देशी दवाओं की मुख्य जड़ी : अरण्ड

वृक्ष, झाड़ियाँ और बेलें
08-10-2020 03:18 AM
Post Viewership from Post Date to 08- Nov-2020 32nd Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
2523 471 0 2994
* Please see metrics definition on bottom of this page.
देशी दवाओं की मुख्य जड़ी : अरण्ड

आकार में बड़ा, उष्णकटिबंधीय प्रकार की पत्तियों, अनोखी फलियों वाला अरण्ड का पौधा बाग का अद्भुत पौधा होता है। रिकिनस कम्युनिस (Ricinus Communis) प्रजाति की अरण्ड फली उष्ण और उपोष्णकटिबंधीय स्थानों में पाई जाती है। इसके पौधे सड़क के किनारे, नदी की तलहटी, जोते हुए खेतों के किनारे नम और पूरी तरह जल-भराव से मुक्त ज़मीन में आसानी से उग आते हैं। अरण्ड की फली सदाबहार, पतझड़ी और झाड़दार छोटे पेड़ों पर तैयार होती है। इसमें एक तरह का पानी जैसा स्राव होता है।
देखने में यह पौधा बहुत खूबसूरत होता है। चमकदार हरी पत्तियाँ कभी-कभी लाल बैंगनी रंग की भी हो जाती हैं। 8 से 18 इंच लम्बे फूल तने के ऊपर सीधी डंडियों जैसी आकृतियों में लगे होते हैं। पत्तियाँ हथेली की तरह होती हैं, जिनमें 5-11 भाग होते हैं। इसमें नर और मादा फूल अलग-अलग होते हैं। मादा फूलों के ऊपरी हिस्से में गुच्छे की तरह सफ़ेद रंग की कलगी की तरह की आकृति होती है। बीज भी विशिष्ट प्रकार से फलियों के अंदर व्यवस्थित होते हैं। हर भाग में एक बीज होता है। इसमें लाल रंग की कांटेदार फलियाँ होती हैं।
बीज बहुत चमकदार, धब्बेदार, आकर्षक, एक- दूसरे से अलग रंग के काले, सिलेटी, भूरे, पीले- भूरे, लाल और सफ़ेद रंग के होते हैं। ये बीज दो-तीन साल तक उपयोग में आ सकते हैं। इन बीजों से पैदा होने वाले तेल के अनेक व्यावसायिक उपयोग होते हैं। पुराने समय में इस तेल से दिए जलाए जाते थे। आजकल इसका पेंट (Paint), वार्निश (Varnish), मोटर ऑयल (Motor Oil), साबुन, स्याही और प्लास्टिक (Plastic) निर्माण में प्रयोग होता है। पौधे व्यावसायिक रूप से तेल उत्पादन के लिए उगाए जाते हैं। प्रमुख रूप से यह कैस्टर आयल (Castor Oil) के नाम से मशहूर है।
अरण्ड के बीज बहुत ज़हरीले होते हैं, इसलिए इन्हें बहुत सुरक्षित ढंग से रखना चाहिए। अरण्ड के पौधे घर के अंदर-बाहर दोनों जगह रह सकते हैं। एक बार अगर इसका पौधा ठीक से तैयार हो जाता है तो यह सूखे में भी जीवित रह सकता है। इसकी ऊँचाई को नियंत्रित करने के लिए समय-समय पर इसकी छँटाई करते रहना चाहिए। इसके रख-रखाव के लिए ज़्यादा कुछ नहीं करना होता। अपने अलग-अलग रंग-रूप के कारण इसके कई प्रकार होते हैं जैसे कारमेन्सिटा (Carmencita), कारमेन्सिटा पिंक (Carmencita Pink), कारमेन्सिटा रोज (Carmencita Rose), गिब्सनी (Gibsonii), इम्पाला (Impala), न्यू ज़ीलैंड पर्पल (New Zealand Purple), रेड स्पिर (Red Spire) आदि। बोडो जनजाति के लोग अरण्ड की पत्तियों का उपयोग मुगा (Muga) और एंडी (Endi) सिल्कवर्म (Silkworm) के लार्वा को खिलाने में करते हैं।

सन्दर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Ricinus
https://www.hort.purdue.edu/newcrop/duke_energy/Ricinus_communis.html
https://wimastergardener.org/article/castor-bean-ricinus-communis/
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में अरंडी के पौधे को दिखाया गया है। (Flickr)
दूसरे चित्र में अरंडी के फूल को दिखाया गया है। (Wikimedia)
तीसरे चित्र में अरंडी के बीज दिखाए गए हैं। (Amazon)
अंतिम चित्र में अरंडी के एक बड़े पत्ते को दिखाया गया है। (Flickr)