जंगल हैं जो विशाल पांडा के घर हैं। बांस के लिए एक विशाल पांडा की भूख अतृप्त है। वे दिन में 12 घंटे बांस खाते हैं। बांस में पोषक तत्वों की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है, यही वजह है कि पांडा को इसका बहुत अधिक सेवन करना पड़ता है। विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए, पांडा बाँस के पौधे के विभिन्न भागों को खाते हैं और ऐसे बांस की तलाश करते हैं, जो नए अंकुर और पत्तियों को अंकुरित कर रहे हों।
अपनी उत्कृष्ट स्थिति के बावजूद, विशाल पांडा की आबादी असुरक्षित है। विशाल पांडा को एकांत वातावरण पसंद है। वे अन्य पांडाओं के आस-पास होने को इतना नापसंद करते हैं, कि एक विशिष्ट गंध के द्वारा अपनी क्षेत्र सीमा का निर्माण कर लेते हैं। अगर कोई पांडा सम्पर्क में आ जाता है तो वे एक-दूसरे पर गुर्राते हैं, मारते हैं और एक-दूसरे को तब तक काटते हैं, जब तक कि कोई हार न मान ले और वह स्थान छोड न दे। औसतन, एक विशाल पांडा का क्षेत्र लगभग 5 वर्ग किलोमीटर का होता है। अपने क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए, विशाल पांडा अपनी पूंछ के नीचे एक गंध ग्रंथि से मोमी गंध चिन्ह का स्राव करते हैं। एकमात्र समय जब विशाल पांडा एक-दूसरे को तलाशते हैं, वह वसंत का है जो पांडा का मिलन काल है। इसके लिए नर पांडा अपनी संवेदनशील सूंघने की क्षमता का उपयोग करते हैं। मादा एक या दो नवजात पांडा को जन्म देती है जिनका वजन केवल 85 से 142 ग्राम होता है। नवजात पांडा को जन्म से लगभग 50 से 60 दिनों तक कुछ नहीं दिखायी देता और लगभग 10 सप्ताह की आयु में वह खिसकर चलना शुरू करता है। विशालकाय पांडा को जिज्ञासु और चंचल माना जाता है। कैद में, वे अक्सर खिलौनों और अन्य वस्तुओं के साथ खेलते पाए जाते हैं। प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ ने विशाल पांडा को ‘संकटग्रस्त’ प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया है हालांकि 2014 में किये गये नवीनतम मूल्यांकन में विशालकाय पांडा की आबादी बढ़ती दिखाई दी। शीतोष्ण दुनिया में पांडा के निवास की जैविक विविधता अद्वितीय है। यह अपने साथ-साथ अपने आस-पास निवास करने वाली अन्य प्रजातियों को भी संरक्षण उपलब्ध करवा रहा है। इसके अलावा इकोटूरिज्म (ecotourism) के माध्यम से पांडा ने कई स्थानीय समुदायों के लिए स्थायी आर्थिक लाभ भी पहुंचाया है।
पांडा को चीन के राष्ट्रीय धरोहर की मान्यता प्राप्त है। 1961 में इसे वर्ल्ड वाइल्ड फंड फॉर नेचर (World Wild Fund for Nature-WWF) के लोगो (LOGO) पर अंकित किया गया। चीन के लिए पांडा एक राजनीतिक हथियार के रूप में भी कार्य करता है। चीन अन्य देशों के साथ राजनयिक सद्भावना को बनाए रखने के लिए उन्हें पांडा उपहार में देता है। इस अभ्यास को पांडा डिप्लोमेसी (Panda Diplomacy) के रूप में जाना जाता है। इस उपहार का इतिहास संग वंश (Tang Dynasty) का है, जब वहां के राजा वू ज़ेटीयन (Wu Zetian) ने पांडा के एक जोड़े को जापान के राजा टेनमू (Tenmu) को सन 685 में भेंट किया। चीन की राजनीति में पांडा का इतना महत्व है कि वहां की पीपल रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (People’s republic of China) ने 1950 में पांडा कूटनीति का सहारा लिया था। 1957 से लेकर 83 तक कुल 24 पांडा को अन्य देशों को उपहार में दिया गया। यह बताता है कि पांडा न केवल पारिस्थितिकी रूप से बल्कि राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
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