जिले का प्रशासनिक मुख्यालय और प्रदेश की राजधानी होने के कारण लखनऊ की उत्तर प्रदेश में शक्तिशाली पहचान है, जिससे शहर का बहुत तेजी से शहरीकरण और विकास हुआ है। यह भारत के प्रमुख 12 घनी आबादी वाले शहरों में भी शामिल महानगर है।
भारत के प्रमुख महानगर
कोलकाता महानगर के अंतर्गत कुछ क्षेत्र प्रेसिडेंसी, मेदिनीपुर और बर्दवान मंडल के भी शामिल हैं। आबादी 65 मिलियन (650 लाख) है।
दिल्ली महानगर राष्ट्रीय राजधानी है। आबादी 46 मिलियन ((460 लाख)) है।
मुंबई महानगर में मुंबई महानगर का अपना क्षेत्र, पुणे महानगर और नासिक महानगर के क्षेत्र शामिल हैं। इस क्षेत्र को महाराष्ट्र का स्वर्णिम त्रिकोण कहते हैं।इसकी आबादी 80 मिलियन ((800 लाख)) है।
कहानी महानगर बनने की
महानगर का नामकरण लगभग 60 साल पहले एक फ्रेंच भूगोलवेत्ता जीन गोटमैन (Jean Gottmann) ने किया था। महानगर का मतलब ऐसी जगह से है, जहां सरकारी दफ्तर, ज्यादातर बैंक, बड़े-बड़े कार्यालय, समाचार और प्रसारण संस्थान, महत्वपूर्ण स्टोर, स्कूल पुस्तकालय, नाट्यशालाएं और सिनेमा हॉल स्थित है। यह नीतियां, निर्णय और फैशन आदि सारे समुदायों के लिए तैयार होते हैं। अगर मुख्य स्थान फलता फूलता है तो पूरा समाज विकसित होता है।
सर पैट्रिक गेड्स (Sir Patrick Geddes) एक ब्रिटिश जीव-विज्ञानी, समाज-विज्ञानी, भूगोलवेत्ता, लोकोपकारक और अग्रणी नगर-नियोजक थे तथा शहरी-नियोजन और समाजशास्त्र के क्षेत्र में अभिनव चिंतक के रूप में जाने जाते हैं। वैचारिक स्तर पर गोटमैन और वॉन एकेर्ट (Von Eckert) ने महानगर को अर्ध शहरी क्षेत्रों का मिलाजुला संजाल माना, ना कि एक विशालकाय शहर क्योंकि ऐसे में यह तय करना मुश्किल था कि कहां एक शहर खत्म होता है और दूसरा शुरू। दूसरी तरफ छोटे शहर गांव और महानगरों की बहस में हाशिए (Border) पर आ जाते हैं। इस बारे में मैकेंजी ग्लोबल इंस्टीट्यूट (McKinsey Global Institute) की एक नई रिपोर्ट आई है, जिसमें साबित किया गया है कि मध्यम श्रेणी के शहर वैश्विक आर्थिक वृद्धि का नेतृत्व करेंगे। पिछले दिनों औरंगाबाद की एक मुख्य खबर में यहां के 150 नागरिकों ने अपने लिए एक साथ मर्सिडीज़ (Mercedes) कार की बुकिंग की। इन मध्यम श्रेणी के शहरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने विकास को बरकरार रखना है। बड़े महानगर अपनी साख नहीं खोएंगे लेकिन ऐसा लगने लगा है कि उन्हें अपनी महाशक्ति को छोटे प्रतिस्पर्धीयों के साथ बांटना होगा।
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