औपनिवेशिक काल की छवि को प्रस्‍तुत करती दिलकुशा कोठी

लखनऊ

 11-09-2020 02:41 AM
वास्तुकला 1 वाह्य भवन

ऐतिहासिक इमारतें वे अमुक इतिहासकार हैं, जो बिना कहे अपना सारा इतिहास बयां कर देती हैं। ऐतिहासिक इमारतों की दृष्टि से अपना लखनऊ शहर भी काफी समृद्ध है। यहां की इमारतें मुख्‍यत: औपनिवेशिक भारत की छवि प्रस्‍तुत करती हैं। इन इमारतों में से एक है दिलकुशा कोठी। गोमती के तट पर स्थित इस कोठी का निर्माण 18वीं सदी में ब्रिटिश मेजर गोर ओसेले (British Major Gore Ouseley) द्वारा करवाया गया था, जो कि अवध के नवाब सआदत अली खान के मित्र थे। बाद में अवध के नवाब नासिर-उद-दीन हैदर द्वारा इसके डिज़ाइन में कुछ परिवर्तन किए गए थे।
तीन मंजिला इस इमारत में छोटे-छोटे तहखाने बनाए गए थे। इसके अष्‍टकोणीय स्‍तंभ इसे एक अद्भुत सौंदर्य देते हैं। इसका मुख्‍य द्वार दो स्‍तभों से सटा हुआ है, जिसकी ऊंचाई दूसरी मंजिल की इमारत की छत तक है। इसके कटघरे पर दो महिलाओं की मूर्तियों का निर्माण किया गया था। दीवारों पर विभिन्‍न सजावट की गयी थी, पारंपरिक भारतीय वास्‍तुकला के समान इस कोठी के अंदर भी आंगन नहीं था। इसके बाहर बना सुव्‍यवस्थित बगीचा इसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा देता है। इस इमारत का विस्‍तार अन्‍य पारंपरिक इमारतों के समान विशाल क्षेत्र तक नहीं था, किंतु यह उनकी तुलना में ज्‍यादा लंबी थी। ब्रिटिश वास्‍तुकला शैली बारोक (Baroque) से निर्मित इस इमारत के आज अवशेष ही शेष रह गए हैं। जिनमें कुछ स्‍तंभ और बाहृय दीवारें शामिल हैं किंतु इसके व्‍यापक उद्यान आज भी सुरक्षित हैं। अपनी खूबसूरती के कारण आज भी यह पर्यटकों का आकर्षण का केन्‍द्र बनी हुयी है।
प्रारंभ में अवध के नवाब शिकार के दौरान इस इमारत पर विश्राम करते थे, जिसे बाद में ग्रीष्म सेहतगाह या समर रिसॉर्ट (Summer Resort) के रूप में उपयोग किया जाने लगा। यहां बेगमें (नवाबों की पत्नियां) आराम करने और पिकनिक के लिए आया करती थीं। इस कोठी में अन्‍य नवाबी भवनों की भांति महिलाओं के लिए अलग से विशेष कमरे नहीं बनाए गए थे। यहां आने वाले ब्रिटिश आगंतुकों ने इसके अतुल्‍य सौंदर्य को देखते हुए इसकी तुलना ऐथेंस (Athens) और रोम (Rome) से की थी। कहा जाता है कि 1830 में यह स्‍थान एक अंग्रेज द्वारा गुब्‍बरा चढ़ाई या बलून एसेन्‍ट (Balloon Ascent) के लिए चुना गया था। कोठी के निकट स्थित कॉन्सटैंशिया (Constantia) महल जो बाद में ला मार्टिनियर बॉयज कॉलेज (La Martinière Boys' College) बना, में फ्रेंचमैन क्लाउड मार्टिन (Frenchman Claude Martin) ने बलून एसेन्‍ट की व्‍यवस्‍था करवायी किंतु इसकी चढ़ाई से पूर्व उनकी मृत्यु हो गई। 1830 में नवाब नासिर-उद-दीन हैदर और उनके दरबारियों ने इस चढ़ाई का आनंद लिया।
अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने इस कोठी के निकट सैन्‍य अभ्‍यास के लिए एक और कोठी का निर्माण करवाया। जिस पर आगे चलकर अंग्रेजों ने प्रतिबंध लगवा दिया, जिससे अंग्रेज और नवाब के मध्‍य मनमुटाव बढ़ गया। यह कोठी लखनऊ रेजिडेंसी और ला मार्टिनियर स्‍कूल के निकट स्थित थी, जो मुख्‍यत: अंग्रेजों का निवास स्‍थान था। 1857 के लखनऊ घेराबंदी के दौरान इन दोनों इमारतों के साथ-साथ इस कोठी को भी गोला बाररूद से ध्‍वस्‍त कर दिया गया था। यह खण्डित इमारत आज भी उस घटना को बयां करती है।

संदर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Dilkusha_Kothi
https://www.tourmyindia.com/states/uttarpradesh/dilkusha-lucknow.html
http://lucknow.me/Dilkusha-Palace.html
चित्र सन्दर्भ:
दिलकुशा कोठी इन 1858 चित्र बी फ्रांसिस बातो(wikimedia)
सीटोन डेलवाल हॉल के लिए डिजाइन(wikimedia)
एक अज्ञात फोटोग्राफर द्वारा 1880 के दशक में खींची गई तस्वीर महल को खंडहर में दिखाती है(wikimedia)


RECENT POST

  • राम नवमी विशेष: एक आदर्श के रूप में स्थापित प्रभु श्री राम अंततः कहाँ गए?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     17-04-2024 09:41 AM


  • चिकनकारी और ज़रदोज़ी कढ़ाई बनाती है, लखनऊ को पूरब का स्वर्ण
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     16-04-2024 09:43 AM


  • क्यों मनाया जाता है 'विश्व कला दिवस', जानें इतिहास और महत्‍व
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     15-04-2024 09:40 AM


  • ये है सबसे दुर्लभ और अनोखे जीव-जानवर, जो है भारत के जंगलों की शान
    शारीरिक

     14-04-2024 10:00 AM


  • अंबेडकर जयंती विशेष: भारत के सामाजिक स्तर को ऊपर उठाने में डॉ. अंबेडकर का योगदान
    सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

     13-04-2024 09:07 AM


  • दुनियाभर में सिख समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले बैसाखी पर्व का गौरवपूर्ण इतिहास
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-04-2024 09:40 AM


  • ईद की खुशियों पर चार चांद लगाती है लखनऊ के चौक और अमीनाबाद की रौनक
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     11-04-2024 09:41 AM


  • विश्व होम्योपैथी दिवस पर जानें इसका इतिहास एवं कैसे काम करती है ये चिकित्सा पद्धति
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     10-04-2024 09:50 AM


  • लखनऊ की सबसे पुरानी तस्वीरें खींचने वाले कैमरों का दिलचस्प इतिहास
    द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना

     09-04-2024 09:49 AM


  • लखनऊ की नवल किशोर प्रेस के साथ जानते हैं भारत में प्रिंटिंग प्रेस के इतिहास के विषय में
    संचार एवं संचार यन्त्र

     08-04-2024 09:57 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id