अगर हम प्रारंग का संधि विच्छेद करते हैं तो हमें प्रा + रंग दो शब्द प्राप्त होते हैं, जहां प्रा का अर्थ प्राथमिक (प्रारंभिक/प्राचीन) से है और रंग का आशय वर्ण से हैं। प्रारंग भारत की एकता में अनेकता के रंग को उसी तरह संदर्भित करता है, जिस तरह प्राथमिक रंग बाकी सभी रंगों को करते हैं।
प्राथमिक रंग, रंगों के वो मान (Rate) होते हैं, जिनके मिश्रण से सभी रंग बनाये जा सकते हैं। मानव दृष्टि हेतु तीन प्राथमिक वर्ण ही प्रयोग किये जाते हैं, क्योंकि ये दृष्टि त्रिक्रोमैटिक (trichromatic) होती है। प्रारंग के लोगो में प्रयुक्त किये गए रंग प्राकृतिक रंग हैं।
आरजीबी (RGB)
आरजीबी (RGB) रंग समूह लाल, हरे और नीले रंग को मिला कर बनाये जाते हैं। ये एक दम चमकदार कलर होते है। आरजीबी मॉडल को एक एडिक्टिव रंग मॉडल (Additive Color Model) के रूप में जाना जाता है। किसी भी स्क्रीन पर जब हम कुछ देखते हैं तो उसके अंदर आरजीबी का इस्तेमाल होता है। स्कैनर, डिजिटल कैमरा और कंप्यूटर मॉनिटर रंग प्रदर्शित करने के लिए लाल, हरे और नीले रंग (आरजीबी) का उपयोग करते हैं और यह पारंपरिक फोटोग्राफी में भी इस्तेमाल किया गया है।
सीएमवाईके (CMYK)
सीएमवाईके (CMYK) रंग समूह सियान, मैजंटा, येलो और ब्लैक को मिला कर बनाये जाते है। ये कलर ज्यादा चमकदार नहीं होते, ये थोड़े फीके कलर होते है। सीएमवाईके एक सब्ट्रैक्टिव (Subtractive) मॉडल है। इसका इस्तेमाल प्रिंटिंग के लिए किया जाता है। जैसे विजिटिंग कार्ड, बैनर इत्यादि में।
सन्दर्भ :
https://www.youtube.com/watch?v=MPaqChBjNPU
https://www.youtube.com/watch?v=TJ3e-2bZzCQ
https://www.youtube.com/watch?v=YtH9eXWuf3Y
चित्र सन्दर्भ :
लेख का पहला चित्र प्रारंग का लोगो प्रदर्शित कर रहा है। (Prarang)
दूसरा चित्र सीएमवाईके (CMYK) और आरजीबी (RGB) के मध्य का अंतर प्रस्तुत कर रहे हैं। (Prarang)
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