मनोवैज्ञानिक हमेशा अभिभावकों के रचनात्मक प्रभाव पर जोर देते हैं, लेकिन भाई बहन का अध्ययन बहुत कम किया गया है। हमारे विकास में हमारे भाई बहन का क्या प्रभाव रहता है, ये हमारे भले के लिए होता है या बुरे के लिए; एक अच्छा खासा प्रभाव हमारे सामाजिक और भावनात्मक विकास पर पड़ता है। एक वयस्क की तरह अभिभावक ज्यादातर सामाजिक अच्छाई, तौर तरीकों के बारे में बताते हैं- कैसे लोगों के बीच बर्ताव करना चाहिए, कैसे डिनर टेबल पर दूसरे को शर्मिंदा नहीं करना चाहिए आदि। लेकिन भाई बहन अनौपचारिक बर्ताव के लिए बेहतर प्रेरणा स्रोत होते हैं, सड़क पर या स्कूल में कैसे बर्ताव करना चाहिए और सबसे जरूरी यह है कि दोस्तों के बीच कैसे व्यवहार करना चाहिए। इससे बच्चे के पास रोजाना ढेर सारे अनुभवों का अंबार लग जाता है। जब यह सोचा जाए कि बच्चे के शुरुआती विकास में भाई बहन या माता-पिता में से किसका ज्यादा प्रभाव होता है, तो जवाब हमेशा एक ही होगा- भाई बहन। बहुत से कारक होते हैं जिनसे भाई बहन का रिश्ता प्रभावित होता है और उससे इनके बर्ताव का एक आकार भी बनता है।
नए शोध में यह बात निकल कर आई है कि भाई-बहन का एक दूसरे की जिंदगी पर उतना ही असर होता है, जितना अभिभावकों का। भाई बहन एक दूसरे के सबसे पहले खेल के साथी होते हैं और वयस्क होने पर एक दूसरे के पुराने दोस्त। शायद इसका कारण यह है कि बड़े मनमौजी ढंग से यह संबंध चलता है और बड़े अप्रत्याशित नतीजे निकलते हैं। भाई बहनों के बीच खुलापन होने के कारण सामाजिक कौशल सीखने को मिलता है, आपसी झगड़ों को सुलझाने का मौका मिलता है, अन्यथा जीवन भर के लिए सामाजिक शिथिलता का शिकार होना पड़ सकता है। नए शोध बताते हैं कि बहुत से भाई बहनों के आपसी भाईचारे के मिले-जुले परिणाम होते हैं। दिलचस्प यह है कि इसी शोध में एक दूसरी जगह बताया गया है कि बचपन की यादों की गूंज पूरी जिंदगी सुनाई देती है। मार्क फेंबर्ग (Mark Feinberg), जो Penn State यूनिवर्सिटी(Penn State University) में मानवीय विकास विभाग में पढ़ाते हैं, उनके मुताबिक भाई बहनों का भाईचारा बच्चों को दूसरों के साथ समन्वय और खुद के विकास में उतनी ही सहायता करता है, जितना कि अभिभावक करते हैं।
समाजीकरण के एजेंट: भाई बहन
भाई बहन एजेंट ऑफ सोशलाइजेशन (Agent of Socialization) के रूप में रचनात्मक भूमिका अदा करते हैं।
लॉरी क्रैमर (Lauri Krammer) , इलेनॉइस(Illinois) स्थित एप्लाइड फैमिली स्टडीज, डिपार्टमेंट ऑफ़ ह्यूमन एंड कम्युनिटी डेवेलोपमेंट(Applied Family Studies, Department of Human and Community Developement) में प्रोफेसर हैं, उनका मानना है कि बच्चे के विकास में ना तो अभिभावकों की भूमिका को कम आंकना चाहिए और ना ही भाई बहनों की।
क्रैमर चेतावनी देती हैं कि क्योंकि हम भाई बहनों के भाईचारे के प्रभाव के सारे निहितार्थ(Implications) नहीं जानते, हम सिर्फ यह जानते हैं कि ऐसे परिवार में बच्चे की परवरिश जहां एक और बच्चा भी है, ज्ञान के लिहाज से और भावनात्मक रूप से उसके इर्द-गिर्द पूरा सामाजिक वातावरण बदल जाता है। बच्चे दूसरे बच्चों के साथ पलते बढ़ते बहुत सी बातें सीखते हैं, यही चीजें, अगर वह अकेले व्यस्को की देखरेख में पलते हैं, तो अलग तरीके से सीखते हैं। हमें इस बारे में बेहतर तरीके से सोचना चाहिए और बच्चे के साथ ज्यादा समझदारी और पारिवारिक माहौल बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
क्रैमर का मानना है कि जिन बच्चों के बीच में उम्र का अंतर होता है, अक्सर उनके दोस्त अलग होते हैं और सामाजिक अनुभव भी अलग होते हैं। हो सकता है कि वे अलग स्कूल में पढ़ते हो। ऐसा भी होता है कि जिन भाई बहनों की उम्र में अंतर होता है, वह घर में तो एक दूसरे से खूब जुड़े रहते हैं, लेकिन घर से बाहर के सामाजिक संबंध एकदम अलग होते हैं।
ऐसे अभिभावक जिनके बच्चों में ज्यादा उम्र का अंतर नहीं है, उन्हें इस बात की जरूरत नहीं लगती कि हफ्ते में एक बार बाहर के बच्चों को घर बुलाकर सामाजिक माहौल बनाया जाए क्योंकि उनके बच्चों को पर्याप्त सामाजिक माहौल अपने परिवार के भीतर ही मिल जाता है। क्रेमर का मानना है कि जो बच्चे इकलौते होते हैं, जरूरी नहीं है कि उनमें सामाजिकता बाकी बच्चों से कम हो जो कि अपने भाई बहनों के साथ पलते हैं। दरअसल इन इकलौते बच्चों में सामाजिकता अपने दोस्तों से आती है, जो भाई बहनों के विकल्प होते हैं।
हम अक्सर दो बहनों या दो भाइयों के बीच के संबंधों की सकारात्मक और नकारात्मक कहानियां सुनते हैं। लेकिन ऐसा अपवाद के रूप में ही होता है कि एक भाई-बहन की इस बारे में चर्चा हो। मोना सिम्पसन(Mona Simpson) और उनके भाई स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) की कहानी एक अपवाद ही कही जाएगी। इस प्रकार से सार्वजनिक रूप से अपने भाई के प्रति एक बहन के प्रेम का इजहार बहुत दुर्लभ है। यह दोनों एक साथ नहीं पले बढ़े। उन दोनों के मिलने की घटना किसी कथा साहित्य (Fiction) से कम नहीं है। स्टीव जॉब्स दत्तक पुत्र थे। 1985 में उन्होंने मोना सिम्पसन को खोजा, जो एक सिंगल मदर के साथ रह रही थी। कल्पना कीजिए उस क्षण की- जब सालों पहले बिछड़े भाई बहन पहली बार मिले होंगे।
मनोवैज्ञानिक शोध बताते है कि इकलौते बच्चों में कोई मनोवैज्ञानिक सामाजिक कमी नहीं होती। ज्ञान के लिहाज से एकलौता जन्मा बच्चा ज्यादा विकसित, ज्यादा स्पष्ट, अच्छा सेंस ऑफ ह्यूमर(Sense of Humour) और समसामयिक मसलों की अच्छी जानकारी रखते हैं। यह उम्मीद भी की जा सकती है कि जो लगाव अपने कजिन(चचेरे/ ममेरे भाई बहन) और दोस्तों के प्रति महसूस करते हैं, उनके लिए वह काफी होता है। इस शोध में एक इकलौती बेटी से पूछा गया कि उसे कभी भाई चाहिए था या बहन, उसने अपना सिर हिलाते हुए बोला 'बिल्कुल नहीं! मेरे पास एक कुत्ता है।’
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