कोरोना वाइरस युग के दौरान माल की उपलब्धता

लखनऊ

 25-07-2020 05:31 PM
संचार एवं संचार यन्त्र

वर्ष 2019 के अंत में कोरोना वायरस का प्रकोप चीन (China) के वुहान (Wuhan) शहर से उठना शुरू हुआ, जिसने देखते ही देखते पूरे विश्व को अपने चपेट में ले लिया। इटली, लन्दन, रूस, अमेरिका भारत (Italy, London, America, India) आदि इस वायरस के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुए। इस वायरस के कारण फ्लैटन द कर्व (Flatten the Curve) की धारणा को अपनाया गया, जिसके कारण भारत में मार्च महीने में सम्पूर्ण लॉकडाउन (Total lockdown) लगा दिया गया, यह फैसला लेने के कारण कई चुनौतियाँ हमारे सामने आनी शुरू हो गयी, जिनमे अपर्याप्त स्वास्थ सेवा, स्वच्छता से सम्बंधित बुनियादी उपलब्धता, गरीबी, अनौपचारिक और अस्थायी वेतनभोगी, दैनिक श्रमिक आदि हैं। दैनिक श्रमिकों का जीवनयापन एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आया। जिस प्रकार से मजदूरों का पलायन और लॉकडाउन की अवधि में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है, उससे और भी समस्याएं हमारे सामने आ रही हैं। लॉकडाउन के कारण एक बड़े अप्रत्याशित रूप से व्यवसाय और अर्थव्यवस्था में नुकसान होना शुरू हो गया है और इसका और भी विकराल रूप लेने की संभावना है।
भारत में कार्यरत विभिन्न वेबसाइटों (Websites) ने भारी छूट के साथ अपने सामानों को बेचने की प्रथा की शुरुआत की है, जिसके कारण उनपर खुदरा व्यापारी संघ द्वारा कई आक्षेप लगाये गए हैं। इन ऑनलाइन शॉपिंग (Online shopping) वाली साइटों (Sites) के द्वारा इतनी कम कीमत पर सामान बेचा जाता है कि उनके सामने कोई अन्य खड़ा नहीं रह पाता और इसका परिणाम यह होता है कि अन्य प्रतिद्वंदी अपने आप ही तलवार डाल देते हैं। इस प्रकार से ये ई कॉमर्स (E-Commerce) के पोर्टल (Portal) पूरे बाजार पर एक छत्र राज करने लग जाते हैं। जिस दाम पर विभिन्न सामानों को बाजारों में बेचा जाता है, उसे प्रेडेटरी प्राइसिंग (Predatory Pricing) के नाम से जाना जाता है। प्रेडेटरी प्राइसिंग कभी भी नए प्रवेशकों के लिए बाधा बन जाती है तथा इसके लिए 2002 में एक एक्ट (Act) बनाया गया था, जिसके अनुसार इस प्रकार की प्राइसिंग (Pricing) अवैध है। हालांकि वर्तमान समय में भारत में अमेज़न, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील (Amazon, Flipkart, Snapdeal) आदि ई कॉमर्स साइटें भारी छूट पर सामान बेचने का कार्य कर रही हैं। ये ई कॉमर्स के पोर्टल वास्तव में कई दुकानदारों से सम्बंधित होते हैं, जिनके जरिये ये सामान बेचने का कार्य करते हैं। अब यहाँ पर एक भिन्न बात यह है कि दुकानदार यहाँ पर छूट नहीं देता बल्कि यह छूट ये साइटें निर्धारित करती हैं।
सरकार द्वारा किये गए विभिन्न नीतिगत सुधारों के कारण इस व्यवस्था पर काफी हद तक रोक लग चुकी है। वर्तमान समय में जिस प्रकार से महामारी का प्रकोप छाया हुआ है, ऐसे में ई कॉमर्स एक ऐसा साधन है जहाँ से आसानी से बिना घर से बाहर निकले सामान आदि मंगाया जा सकता है। ऐसे में यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण हो जाता है कि वस्तुओं के दाम पर नकेल लगाकर रखी जाए, इसी तर्ज पर भारत में कुछ कानून हैं, जिनका सूत्रपात इस प्रकार किया जाता है- जरूरी वस्तु अधिनियम 1955, कालाबाजारी से रोक और संग्रहण से रोक का अधिनियम 1980, प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002, औद्योगिक विकास और विनिमय अधिनयम 1951 आदि। इन सभी अधिनियमों के अनुरूप ही किसी भी जरूरी सामान की कालाबाजारी ना हो, उसके दाम को ऊँचे दामों पर ना बेचा जाये, उसकी गुणवत्ता का ख्याल रखा जाए आदि शामिल हैं। इन अधिनियमों में समय के साथ साथ कई परिवर्तन भी किये गए हैं, जिसके कारण लोगों तक सही गुणवत्ता का सामान उचित दर पर पहुँच पाना संभव हुआ है।

चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में एक ई-कॉमर्स वेबसाइट के द्वारा दी जा रही छूट को दिखाया गया है। (Unsplash)
दूसरे चित्र में ई-कॉमर्स (E-commerce) वेबसाइट पर भारी छूट को दिखाया गया है। (Prarang)
अंतिम चित्र में ई-कॉमर्स (E-commerce) वेबसाइट पर छूट और खरीदारी को दिखाया गया है। (Picseql)
सन्दर्भ :
https://bit.ly/2WUedli
https://bit.ly/2oVmZCY
https://www.mondaq.com/india/antitrust-eu-competition-/884554/discounts-deeper-than-mariana-trench-predatory-pricing-by-indian-e-commerce-giants(open in incognito to view full)
https://www.mondaq.com/india/operational-impacts-and-strategy/926766/price-gouging-in-the-times-of-covid-19



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id