कपड़े की बनावट: एहसास से प्रभाव तक

लखनऊ

 21-08-2020 04:03 AM
स्पर्शः रचना व कपड़े

किसी भी कपड़े की बनावट को हम या तो छूकर या देखकर, दो तरह से समझ सकते हैं। छूकर देखने पर निष्पक्षता का भाव आ जाता है। रामपुर ज़रदोज़ी कला का गढ़ है। वहां ऐसी चीजें बनती हैं, जिनकी तलाश सारी दुनिया करती है। ज़रदोज़ी की कलाकृति सिर्फ अपनी सुंदरता के लिए ही लोकप्रिय नहीं है बल्कि उसका कपड़ा भी उसकी लोकप्रियता की एक वजह है। कपड़ा उद्योग में कपड़े की बनावट बहुत महत्वपूर्ण होती है। अच्छी बनावट का कपड़ा फैशन डिजाइन (Fashion Design) के क्षेत्र में बहुत मायने रखता है।


कपड़े की बनावट कैसे समझें?

इस विषय पर ज्यादातर शोध के मुद्दे होते हैं-
1. शरीर कैसे कपड़े की बनावट परखता है?
2. लोगों का खास तरह की बनावट के कपड़ों के साथ भावनात्मक जुड़ाव
शरीर कैसे अच्छे और आरामदायक कपड़े की पहचान करता है, इसका कोई तार्किक जवाब नहीं है? दूसरे नंबर के मुद्दे के लिए यह कहना कि तरह-तरह के कपड़े अलग-अलग तरह की भावनाएं पैदा करते हैं, इसके लिए कपड़ों का इस्तेमाल होने पर ही पता चलेगा।
बनावट का अर्थ

कपड़ा, उसकी बनावट और उसकी बुनाई- यह तीन शब्द बहुत भ्रमित करते हैं। इसका कारण यह भी है कि पोशाक देखने पर कपड़े की बनावट का बहुत कम असर होता है। कपड़े के रंग और डिजाइन के आगे यह बहुत छोटा होता है। लेकिन इसे गैरजरूरी कहने का मतलब होगा कपड़े को छू कर हमारी जरूरत की अनदेखी करना। बनावट, वह पहली चीज होती है जिस पर हमारी नजर जाती है। बच्चे हमेशा चीजें छूते हैं, महसूस करते हैं और तब अपने मुंह में रखते हैं। लोग अक्सर वैज्ञानिक की तरह कपड़ों की जांच करते हैं क्योंकि किसी कपड़े की ऊपरी सतह ही उसकी बनावट होती है, इससे वह प्रक्रिया समझ आ जाती है, जिससे वह कपड़ा तैयार हुआ है और उसी कपड़े से पोशाक तैयार होती है। प्रयोगशालाओं के शोध ने यह साबित किया है कि कपड़ा और उसकी बनावट भावनाएं जगाते हैं।

क्यों जरूरी है कपड़े की बनावट की देखभाल

कपड़े की ऊपरी सतह को उसकी बनावट कहते हैं, जो बहुत सारे धागों को बनकर तैयार होती है। ग्राहक सबसे पहले कपड़े का रंग देखता और तब छूकर उसकी बनावट को महसूस करता है, जैसे- मुलायम, मजबूती आदि। आधुनिक कपड़ों में एक ही कपड़े में कई तरह की बनावट शामिल होती हैं। कपड़ा चाहे पोशाक में इस्तेमाल हो या घरेलू सजावट में उसकी अपनी अलग पहचान होती है। कपड़ों की कई श्रेणियां होती हैं- सूती, ऊनी, सिल्क आदि। कपड़ों की बनावट के तीन प्रकार होते हैं- प्राकृतिक, पूरक और उपचारित।
कपड़े की बनावट और फैशन
फैशन डिजाइनिंग में कपड़े की बनावट की एक अहम भूमिका होती है क्योंकि इससे पोशाक के रुप पर बहुत असर पड़ता है। इसका सीधा असर उसे पहनने वाले के रूप रंग पर पड़ता है। हर कपड़े का अपना निजी चरित्र और आकर्षण होता है। कपड़े की मोटाई और उसके रूप से कपड़े की बनावट पता चलती है। फरदार, मुलायम, चमकीला, हल्का, भारी, रुखा, समतल, महीन, आदि से कपड़े की बनावट को परिभाषित किया जाता है। कपड़े की बनावट से शरीर के आकार को घटाया बढ़ाया जा सकता है, इससे कपड़े के डिजाइन पर ज्यादा ध्यान जा सकता है। इससे इल्यूजन (Illusion) या भ्रम की स्थिति भी दर्शकों के लिए पैदा की जा सकती है। शरीर को पोशाक के माध्यम से सुडौल भी दिखाया जा सकता है।

सन्दर्भ:
https://www.realmenrealstyle.com/clothing-texture/
https://pumpfuryvente.info/fabric-texture-details/
https://jyotisachdeviyer.wordpress.com/2014/02/06/understanding-texture
https://www.greenhousefabrics.com/blog/fabric-texture-important-element-design

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में विभिन्न कपड़ों को दिखाया गया है। (Unsplash)
दूसरे चित्र में कढ़ाई द्वारा बनाये गए विभिन्न गमछों को दिखाया गया है। (Flickr)
तीसरे चित्र में ज़रदोज़ी का काम करता हुआ कारीगर दिखाया गया है। (Prarang)
चौथे चित्र में कई प्रकार के कपड़ों से निर्मित टी-शर्टों को दिखाया गया है। (Freepik)
अंतिम चित्र में रामपुरी कढ़ाई का काम दिखाया गया है। (Prarang)



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