2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक दशक में शहरी भारत में लगभग 9 करोड़ लोगों में वृद्धि हुई है। वहीं दूसरी ओर इस अवधि के दौरान, 2774 नए शहर भी विकसित हुए हैं। इन नए शहरों में से अनुमानित रूप से एक-तिहाई शहर भारत के बड़े शहरों से निकटता में स्थित हैं। भारत के केवल 1% भूमि क्षेत्र पर बसने वाले ये उपनगर देश के रोजगार में लगभग 18% का योगदान देते हैं। ये आंकड़े पिछले दशक में भारत के तेज़ी से हुए उपनगरीकरण के चौंका देने वाले सबूत प्रदान करते हैं। भारत के बड़े शहरों के किनारे पर स्थित शहर जैसे, चेन्नई के पास श्रीपेरमबदूर, दिल्ली के पास नोएडा और गुड़गांव तथा मुंबई के पास रायगढ़ में तेज़ी से विकास हुआ है।
वहीं उपनगरीय इलाकों की ओर होने वाला एक जनसंख्या बदलाव है, जिसके परिणामस्वरूप उपनगरीय फैलाव का निर्माण होता है। शहर के केंद्रों से घरों और व्यवसायों की आवाजाही के परिणामस्वरूप, कम घनत्व वाले नजदीकी शहरी क्षेत्र में वृद्धि होती हैं। हालांकि महानगरीय क्षेत्रों के कई निवासी केंद्रीय शहरी क्षेत्र के भीतर कार्य करते हैं, लेकिन वे उपनगरीय इलाके में उपग्रह समुदायों में रहना पसंद करते हैं। जबकि उपनगरीयकरण अधिकांश शहरीकरण वाले देशों में एक सामान्य दृग्विषय है, लेकिन यह भारत के पूर्वानुमान को विशेष रूप से चिंताजनक बना रहा है, ऐसा इसलिए है कि यह भारत के शहरी विकास के अपेक्षाकृत शुरुआती चरण में हो रहा है। इसका कारण निम्न पंक्तियों में देखा जा सकता है:संदर्भ :-
https://www.architecturaldigest.com/story/will-the-coronavirus-make-the-suburbs-popular-again
https://usa.streetsblog.org/2020/03/24/suburbanization-is-not-the-answer-to-covid-19/
https://en.wikipedia.org/wiki/Suburbanization
https://journals.sagepub.com/doi/abs/10.1177/0975425316629836?journalCode=euaa
https://abhipedia.abhimanu.com/Article/IAS/NTA1MQEEQQVVEEQQVV/Suburbanization-in-India-Geography-IAS
https://www.smartcitiesdive.com/ex/sustainablecitiescollective/india-s-suburban-transformation/208606/
चित्र सन्दर्भ:
उप शहरी सिटीस्केप(Youtube)
अनियोजित शहर वास्तुकला और निर्माण(Youtube)
सिटीस्केप स्काईलाइन गेम
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