कोविड-19 को हराने के लिए नजरअंदाज करना पड़ सकता है आने वाले पानी के संकट को

लखनऊ

 28-08-2020 10:34 AM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने पानी के बिल (Bill) का भुगतान करना पड़ता है। जो लोग कुशलता से पानी का उपयोग करते हैं, उनके पानी का बिल अवश्य कम आता है, वहीं प्रचुर मात्रा में पानी का उपयोग करने वाले लोगों का मासिक बिल काफी अधिक आता है। यदि आप यह जानने में सफल रहते हैं कि आपका पानी का मीटर (Meter) कैसे कार्य करता है, तो अवश्य आपको अपने पानी के उपयोग पर अधिक नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी और आपका पानी का बिल भी अधिक नहीं आएगा।

वहीं आपके घर में प्रत्येक महीने आने वाला पानी का बिल यह दर्शाता है कि पानी के मीटर की रीडिंग (Reading) के आधार पर आप महीने के भीतर कितना पानी इस्तेमाल करते हैं। पानी का मीटर प्रत्येक महीने आपके घर में आने वाले पानी के प्रवाह को मापता है जबकि पानी का गणनाफलक उस पानी की मात्रा को मापता है, जिसका उपयोग किया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि आप बर्तन धोने, स्नान या पेय के लिए कितने भी पानी का उपयोग करें, यह सब एक ही में मापा जाता है। अधिकांश लोगों को यह पता होगा कि हमारे घरों में लगे ये पानी के मीटर भी विभिन्न प्रकार के होते हैं।

पानी के मीटर की शैली, उद्देश्य और आकार यह तय करता है कि मीटर कैसे काम करेगा, तो मीटर निम्न तीन अलग-अलग प्रकार में आते हैं :-

विद्युत चुम्बकीय मीटर : यह पानी के उपयोग का पता लगाने के लिए विद्युत वोल्टेज (Voltage) का उपयोग करता है। जब पाइप लाइन (Pipeline) के माध्यम से पानी आता है, तब चुंबकीय क्षेत्र और इलेक्ट्रोड (Electrode) पाइप के हिस्से को घेरते हैं, जिससे एक विद्युत वोल्टेज बनाता है। इलेक्ट्रोड द्वारा यह पता लगाया जाता है कि कितना पानी उपयोग हो रहा है और उससे वोल्टेज को मापा जाता है।

मैकेनिकल इंसर्ट मीटर (Mechanical Insert Meters) : यह एक अधिक परंपरागत प्रकार का मीटर है। इस मीटर में एक उत्तेजक होता है, यह उत्तेजक एक घूमने वाला उपकरण होता है, जो पानी के बहने के माध्यम से घूमता है और इस उत्तेजक के नियमित आवर्तन को मापा जाता है। सही रीडिंग प्राप्त करने के लिए पानी के मीटर को पानी से भरा होना चाहिए।

अल्ट्रासोनिक मीटर (Ultrasonic Meter) : यह पानी की गति को मापने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सेंसर (Electronic Sensor) का उपयोग करता है। यह गति को मापने के बाद उसे प्रवाह दर में परिवर्तित कर देता है। दो ट्रांसड्यूसर (Transducers) (एक उपकरण जो भिन्नता को एक भौतिक मात्रा में परिवर्तित करता है, जैसे कि पानी को एक विद्युत संकेत में) पाइप पर स्थित होते हैं, और यह गति की गणना करते हैं।

वहीं यदि आपका पानी का बिल उच्च आता है, तो आप निम्न उपायों को अपना सकते हैं:
1) कृपया सुनिश्चित करें कि प्रारंभिक और अंतिम मीटर रीडिंग संख्या प्रत्येक बिल पर उल्लेखित हो और वे पिछले बिलों के अनुरूप हो। क्योंकि कभी-कभी संख्याओं को छोड़ दिया जाता है और फिर बिल को अनौपचारिक आधार पर भेजा जाता है।
2) आप अपने भवन के अंदर और बाहर की पानी की लाइनों की जाँच कर सकते हैं। नगर निगम कार्यालय में मामूली शुल्क का भुगतान करके बाहरी लाइनों और आपके पानी के मीटर का पुन: परीक्षण किया जा सकता है।
3) पुन: परीक्षण के बाद, आपको नियमित रूप से अपने दैनिक मीटर रीडिंग की निगरानी करने की आवश्यकता है। यदि आपका बिल आपके दैनिक रिकॉर्ड (Record) किए गए मूल्यों से अधिक होता है, तो आपको जांच करवाने की आवश्यकता है। बिल को कभी-कभी आपके पानी की मेनलाइन (Mainline) के आकार या भंडारण टैंक की क्षमता के आधार पर अनुमान लगा के दिया जाता है, जो वर्तमान उपयोग से 2-3 गुना ज़्यादा हो सकती है।
4) यदि कोई आंतरिक भूमिगत पाइप रिसाव नहीं पाया जाता है, तो जांच लें कि क्या मीटर में कोई कमी हो सकती है। एक सटीक डिजिटल वॉटर मीटर (Digital Water Meter) का इस्तेमाल करें।

कई बार हम में से अधिकांश लोग पानी के बिल पर मौजूद टिप्पणियों का निरीक्षण कर पाने में असमर्थ हो जाते हैं, ये आप निम्नलिखित में से एक कोड (Code) को समझ के कर सकते हैं :
• MOK/MOT : चलित मीटर की रीडिंग ली गई।
• NAT/NAP : मीटर रीडिंग लेने के लिए उपलब्ध नहीं है।
• MMR : मीटर की मरम्मत की आवश्यकता है।
• RNR : रीडिंग विश्वसनीय नहीं है।
• RVS : मीटर पलट गया है।
• EXM : मीटर खराब है और उसे बदलने की आवश्यकता है।
• NOM : मीटर उपलब्ध नहीं है (पाइप द्वारा जोड़ा गया है)।
• PER : कार्यालय में समस्या है।
• TPR : मीटर से छेड़छाड़ की गई है।

भारतीय जल पदचिह्न 980 क्यूबिक मीटर (980 Cubic Meter) प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति है और अंतर्राष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान की भविष्यवाणी है कि 2025 तक भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति "अल्प जल" की स्थिति में होगा। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को जल का सही रूप से इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। लेकिन वर्तमान समय में कोविड -19 के प्रकोप के खिलाफ लड़ाई में साबुन से हाथ धोना महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, परंतु यह 82% ग्रामीण परिवारों और लगभग 60% शहरी परिवारों के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है। इस समय पानी के संकट को नजरअंदाज करके ही लाखों भारतीयों का जीवन बचाया जा सकता है। ऐसा कहा जा रहा है कि स्वयं को और दूसरों को कोरोना वायरस (Corona Virus) से बचाने के लिए सबसे प्रभावी और सस्ता साबुन से हाथ धोना है। यदि प्रति दिन औसतन 10 बार हाथ धोए जाते हैं और प्रत्येक हाथ धोने के लिए 2 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, तो प्रत्येक व्यक्ति प्रति दिन 20 लीटर पानी का उपयोग करेगा। यह भारत में औसत प्रति व्यक्ति पानी की खपत का 20% से अधिक है, जो 92 लीटर है। लेकिन कई अरबों लोगों के लिए कोरोना वायरस से जंग की यह सबसे मूलभूत चीजें, पहुँच से बाहर हैं।

वहीं दूसरी ओर जहां भारत कोविड -19 को मानवीय आपदा में बदलने से रोकने का प्रयास कर रहा है, वहीं देश का 20% से अधिक हिस्सा सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र जो सरकारी पानी के टैंकरों (Tankers) पर निर्भर हैं, वहाँ प्रति व्यक्ति को प्रति दिन 25 लीटर तक पानी प्राप्त होता है और डब्ल्यूएचओ (WHO) के दिशानिर्देशों के आधार पर, इतने पानी का उपयोग केवल हाथ धोने के लिए किया जाना चाहिए। जिसके बाद ग्रामीणों के पास पीने के लिए भी पानी नहीं बच पाएगा। वहीं 2012 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली में 85% घरों में पाइप्ड वाटर कनेक्शन (Piped Water Connections) नहीं हैं। अब, देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के कारण, दिल्ली में कई घरों में पानी की कमी होने का डर बना हुआ है। क्योंकि पानी की बढ़ती कमी और अवैध कार्य करने के कारण कई निजी पानी के टैंकरों द्वारा पानी की आपूर्ति करना बंद कर दिया गया है।

संदर्भ :-
https://www.businessinsider.in/india/news/wash-your-hands-often-to-keep-covid-19-away-but-most-indians-cant-afford-the-water/articleshow/75173348.cms
https://www.downtoearth.org.in/blog/water/covid-19-outbreak-more-hand-washing-can-increase-india-s-water-woes-69900
https://www.hunker.com/13416502/how-does-a-water-meter-work
http://diehardindian.com/water-bills/

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में पानी का मीटर और उस पर बैठा हुआ निश्चिंत उपभोक्ता लेख की शीर्षक पंक्ति का सांकेतिक चित्रण है। (Prarang)
दूसरे चित्र में पानी का विद्युत चुम्बकीय मीटर दिखाया गया है। (Prarang)
तीसरे चित्र में पानी का मैकेनिकल इंसर्ट मीटर दिखाया गया है। (Pexels)
चौथे चित्र में पानी का अल्ट्रासोनिक मीटर दिखाया गया है। (Amazon)



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