रामपुर के आर्यभट्ट तारामंडल

लखनऊ

 24-08-2020 02:10 AM
वास्तुकला 1 वाह्य भवन

रात के समय खुले आसमान में नक्षत्रों या सितारों को देखना बहुत ही मनोरंजक और विस्मयकारी होता है, तथा इन सितारों की सुंदरता हमें काफी शिथिल करती है। रामपुर के लोग नक्षत्रों से अपरिचित नहीं हैं, इसलिए भी क्योंकि यहां स्थित आर्यभट्ट तारामंडल प्रमुख खगोलीय घटनाओं के दौरान शहर में लोगों के लिए खगोलीय अवलोकन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। रामपुर की इस नक्षत्रशाला में चंद्र ग्रहण इत्यादि खगोलीय घटनाओं को देखने के लिए दूरबीनें भी लगायी गयी हैं, ताकि चंद्रग्रहण को पास से देखा जा सके। खुली आंखों से चंद्र ग्रहण देखने से होने वाले आंखों के नुकसान की संभावना से बचने के लिए इन दूरबीनों को नक्षत्रशाला में लगाया गया है। इसके माध्यम से लोग चंद्रग्रहण को बिना अपनी आँखों को नुकसान पहुँचाये देख सकते हैं। इस नक्षत्रशाला का नाम पहले भीमराव अंबेडकर नक्षत्रशाला रखा गया था, जिसे बाद में बदलकर आर्यभट्ट नक्षत्रशाला रख दिया गया। वहीं सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह नक्षत्रशाला भारत की पहली लेजर (Laser) नक्षत्रशाला भी है, जो कि डिजिटल लेजर तकनीक (Digital Laser Technology) पर आधारित है।
नक्षत्रशाला के कंप्यूटर डेटाबेस (Computer Database) में घटनाओं के अनुक्रम के साथ दिनांक और समय जैसी अन्य सूचनाओं या जानकारियों को नासा (NASA) द्वारा ऑनलाइन (Online) अद्यतन किया जाता है। उन सूचनाओं से भविष्य के आकाशीय गतिविधियों के चित्र और चित्रोपमा एक कंप्यूटर द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं, जिसके बाद उसे लेजर प्रक्षेपक का उपयोग करने वाले गुंबद में परियोजित किया जायेगा। एक खगोलीय घटना के वैज्ञानिक पहलू और खगोलीय प्रणाली पर इसके प्रभाव को इस घटना के चित्रोपमा को देखते हुए बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। नक्षत्रशाला खगोल विज्ञान और रात के आकाश के बारे में शैक्षिक और मनोरंजक जानकारियों के कार्यक्रम या आकाशीय नेविगेशन (Navigation) में प्रशिक्षण के लिए उपयोगी है। यह नक्षत्रशाला 3-डी (3-D) अनुभव भी प्रदान करती है, जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बनाया गया है। रामपुर की यह नक्षत्रशाला विज्ञान और तकनीक को लोकप्रिय बनाने में मदद करती है।
नक्षत्रशाला को 18 सितंबर, 2012 से लोगों के लिए खोला गया था, जहां प्रतिदिन 3 कार्यक्रम दिखाये जाते हैं, जिनकी अवधि 50 मिनट की होती है। शो का समय दोपहर 1.00 बजे, अपराह्न 3.00 बजे और शाम 5.00 बजे है। अतिरिक्त शो को 10.30 बजे से 12.15 बजे के बीच 100 या अधिक के समूह के लिए 10 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से दिखाया जाता है। गर्मियों की छुट्टियों में एक अन्य अतिरिक्त शो शाम 6 बजे से भी दिखाया जाता है। नक्षत्रशाला में प्रवेश शुल्क 3 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रति व्यक्ति 25 रुपये है। प्रमाण पत्र दिखाने पर विकलांगों के लिए प्रवेश निःशुल्क है। 30 या अधिक व्यक्तियों के समूह के लिए रियायती टिकट प्रति व्यक्ति 10 रुपये है। प्रत्येक सोमवार को नक्षत्रशाला बंद रहती है।

संदर्भ :-
https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/rampur/story-telescope-to-see-the-lunar-eclipse-at-rampur-1776903.html
https://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Rampur-planetarium-to-be-named-after-Aryabhatta/articleshow/16442467.cms
https://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Indias-first-laser-planetarium-to-be-set-up-in-Rampur/articleshow/8696588.cms
http://archive.indianexpress.com/news/in-first-in-country-nasa-to-directly-update-rampur-planetarium-database/927722/2

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में आर्यभट्ट नक्षत्रशाला (प्लैनेटेरियम) को दिखाया गया है। (Prarang)
दूसरे चित्र में आर्यभट्ट नक्षत्रशाला (प्लैनेटेरियम) को कलात्मक रूप से दिखाया गया है। (Prarang)
तीसरे चित्र में आर्यभट्ट नक्षत्रशाला में लेज़र शो (Lager Show) के दौरान लिया गया चित्र है। (Youtube)


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