7 अगस्त, 1942 को, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) ने मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की अध्यक्षता में अपना सत्र आयोजित किया, जो अगले दिन मध्य-रात्रि तक जारी रही। यह स्थल गोवालिया टैंक मैदान था, जो गोकुलदास तेजपाल हाउस (Goculdas Tejpal House) से 250 मीटर की दूरी पर था, जो वही स्थान है जहाँ दिसंबर 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी। अगले दिन (8 अगस्त 1942), "भारत छोड़ो आंदोलन" का आह्वान "करो या मरो" के मंत्र के साथ किया गया।
गाँधी जी दादर स्टेशन पर पहुँचे और उनकी एक झकल पाने को वहाँ जन सैलाब उमड़ पड़ा।
'बापू' ने उनके सामान का प्रबंधन करने वाले वफादार महादेव को छोड़ दिया- यह आखिरी बार था जब वह अपने मालिक की देखभाल कर रहा था।
'साहब' के बाद 'बेटा' आया- जो भीड़ की आंखों का तारा था- उसने भीड़ के उत्साह की प्रसंशा की लेकिन उनकी अनुशासनहीनता पर रोष जताया
उसने उन्हें झंडे के साथ सेना की तरह मार्च (March) करने का आदेश दिया क्योंकि जल्द ही वे मार्च करने वाले थे।
चित्र सन्दर्भ:
1942 की ज्वाला (The flames of 1942 book)