लखनऊ और इसके आसपास के क्षेत्रों में खजूर व्यापक रूप से पाया जाता है। फीनिक्स डेक्टाइलिफेरा (Phoenix Dactylifera) के नाम से जाना जाने वाला यह वृक्ष ताड़ परिवार में फूल वाले पौधे की प्रजाति है, जो अपने खाने योग्य मीठे फल के लिए उगाई जाती हैं। हालांकि लंबी खेती के कारण इसका मूल स्थान अनिश्चित है, लेकिन यह संभवतः मिस्र (Egypt) और मेसोपोटामिया (Mesopotamia) के बीच उपजाऊ क्षेत्र से उत्पन्न हुआ है। इस प्रजाति को उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व, हॉर्न ऑफ अफ्रीका (Horn of Africa) और दक्षिण एशिया में व्यापक रूप से उगाया जाता है और यह दुनिया भर में कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। हज़ारों वर्षों से खजूर मध्य पूर्व और सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य भोजन रहा है। छठीं सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व से अरब में खजूर की खेती के पुरातात्विक साक्ष्य भी पाए गये हैं।
खजूर के पेड़ की उंचाई आमतौर पर 21-23 मीटर जबकि पत्तियों की लम्बाई 4–6 मीटर होती है। पत्तियों के डंठल कांटे से युक्त होते हैं। इसके फल अंडाकार या बेलनाकार होते हैं, जिनकी लंबाई 3-7 सेंटीमीटर तथा व्यास 2.5 सेंटीमीटर होता है। चमकीले लाल या पीले रंग के फल खाने में बहुत मीठे होते हैं, जो सूखने पर लगभग 75% चीनी का उत्पादन कर सकते हैं। खजूर को आसानी से बीज से उगाया जा सकता है, लेकिन बीज से उगाए गये पौधों के खजूर अक्सर छोटे और खराब गुणवत्ता वाले होते हैं। इसलिए अधिकांश व्यावसायिक बागान भारी फसल वाली कटाई का उपयोग करते हैं क्योंकि कटाई से उगाए गए पौधे बीज से उगाए गए पौधों की तुलना में 2-3 साल पहले फल देना शुरू कर देते हैं। इराक, ईरान, अरब और उत्तरी अफ्रीका से लेकर मोरक्को तक में खजूर एक महत्वपूर्ण पारंपरिक फसल है।
माना जाता है कि खजूर की उत्पत्ति मध्य पूर्व में हुई और पाक विशेषज्ञों का अनुमान है कि यहां खजूर के पेड की 3,000 से अधिक किस्में हैं। खजूर का पेड़ उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के रेगिस्तान का मूल निवासी है। 1800 के दशक के उत्तरार्ध के दौरान, दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका के निवासियों ने खजूर के लिए उपयुक्त समान स्थिति को देखा और इसका उत्पादन शुरू किया। खजूर की अच्छी उपज के लिए उच्च ताप, पानी तक पहुंच तथा गर्मियों और शरद ऋतु की शुष्क जलवायु आवश्यक है। विश्व में अनुमानित रूप से 85 लाख मीट्रिक टन (Metric ton) खजूर का उत्पादन प्रतिवर्ष किया जाता है, जिसमें मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देश सबसे बड़े उत्पादक हैं। इसके कई उपयोगों के अलावा, यह फल का पेड़ खजूर के बगीचों की मुख्य प्रजातियों और संरचनात्मक तत्व का गठन करता है, जो पुरानी दुनिया के गर्म रेगिस्तान की विशेषता है। ये कृषि प्रणाली, पर्यावरण की विशिष्ट बाधाओं के लिए पूरी तरह से अनुकूलित हैं। जबकि दक्षिणी मेसोपोटामिया में खजूर की खेती का पहला प्रमाण 5वीं सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व का है, वहीं ऐसा प्रतीत होता है कि ओएसिस (Oasis) कृषि मुख्य रूप से प्रारंभिक कांस्य युग के दौरान विकसित हुई, जब इस प्रकार की कृषि प्रणाली का पुनर्निर्माण मध्य पूर्व के विभिन्न भागों में किया जा सका।
खजूर, बहुत मीठा होने के बावजूद, उच्च पोषण का महत्व रखता है। इनमें कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate), रेशे, प्रोटीन, खनिज और विटामिन B समृद्ध मात्रा में पाये जाते हैं। खजूर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा लगभग 70% होती है और इसमें कैल्शियम (Calcium), लोहा, मैग्नीशियम (Magnesium), पोटेशियम (Potassium), बोरोन (Boron), कोबाल्ट (Cobalt), तांबा, फ्लोरीन (Fluorine), मैंगनीज (Manganese), सेलेनियम (Selenium) और जस्ता जैसे तत्व भी मौजूद होते हैं। औषधीय अध्ययनों से पता चला है कि खजूर अत्यधिक पौष्टिक होते हैं और इसके कई संभावित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। माना जाता है कि इनमें फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals) होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) मधुमेह, कैंसर और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
खजूर का उपयोग विभिन्न तरीके से किया जा सकता है जैसे सूखे या नरम खजूर को बादाम, अखरोट, संतरा और नींबू के छिलके जैसे भराव के साथ पकाया और भरा जा सकता है। खजूरों को कई प्रकार के मीठे और नमकीनी व्यंजनों में काटकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। खजूर के बीज को पशु आहार के लिए भिगोकर, पीस दिया जाता है। इनमें मौजूद तेल, साबुन और सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग के लिए उपयुक्त होता है। खजूर के बीज में 0.56-5.4% लॉरिक एसिड (Lauric Acid) होता है। फलों के गुच्छों का उपयोग झाड़ू के रूप में किया जाता है। शीतकालीन आहार में खजूर का गुड़ स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभदायक होता है और इसलिए इसे भोजन में अवश्य शामिल करना चाहिए। खजूर का गुड़ चीनी की तुलना में भोजन को तेज़ी से पचाने में मदद करता है। इसे खाने से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है जो आपको घंटों तक तरोताज़ा और ऊर्जावान बनाए रखती है। इसमें रेशे की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन विकारों का इलाज करने में मदद करता है। यह माइग्रेन (Migraine) के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है तथा सूखी खांसी, सर्दी और दमे को ठीक करने में भी सहायक है। इसमें मौजूद पोटेशियम की भरपूर मात्रा सूजन को कम करके इलेक्ट्रोलाइटिक (Electrolytic) संतुलन बनाए रखने में मदद करती है, जो वज़न कम करने में लाभदायक है। इसमें आयरन (Iron) की मात्रा भी उच्च होती है, जो हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) के स्तर को बढ़ाकर रक्ताल्पता के इलाज में मदद करती है। मासिक धर्म संबंधित रोगों के इलाज के लिए खजूर का गुड़ प्रभावी प्राकृतिक उपचार है। इसके सेवन से एंडोर्फिन (Endorphin) स्रावित होता है, जो ऐंठन और पेट में दर्द से राहत देता है।
संदर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Date_palm
https://toriavey.com/dates-history-science-uses/
https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0140196311003569.
https://recipes.timesofindia.com/articles/health/why-you-must-have-date-palm-jaggery-in-winters/photostory/67437452.cms
चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में खजूर के वृक्ष और उसके ऊपर लगे खजूर को दिखाया गया है। (Pikist)
दूसरे चित्र में ब्राज़ील (Brazil) में खजूर का वृक्ष दिखाया है। (Picseql)
तीसरे चित्र खजूर को मीठी ताड़ी के स्त्रोत के रूप में दिखाया है। (Wikimedia)
चौथे चित्र में ताज़ा खजूर को बाजार में दिखाया गया है। (Flickr)
अंतिम चित्र में खजूर का वृक्ष दिखाया गया है। (Picseql)
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