भारत- विश्व का सबसे बड़ा प्रवासी देश एवं चुनौतियाँ

लखनऊ

 23-09-2020 03:30 AM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

भारत 1.39 बिलियन जनसंख्या के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आबादी वाला देश है, जो पूरे विश्व की जनसंख्या का 17.7% है। जो कि वास्तव में एक बड़ा हिस्सा है। यहाँ के नागरिकों की बात करें तो इस देश में रहने वाले सभी लोग मूल रूप से भारतीय नहीं हैं। अलग-अलग देशों से आकर कई लोग यहाँ लम्बे समय से निवास कर रहे हैं, उनमें से कुछ पैसा कमाने के उद्देश्य से, तो कुछ अध्ययन के लिए, तो कुछ ऐसे भी हैं जो थोड़े समय के लिए यहां भ्रमण के लिए आए थे परन्तु यहाँ के सौंदर्य से मोहित होकर यहीं बस गए। कारण चाहे जो भी हो हमारी आबादी का एक बहुत बड़ा भाग प्रवासी जन-समुदाय का है। इसी प्रकार कई भारतीय ऐसे भी हैं, जो दूसरे देशों में लम्बे समय से रह रहे हैं और उन्हें और उनकी नई पीढ़ी को उस देश की नागरिकता भी प्राप्त हो गई है। भारत देश दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी देश है, जिसके लगभग 18 मिलियन नागरिक अन्य देशों में रहते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका उन नागरिकों की पसंदीदा जगहों में से एक है, जहाँ भारतीय मूल के 4.4 मिलियन लोग निवास करते हैं। वर्ष 2017 में अमेरिका की कुल आबादी का 1.3% हिस्सा भारतीय मूल के लोगों का था। देश विदेशों की कई टेक्नोलॉजी (Technology) कंपनियों में भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों का योगदान सराहनीय है। गूगल (Google) के सीईओ (Chief Executive Officer) सुन्दर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के सीईओ सत्या नडेला, पेप्सिको (Pepsico) की चेयरपर्सन (Chairperson) और सीईओ इंद्रा नूई इत्यादि उन्हीं जानी-मानी हस्तियों में से हैं। भारत देश के नागरिकों एवं नागरिकता प्राप्त लोगों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है –
अनिवासी भारतीय (Non-Resident Indian (NRI)) साधारण शब्दों में एनआरआई (NRI) वह व्यक्ति होता है, जिसके पास जन्म से भारत की नागरिकता है और वह एक विशेष अवधि तक भारत में नहीं बल्कि विदेश में रह रहा है। 1961 के भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 6 में "भारत के निवासी" को इस प्रकार परिभाषित किया गया है कि वह व्यक्ति जो किसी वित्तीय वर्ष में कम से कम 182 दिन या लगातार चार वर्षों में 365 दिन और उस वर्ष में कम से कम 60 दिन तक भारत में रहा हो वह भारत का नागरिक है और अधिनियम में यह भी लिखा है कि कोई भी भारतीय नागरिक जो "भारत के निवासी" के रूप में मानदंडों को पूरा नहीं करता है, वह भारत का निवासी नहीं बल्कि एक अनिवासी भारतीय अथवा एनआरआई (NRI) माना जाएगा। यहाँ पर यह बात भी महत्वपूर्ण है कि भारत में निवासी और अनिवासी भारतीयों के लिए आयकर की दरें अलग-अलग हैं।
भारतीय मूल का व्यक्ति (Person of Indian Origin (PIO)) वह व्यक्ति जो किसी अन्य देश का नागरिक हो (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, ईरान, भूटान, श्रीलंका और / या नेपाल को छोड़कर), जिसके पास किसी भी समय भारतीय पासपोर्ट रहा हो और उनके माता-पिता / दादा-दादी / परदादा-दादी में कोई भी भारत में जन्में हों या भारत सरकार अधिनियम, 1935 के अनुसार भारत के या उन अन्य क्षेत्रों के निवासी रहे हों, जिन क्षेत्रों का विलय भारत में हो गया था या वह भारत के नागरिक या पीआईओ (PIO) का जीवनसाथी हो और जो किसी भी समय ऊपर लिखे देशों में से किसी का भी निवासी न रहा हो।
भारत की विदेशी नागरिकता (Overseas Citizenship of India (OCI)) "ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया", नाम से स्थापित योजना जिसे ओसीआई कार्ड (OCI Card) के रूप में भी जाना जाता है। यह कार्ड एक वीजा के रूप में कार्य करता है, जो भारत में दीर्घ काल तक रह रहे किसी अन्य देश के व्यक्ति को आवंटित किया जाता है। हालाँकि मतदान का अधिकार और सरकारी नौकरी प्राप्त करना इस कार्ड के अनुसार प्रतिबंधित है। परन्तु, चूंकि भारत का संविधान पूर्ण दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है, तो यह संवैधानिक दृष्टिकोण से किसी भी प्रकार की भारतीय नागरिकता नहीं प्राप्त कर सकता है। विश्व बैंक (World Bank) के प्रवासन और प्रेषण के प्रमुख अर्थशास्त्री दिलीप रथा कहते हैं कि विकासशील देशों के प्रवासी प्रति वर्ष लगभग $50 बिलियन तक अर्जित कर सकते हैं, जो कि वास्तव में एक बहुत बड़ी राशि है और संभवतः यह देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में तेज गिरावट को दूर करने में मदद कर सकता है। इस वर्ष तीन माह के प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि यह गिरावट 37% रही है। यहाँ पर यह बात नज़रअंदाज नहीं करनी चाहिए कि विश्वभर में फैले कोरोना संकट ने कई प्रवासियों की नौकरी व आय के साधन छीन लिए हैं। इस प्रकार आय का वह हिस्सा जो घरेलू देशों में हस्तांतरित होता था वह भी इस कोरोनाकाल में प्रभावित हुआ है। भारतीय प्रवासी हर क्षेत्र में प्रेषण, प्रौद्योगिकी और बौद्धिक शक्ति के बल पर अपनी योग्यता का प्रदर्शन करते आए हैं, जो कि भारत के विकास में भी योगदान देते हैं। विकसित देशों में भारत के कई समृद्ध प्रवासी और खाड़ी में प्रवासी श्रमिक भारी संख्या में रहते हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। प्रवासी भारतीयों की समृद्ध जीवनशैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 30 संपन्न भारतीय प्रवासियों की कुल संपत्ति पूरे भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से भी अधिक है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भारतीय मूल के लगभग 3.1 मिलियन लोग निवास करते हैं। सऊदी अरब, यूएई और ओमान जैसे कई देशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की संख्या एक दशक के अंतराल में ही चार गुना बढ़ कर (2005 में 2 मिलियन से बढ़कर) 2015 में 8 मिलियन से अधिक पहुँच गई है। इस कोरोना संकट के दौरान इतनी बड़ी आबादी को भी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा सैकड़ों प्रवासियों को स्वदेश लाने की योजना बनाई गई। स्वदेश लौटने के बाद सबसे बड़ी चुनौती है, पूरे देश का भरण-पोषण करना। विशेष रूप से तब जब आय के साधन कम और जनसंख्या अपेक्षकृत अधिक है। इस स्थिति में यह आवश्यक है कि सभी विकसित और विकासशील देशों को एकजुट होकर एक सुदृढ़ आर्थिक नीति का निर्माण करना चाहिए, जिसके अंतर्गत कम प्राथमिकता वाले खर्चों पर नियंत्रण कर स्वास्थ और कल्याण पर वैश्विक स्तर पर विशेष ध्यान दिया जाए।

सन्दर्भ:
https://bit.ly/3mFfOrF
https://bit.ly/3d2KUUT
https://bit.ly/32RyzAl
https://bit.ly/2FQboNJ
https://bit.ly/2ZPZkCX

चित्र (सन्दर्भ):
1. मुख्य चित्र प्रवासी भारतीय को संदर्भित करता हुआ कलात्मक चित्रण है। (Freepik)
2. दूसरे चित्र में एक अप्रवासी भारतीय को रिलीफ फण्ड, इनकम टैक्स, प्रवासी देश का टैक्स इतियादी महत्वपूर्ण कारकों को संदर्भित करते हुए बनाया गया है। (Prarang)
3. अंतिम चित्र में इकोनॉमी के साथ अभिवदनित अप्रवासी भारतीय महिला है।(Prarang)



RECENT POST

  • विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र व प्रादेशिक जल, देशों के विकास में होते हैं महत्वपूर्ण
    समुद्र

     23-11-2024 09:29 AM


  • क्या शादियों की रौनक बढ़ाने के लिए, हाथियों या घोड़ों का उपयोग सही है ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:25 AM


  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id