शारदा नहर उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नहर है यह पूरे लखनऊ शहर को पानी की आपूर्ति करती है। शारदा नहर से जुड़ी हुई कई परियोजनाएं चल रही हैं। इस नहर के आसपास के इलाकों में भी कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इन सब से जुड़ी कुछ बाधाएं भी हैं। मसलन हर 6 महीने में एक बार यह पूरी तरह बंद करके इसकी सफाई की जाती है। उस समय पूरा शहर पानी के संकट से जूझता है। इसका कोई समाधान जलकल ने आज तक नहीं ढूंढा है।
शारदा नहर: एक परिचय शाखा- प्रशाखाओं सहित शारदा नहर की कुल लंबाई 12 ,368 किलोमीटर है। उत्तर प्रदेश और नेपाल सीमा के नजदीक शारदा नदी के किनारे बनबसा नामक स्थान से निकाली गई है। शारदा नहर का निर्माण कार्य सन 1920 मैं शुरू हुआ और 1928 में पूरा हुआ। नहर द्वारा पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद आदि जिलों की लगभग 800000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। शारदा नहर की मुख्य शाखाएं खीरी, शारदा देवा, बीसलपुर, निगोही, सीतापुर, लखनऊ और हरदोई आदि जिलों में है। इस नहर पर ‘ खटीमा शक्ति केंद्र’ भी स्थापित किया गया है। पानी की किल्लत की मार से पीड़ित लखनऊ के 5 लाख नागरिक शारदा नहर की सालाना सफाई के कारण पानी की आपूर्ति बंद किए जाने से गोमती नगर रोड इंदिरा नगर के लगभग 500000 लोग पानी की दिक्कत झेलते हैं। कठौता झील को पानी की सप्लाई शुरू की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में एक महीना लगेगा। नतीजतन इंदिरानगर और गोमती नगर के निवासी 1 महीने तक पानी की कठिनाई का सामना करेंगे। जल संस्थान का दावा है कि जलाशय में एकत्र पानी शारदा नहर बंद होने के एक हफ्ते बाद तक नागरिकों को पानी की आपूर्ति करेगा। इसके बाद टैंकर से पानी प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाया जाएगा। नागरिकों का कहना है कि साल में दो बार इस जल संकट से जूझते हैं। उनकी मांग है कि हड़ताल की समस्या से बेहतर होगा हमेशा के लिए इस संकट का समाधान। फिलहाल जलकल के पास मुद्दे का कोई उपाय नहीं है। शारदा नहर सड़क योजना लखनऊ में शारदा नहर के दोनों तरफ 33 लेन की सड़क निर्माण योजना पर काम चल रहा है। विभिन्न मदों की दरों में वृद्धि के कारण अब पुनरीक्षित लागत 29,747. 63 लाख रुपए हो गई है। मार्च 2016 में यह लागत 25015 .94 लाख रुपये थी । अब दोनों ओर 10. 110 किलोमीटर की सड़कें बनेंगी। असल में 104 किलोमीटर की रिंग रोड लखनऊ के चारों ओर बन रही है। इस क्रम में फैजाबाद रोड राष्ट्रीय मार्ग संख्या 28 एवं सुल्तानपुर मार के बीच शारदा नहर के दोनों तटबंध पर तीन-तीन लेन के मार्ग का निर्माण हो रहा है। योजना में 90% काम हो चुका है, इस मार्ग के बन जाने से भारी वाहन लखनऊ शहर के अंदर ना आ कर बाहर- बाहर निकल जाएंगे जिससे शहर को प्रदूषण और जाम से छुटकारा मिलेगा। कैंसर इंस्टीट्यूट की लागत 200 करोड़ घटी लखनऊ के चक गंजरिया सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल के निर्माण की लागत 82126.14 लाख आंकी गई थी। पुनरीक्षित परियोजना प्रस्ताव के तहत मूलतः 8 वर्ग एवं फिश टैंक की लागत घटाने, रोड वर्क 14849.57 वर्ग मीटर के बजाए 21 हजार वर्ग मीटर पर करने, मीटर रूम, गार्ड रूम की लागत मंजूर न करने आदि उपाय किए गए। इससे लागत करीब 200 करोड़ कम हो गई। यह दोनों प्रस्ताव कैबिनेट ने मंजूर कर दिए। सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने शारदा नहर की करोड़ों की जमीन पर बिल्डर का कब्जा करवा दिया सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने पीजीआई के कल्ली पश्चिम में स्थित शारदा नहर की करोड़ों की 2.558 हेक्टेयर जमीन पर बिल्डर का कब्जा करवा दिया। अधिकारियों द्वारा जांच से सच सामने आया। मामले में सिंचाई विभाग के जिलेदार की तहरीर पर विभाग के 6 कर्मचारियों तथा बिल्डर के निदेशक के खिलाफ pgi थाने में जालसाजी, सरकारी संपत्ति हड़पने का मुकदमा दर्ज किया गया। शासन के निर्देश पर 6 में से 4 कर्मचारियों को निलंबित कर दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई।© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.