2 से 3% बच्चों को विलक्षण माना जाता है। ऐसे बच्चों को उनकी असाधारण प्रतिभा वास्तविक लाभ देती है। वे संगीत, गणित या विज्ञान में कमाल कर सकते हैं। कई अध्ययनों के अनुसार, ऐसे विलक्षण बच्चों पर दूसरे साधारण बच्चों की तुलना में औसतन स्कूल या सामाजिक समस्याएं कम होती हैं, यद्यपि उनके दोस्तों की संख्या कम हो सकती है और उन पर विफल होने का लगातार भय भी बना रहता है। यह भय उन्हें अंदर ही अंदर संवेदनाहीन बना देता है, जिसे माता-पिता और शिक्षकों को ख़ास ध्यान देना चाहिए।
ऐसी ही विलक्षण प्रतिभा की धनी अज़मत हुसैन जब मात्र 10 साल की थीं, तब उन्होंने 2011 में सा रे गा मा पा लील चैंप्स ट्रॉफी (Sa Re Ga Ma Pa Lil Champs Trophy) को उठाया। 8 साल बाद, वह गायन प्रतियोगिता इंडियन आइडल (Indian Idol) के सीजन 11 (Season 11) में प्रतियोगी के रूप में वापस आई। बीच के इन 8 सालों में बहुत कुछ हुआ, अज़मत ने खुद को ड्रग्स (Drugs) और डिप्रेशन (Depression) में डुबो लिया था। उनका आत्मविश्वास हिल गया था, लेकिन उन्होंने खुद से वादा किया कि वे जीवन में आसानी से हार नहीं मानेंगी और गायन प्रतियोगिता में अपनी स्थिति के बावजूद संगीत को आगे बढ़ाएंगी।
आइए उनके प्रदर्शन पर एक नजर डालते हैं।
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