सबसे पुराने ज्ञात कला रूपों में से एक हैं मिट्टी के बर्तन

लखनऊ

 21-09-2020 04:05 AM
म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

भारत में मिट्टी के बर्तनों को बनाने की कला जिसे हम पॉटरी (Pottery) कहते हैं, अभी भी एक उच्च कोटि की कला है। कम महत्वपूर्ण मिट्टी के बर्तनों की कला सदियों के साथ सुंदर सिरेमिक (Ceramic) कला में विकसित हुई। कला उद्यमी आज न केवल अपने रचनात्मक पक्ष को तलाश रहे हैं, बल्कि स्टूडियो कुम्हार (Studio Potters) के रूप में अपने करियर (Career) का निर्माण भी कर रहे हैं। मिट्टी के बर्तन सबसे पुराने ज्ञात कला रूपों में से एक है, और बहुत अधिक जीवित और विकसित हैं। मिट्टी के बर्तनों की कला मिट्टी की शक्ति और नाजुकता, स्वतंत्रता और नियंत्रण की द्वंद्वात्मकता, विज्ञान और कला के संगम को प्रदर्शित करती है। भारत में मिट्टी के बर्तनों को बनाने की कला की शुरुआत मध्य पाषाण काल से शुरू हुई तथा धीरे-धीरे इन्हें बनाने की तकनीकों में भी अनेकों परिवर्तन आये। वर्तमान समय में लोग मिट्टी और चीनी मिट्टी के बर्तनों में अत्यधिक निवेश कर रहे हैं। यदि कला में निवेश करना है, तो आज भी मिट्टी के बर्तन एक अच्छी शुरुआत है। मिट्टी के पात्र वर्तमान समय में कला बाजार में धूम मचा रहे हैं, जबकि चीनी या सिरेमिक फूलदान हमेशा से कीमती रहे हैं। मिट्टी के पात्र में नए और रोमांचक काम ने लोगों को प्रेरित किया है, जिससे कि लोग इन्हें एकत्रित करने के लिए उत्साहित हैं। इसी प्रकार से सिरेमिक कला को घर की सजावट के लिए बहुत अधिक पसंद किया जा रहा है। सिरेमिक की तकनीक नई तापन तकनीकों, ग्लेज़िंग (Glazing) विधियों और नियंत्रणीय भट्टियों के साथ विकसित हो रही है। यह प्रक्रिया वैज्ञानिक तो है लेकिन साथ ही इसमें कुछ अप्रत्याशितता भी है। इसमें जहां रसायन विज्ञान है, वहीं उत्सुकता भी है। इस प्रकार सिरेमिक के कामों को आखिरकार एक नया दर्शक, बाजार और स्थिति मिल रही है।
भारत में आज कई युवा मिट्टी और सिरेमिक कला की ओर अत्यधिक आकर्षित हो रहे हैं, क्योंकि भारत में पारंपरिक गाँव के कुम्हारों की यादों से कुछ कलाकार बचपन के दिनों से ही मिट्टी और सिरेमिक कला से प्रभावित थे, जबकि अन्य लोगों को अपनी पढ़ाई के दौरान इस कला में रूचि उत्पन्न हुई। दिलचस्प बात यह है कि प्रदर्शन करने वाले कई कलाकार बिल्कुल अलग पृष्ठभूमि से हैं, लेकिन अब वे सिरेमिक कला में पूरी तरह से व्यस्त हो गए हैं। मिट्टी के कला के प्रतिमान प्रयोग के साथ ही साथ शौक का एक विषय बन चुके हैं। आज यह एक व्यवसाय के रूप में जन्म ले चुका है, जो एक बहुत ही बड़े स्तर पर लोगों और कलाकारों को रोजगार प्रदान कर रहा है। मिट्टी के बर्तन बनाने की कला अब कुम्हारों तक ही सीमित नहीं रही है बल्कि यह बड़े-बड़े कलाकेन्द्रों तक पहुँच चुकी हैं। स्टूडियो पॉटरी एक ऐसा संस्थान है, जहाँ पर शौकिया कलाकारों या कारीगरों द्वारा छोटे समूहों या खुद अकेले मिट्टी के बर्तन आदि बनाए जाते हैं। इस प्रकार के संस्थानों में मुख्य रूप से खाने और खाना बनाने आदि के ही मिट्टी के बर्तन बनाये जाते हैं।
इनके अलावा संस्थान मिट्टी से निर्मित सजावटी वस्तुओं के निर्माण के लिए भी प्रसिद्ध हैं। यह प्रचलन सन 1980 के बाद से एक बड़े पैमाने पर प्रसारित होना शुरू हुआ और आज एक बहुत बड़े स्तर पर यह विभिन्न देशों में विद्यमान है। मिट्टी के बर्तनों की लोकप्रियता कुछ इस प्रकार है कि विभिन्न गैलरियों (Galleries) में विभिन्न प्रकार की मिट्टी से बनाए गये विभिन्न कला नमूनों की प्रदर्शिनी आयोजित की जाती है।
प्रदर्शिनी में विभिन्न कलाकारों द्वारा बनाए गए मिट्टी की कला के प्रतिमानों को जगह प्रदान की जाती है। जैसे विभिन्न धातुओं के दाम आसमान छू रहे हैं ऐसे में मिट्टी के बर्तन रोजगार को एक नया आयाम प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा लोगों का मिट्टी की कला के प्रति आकर्षण इस क्षेत्र को और भी विकसित करने का कार्य कर रहा है। भारत में कार्य कर रहे कुम्हारों के लिए यह एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण समय है, जब वे अपनी मिट्टी की कलाओं और बर्तनों को एक बड़े स्तर पर ले जाने का कार्य कर सकते हैं।

संदर्भ:
http://www.businessworld.in/article/An-Underpriced-Art-And-A-Good-Buy/03-05-2016-97292/
https://bit.ly/2T2hf65
https://yourstory.com/2018/01/mud-money-artrepreneurs-convert-clay-ceramic-art-gallery-manora
https://en.wikipedia.org/wiki/Studio_pottery
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में मार्टिन भाई (Martin Brothers) अपने स्टूडियो में काम करते हुए दिखाए गए हैं।(Wikipedia)
बाक़ी चित्र में स्टूडियो में मिट्टी के बर्तनों को दिखाया गया है।(canva)


RECENT POST

  • आइए, आनंद लें, साइंस फ़िक्शन एक्शन फ़िल्म, ‘कोमा’ का
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     24-11-2024 09:20 AM


  • विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र व प्रादेशिक जल, देशों के विकास में होते हैं महत्वपूर्ण
    समुद्र

     23-11-2024 09:29 AM


  • क्या शादियों की रौनक बढ़ाने के लिए, हाथियों या घोड़ों का उपयोग सही है ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:25 AM


  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id