सुंदरता शब्द के अर्थ उससे कहीं अधिक होते हैं, जो हम सोचते हैं। इसका मतलब हो सकता है- कि तुम्हारे पास सुंदर आत्मा है, या खूबसूरत मुस्कान या तुम आसमान से उतरे फरिश्ते की तरह हो! जिस बात का लोगों को एहसास नहीं है, वह यह है कि आप एक देश में तो खूबसूरत लोगों के गिनती में गिने जाएंगे, लेकिन हो सकता है दूसरे देश में आप थोड़े से भी आकर्षक ना समझे जाएं। इसलिए पहले यह जानना जरूरी होगा कि सुंदरता और नैतिकता का आपसी रिश्ता क्या है? 'ब्यूटी इज़ स्किन डीप' (Beauty is Skin Deep) इस प्रचलित मुहावरे का सही अर्थ क्या है- ‘असली सुंदरता त्वचा से बहुत नीचे गहराई में होती है।’ तथा हमें विश्व में सुंदरता के मायने और भारत में इसके मुख्य मापदंडों के बारे में भी जानना चाहिए।
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इम्मेनुएल कांट (Immanuel Kant)
का सौंदर्य सिद्धांत
दार्शनिक कांट सौंदर्यशास्त्र और कला का दर्शन 20वीं शताब्दी में सौंदर्य में कोई रुचि ना होने साथ ही सौंदर्य और नैतिक मूल्यों को अलग मानने की अवधारणा के कारण मशहूर रहे हैं। इसके दो दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम हुए। पहला, कला में सौंदर्य महत्वहीन हो गया, जिससे बजाय आनंद उत्पन्न करने के अभिव्यक्ति और अर्थ ज्यादा गहरे दार्शनिक महत्व के हो गए। दूसरा नतीजा यह हुआ कि सौंदर्य के प्रति मोहभंग हो गया। 20वीं शताब्दी की सौंदर्य संबंधी तमाम अवधारणाओं से अलग कांट के सिद्धांत में यह कहा गया है कि सुंदरता को संदिग्ध मानने की जरूरत नहीं है बल्कि बिना नैतिक मूल्यों से समझौता किए सौंदर्य मूल्य का आकलन करना चाहिए क्योंकि सुंदरता अपने आप में नैतिक रूप से मूल्यवान है।
विश्व के सुंदरता के पैमाने
सौंदर्य के प्रतिमान विश्व के विभिन्न देशों में अलग होते हैं। । प्रसिद्ध कथन-’ सुंदरता देखने वाले की आंखों में बसती है’ मानवीय स्वभाव पर एकदम सही टिप्पणी है। हम अपनी परवरिश से हिसाब से दूसरों की सुंदरता का मूल्यांकन करते हैं। अलग-अलग देशों की अपनी कसौटी है।
कोरिया (Korea)
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कोरियाई स्त्री पुरुषों की त्वचा पीले रंग की होती है और इस पर टैनिंग का अभाव होता है। इनकी पलकें दोहरी होती हैं। इसके लिए सर्जरी भी कराई जाती है। इस देश में ज्यादातर ‘v-line’ चेहरा प्रमुख रूप से पाया जाता है।
भारत (India)
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भारत में क्षेत्रीय आधार पर सुंदरता के कई पैमाने हैं। जिसमें लंबे चमकदार बाल प्रमुख हैं, इसके लिए हर्बल नारियल तेल, मेहंदी और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। त्वचा का रंग गोरा, गेहूंआ और सावला होता है।
यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (United States of America)
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जातियता के मामले में अमेरिका में बड़ी विविधता है। यही मिली-जुली संस्कृति यहां के हर परिवेश में दिखती है। इस देश के लिए मशहूर है कि यहां कोई भी सेलिब्रिटी (Celebrity), टीवी स्टार (TV Star) धड़ल्ले से प्लास्टिक सर्जरी करवाते हैं। यहाँ 2014 में 15.6 मिलियन कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं का प्रयोग किया गया।
इंग्लैंड (England)
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यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) ऐतिहासिक जीत, राजा और रानियों का देश रहा है और सुंदर राजकुमारियों का भी। एक खबर के अनुसार यूनाइटेड किंगडम की महिलाएं जीवन के 474 दिन अपने मेकअप पर खर्च करती हैं और औसतन 15000 डॉलर अपने पूरे जीवन में मेकअप पर लगाती हैं। इस रफ्तार से इंग्लैंड जर्मनी से पीछे है, जो सौंदर्य प्रसाधनों का सबसे अधिक खपत वाला देश है।
अरब देश
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अरबी भाषा बोलने वाले यहां करीब 25 देश हैं। अरब की महिलाएं स्वाभाविक रूप से बहुत सुंदर होती हैं। पूरी दुनिया में इनकी खूबसूरती के चर्चे होते हैं।
कुल मिलाकर सारांश यह है कि शारीरिक सुंदरता समय के साथ ढल जाती है। आपके चेहरे की सिर्फ एक मुस्कान काफी है, दुनिया में आप चाहे जहां जाएं। आप देखने वालों की नजरों में सुंदर रहेंगे। अगर आपका दिल और दिमाग युवा नहीं है, आप कभी भी आजीवन सुंदर नहीं रह सकते।
सौंदर्य: कला की नजर में
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कला की दृष्टि में 'सौंदर्य' का मतलब कलाकार अपनी मन की आँखों से उसको एक रूप में ढ़ालता है। रूप की तकनीकी नापतोल सतह पर रहने वाले साधन मात्र हैं, कला सच है पर नहीं, बहुत भीतर तक जाती है जहां सारे आयाम खुल जाते हैं और एक असीमित अंतर्तम में समाहित हो जाते हैं। इसीलिए दीवार पर टंगा हुआ कैनवस कभी-कभी हमें ऐसी जगह पर ले जाता है, जहां ना हवाई जहाज, ना बुलेट ट्रेन या किसी अन्य साधन से नहीं पहुंचा जा सकता। शायद यह माकूल जवाब है उस बहस का की सौंदर्य देखने वाले की आंख में बसता है या यह सुंदर वस्तुओं का वास्तुनिष्ठ गुण होता है। जैसे कि प्लेटो और अरस्तू की सौंदर्य संबंधी अवधारणाएं आपस में मेल नहीं खाती लेकिन इस मुद्दे पर वे दोनों एक हैं कि सुंदरता देखने वालों की आंखों तक ही सीमित नहीं है।
वास्तव में सुंदरता क्या है?
यह सभी जानते हैं कि हमें लोगों को उनके रंग रूप से नहीं आंकना चाहिए। सौंदर्य बहुत गहरा होता है। उससे भी ज्यादा , किसी के देखने मात्र से उसकी वास्तविकता पता नहीं चलती, यह भी कि उस पर कितना निर्भर किया जा सकता है। लेकिन जैसा जो व्यक्ति दिखता है उसकी अनदेखी भी संभव नहीं है। खूबसूरत आकर्षक अभिनेता, अभिनेत्री, या मॉडल को देख आंखें मूंदी नहीं जा सकती।
शोध में कुछ जवाब निकल कर आए हैं। उनके अनुसार जो चेहरे हमें आकर्षित करते हैं, उनमें एकरूपता होती है। आकर्षक चेहरे भी औसत होते हैं। हर एक का चेहरा थोड़ा सा अलग होता है, लेकिन एक साथ देखने पर एक से भी लगते हैं। मनोवैज्ञानिक के अनुसार चेहरों में समानता हमेशा भाविक लगती है, इसलिए उन्हें पसंद करते हैं।
शोध का एक मुद्दा था- क्या पैदाइशी तौर पर हमारी खास पसंद होती है या यह प्रवृत्ति बाद में पैदा होती है? इसके लिए टेक्सास विश्वविद्यालय (The University of Texas) के मनोवैज्ञानिक ने अलग-अलग आयु वर्ग पर कुछ परीक्षण किए। इसमें 2 से 3 महीने के शिशु भी थे, जिन्हें दो फोटो दिखाए गए और यह देखा गया कि बच्चा किस फोटो को ज्यादा देर तक देखता है। बच्चों ने आकर्षक शेरों को देर तक देखा। एक अन्य शोध में यह सिद्ध किया गया है कि औसत चेहरे ज्यादा आकर्षक होते हैं क्योंकि वह ज्यादा जाने पहचाने होते हैं।
सौंदर्य और कला की वैश्विक अपील
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हमारे संग्रह की दूसरी चीजों से अलग, सौंदर्य में एक विचित्र तरह की वैश्विकता होती है। दूसरी तरफ हमारी चीजें सिर्फ हमें खुश रखती हैं, सौंदर्य सारे बंधनों, प्रश्नों, गणना से ऊपर, बिना शर्त सारी दुनिया को खुश कर देता है। यही वैश्विकता सौंदर्य का सार है और यही वह अर्थ है जो कला को वैश्विक और समयातीत बनाता है। सौंदर्य में समुद्र की गहराई है लेकिन समुद्र जैसे तूफान या ज्वार भाटा नहीं।
सन्दर्भ:
https://fordham.bepress.com/dissertations/AAI10182793/
https://indianexpress.com/article/lifestyle/fashion/whos-beautiful-how-beauty-is-defined-around-the-world/
https://www.exoticindiaart.com/article/indian_beauty/
https://plato.stanford.edu/entries/beauty/
https://www.sciencenewsforstudents.org/article/what-makes-pretty-face
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में भारतीय सौंदर्य से परिपूर्ण महिला का चित्रण है। (Freepik)
दूसरे चित्र में सुंदरता के पैमाने का आभासी चित्र है। (Prarang)
तीसरे चित्र में कोरियाई सौंदर्य को दिखाया गया है। (Pexels)
चौथे चित्र में भारतीय सौंदर्य दिखाया गया है। (Picseql)
पांचवें चित्र में आकर्षक अमेरिकी चेहरा (मर्लिन मुनरो) का चित्र है। (Unsplash)
छठे चित्र में केट अपटाउन (इंग्लिश अभिनेत्री), इंग्लैंड को दिखाया गया है। (Unsplash)
सातवें चित्र में अरबी सौंदर्य का अंकन है। (Unsplash)
आठवें चित्र में आदम का जन्म नामक चित्र दिखाया गया है, जो माइकल एंजेलो की सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तम कृति है। (Wikimedia)
अंतिम चित्र में लेओनार्दो दा विन्ची की मोनालिसा नामक चित्रकृति है। (Wikimedia)