लखनऊ में स्थित चन्द्रिका देवी का भव्य मंदिर का महत्व

लखनऊ

 31-07-2020 06:01 PM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

चन्द्रिका देवी के भव्य मंदिर से निकलने वाली गोमती नदी की जलधारा चंद्रिका देवी धाम की तीन दिशाओं उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में प्रवाहित होती है तथा पूर्व दिशा में महिसागर संगम तीर्थ स्थित है, जिसमें शिव जी की विशाल मूर्ति स्थापित है। देवी दुर्गा का रूप चंद्रिका देवी का मंदिर 300 वर्ष पुराना है और लखनऊ शहर के पास काठवारा गाँव में गोमती नदी के तट पर स्थित है। यह लखनऊ के मुख्य शहर से लगभग 28 किमी दूर है और एयरपोर्ट से लगभग 45 किमी दूर है। इस स्थान और आस-पास के क्षेत्रों का रामायण काल से प्रासंगिकता और धार्मिक महत्व है। इसे माही सागर तीर्थ भी कहा जाता है। स्कंद और कर्म पुराण की पवित्र पुस्तकों में इस मंदिर का उल्लेख है। ऐसा कहा जाता है कि श्री लक्ष्मण (लखनऊ के संस्थापक) के बड़े पुत्र राजकुमार चंद्रकेतु एक बार गोमती के रास्ते अश्वमेघ अश्व लेकर जा रहे थे। तभी रास्ते में अंधेरा हो जाता है और उन्हें तत्कालीन घने जंगल में आराम करना पड़ा, जिसके लिए उन्होंने देवी से सुरक्षा की प्रार्थना करी। उसी समय चंद्रमा का प्रकाश काफी शीतल हो गया और देवी उनके सामने प्रकट हुई और उन्हें आश्वासन दिया।
ऐसा कहा जाता है कि उस काल में यहां स्थापित एक भव्य मंदिर 12वीं शताब्दी में विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था। यह भी कहा जाता है कि लगभग 250 साल पहले कुछ आसपास के ग्रामीणों ने जंगलों में घूमते हुए इस खूबसूरत जगह को खोजा और उसके अगले दिन ही ग्रामीणों को देवी की प्रतिमा मिली और उसे वर्तमान स्थान पर रखा गया। बाद में, एक मंदिर का निर्माण किया गया था और तब से लोग इस मंदिर में माँ चंद्रिका देवी की पूजा करते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को शक्ति प्राप्त करने के लिए इसी तीर्थ के बारे में सलाह दी थी। भगवान श्री कृष्ण की सलह से बर्बरीक ने इस स्थान पर लगातार 3 वर्षों तक माँ चंद्रिका देवी की पूजा की थी।
अमावस्या और नवरात्रों की पूर्व संध्या पर, मंदिर और मंदिर परिसर के आसपास बहुत सारी धार्मिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग हवन, मुंडन के लिए यहां आते हैं। इसके अलावा, इन दिनों के दौरान, कीर्तन, सत्संग भी आयोजित की जाती हैं। यहां प्रत्येक दिन सैंकड़ों की संख्या में आने वाले भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए माँ के दरबार में आकर मन्नत मांगते हैं और चुनरी की गांठ बांधते हैं तथा मनोकामना पूर्ण होने पर माँ को चुनरी, प्रसाद चढ़ाकर मंदिर परिसर में घंटा बांधते हैं।

संदर्भ :-
https://www.patrika.com/dharma-karma/chandrika-devi-temple-lucknow-1241/
https://en.wikipedia.org/wiki/Chandrika_Devi_Temple,_Lucknow

चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में चन्द्रिका देवी का मंदिर दिखाया गया है। (Youtube)
दूसरे चित्र में मंदिर में विराजमान देवी की प्रतिमाओं को दिखाया गया है। (Publicdomainpictures)
अंतिम चित्र में मंदिर परिसर में विराजमान भोलेनाथ की छवि दिखाई दे रही है। (Publicdomainpictures)


RECENT POST

  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM


  • आइए, आज देखें, अब तक के कुछ बेहतरीन बॉलीवुड गीतों के चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     05-01-2025 09:27 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id