नुक्कड़ नाटक, रंगमंच, कठपुतली जैसे प्रदर्शनों में दिखाये जाते हैं महाभारत के विभिन्न प्रसंग

लखनऊ

 16-07-2020 11:24 AM
द्रिश्य 2- अभिनय कला

रामपुर में रामायण और महाभारत के विभिन्न चित्रण नुक्कड़ नाटक, रंगमंच और यहां तक कि कठपुतली प्रदर्शनों में देखे जा सकते हैं। महाभारत, भारत का एक ऐसा प्राचीन महाकाव्य है, जो हजारों साल पहले हुए प्रलयकारी युद्ध को अभिव्यक्त करता है. एक ऐसा युद्ध जो अकथनीय दुख और विनाश के साथ समाप्त हुआ। इसकी घटनाएँ 5,000 या 3,000 साल पहले की हैं जो संभवत: 2,000 साल पहले के आस-पास लिखी गयी। लेकिन राजनीति, कला और धार्मिक संस्कृति में इसके प्रसंगों का चित्रण आज भी जारी है। महाभारत के विभिन्न प्रसंगों को आज विभिन्न प्रदर्शन कलाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है जिसके कारण महर्षि वेदव्यास द्वारा बताई गई कहानी आज भी शाश्वत बनी हुई है, और महाकाव्य कलाकारों को मोहित करता रहता है। महाभारत का दायरा इतना विशाल और सर्वव्यापी है कि वर्तमान समय में इसके टेलीविजन संस्करण ने युवा पीढ़ी पर गहरी छाप छोड़ी है जो इसे देखते हुए बड़ी हुई है। केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में भी इसने विभिन्न कला क्षेत्रों को प्रभावित किया है।

उदाहरण के लिए न्यूयॉर्क शहर में, कुरुक्षेत्र की लड़ाई को पीटर ब्रुक के 'द महाभारत (The Mahabharata)' के विशाल उत्पादन में चित्रित किया गया था। इसके निर्माण के लिए पीटर ब्रुक स्वयं भारत आये तथा महाभारत से सम्बंधित जानकारी प्राप्त की। जीन-क्लाउड कैरियार (Jean-Claude Carrière) का फ्रांसीसी नाटक ले महाभारत (Le Mahabharata) संस्कृत महाकाव्य ‘महाभारत’ पर आधारित है। नाटक, जो प्रदर्शन में नौ घंटे लंबा है (अंतराल के साथ ग्यारह), ने चार साल तक दुनिया का दौरा किया। दो साल तक यह प्रदर्शन फ्रांसीसी और अंग्रेजी दोनों में किया गया। नाटक को तीन भागों में बांटा गया है, द गेम ऑफ़ डाइस (The game of dice), द एग्ज़ाइल इन द फॉरेस्ट (The Exile in the Forest) और द वार (The War)। 1989 में, इसे छह घंटे की लघु श्रृंखला के रूप में टेलीविजन के लिए अनुकूलित किया गया था। बाद में नाटकीय और डीवीडी रिलीज (DVD Release) के लिए एक फिल्म के रूप में इसे घटाकर लगभग तीन घंटे कर दिया गया। यह नाटक पूर्व की एक प्राचीन कहानी को पश्चिम में आधुनिक दर्शकों के लिए सुलभ होने के दुर्लभ अवसर को दर्शाता है। इसमें जीवन के सभी विरोधाभास हैं, और इसकी किंवदंतियों और कहानियों को हर पीढ़ी में बार-बार बताया गया है। पश्चिम में, महाभारत की तुलना 'इलियड (Iliad)’ और 'ओडिसी (Odyssey)', बाईबिल (Bibles), किंग आर्थर (King Arthur's) की कहानियों और ‘युद्ध और शांति' के संयोजन से की गई है।

भारत में किसी ऐसे व्यक्ति को ढूंढना दुर्लभ है जिसने वास्तव में महाभारत को उसकी मूल संस्कृत में पढ़ा हो। शिक्षित भारतीय आमतौर पर भारत की 15 प्रमुख भाषाओं में इसके अनुवाद को पढते हैं, और इनमें से कई अनुवाद अपने आप में कला के महान कार्य माने जाते हैं। 1919 और 1966 के बीच, भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (Bhandarkar Oriental Research Institute), पुणे के विद्वानों ने भारत और विदेश से महाकाव्य की विभिन्न पांडुलिपियों की तुलना की और 19 ग्रंथों में 13,000 पृष्ठों पर, महाभारत के समालोचनात्मक संस्करण का निर्माण किया जिसके बाद हरिवमश (Harivamsha) का निर्माण दो ग्रंथों में किया गया। समय के साथ कई क्षेत्रीय संस्करण भी विकसित हुए जिनमें तमिल स्ट्रीट थियेटर (Street theatre), तेरुकुट्टु (Terukkuttu) और कट्टीकुट्टु (Kattaikkuttu) शामिल हैं। भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर, इंडोनेशिया में, 11 वीं शताब्दी में राजा धर्मांगसा के संरक्षण में एक संस्करण प्राचीन जावा में काकविन भारतयुद्ध (Kakawin Bhāratayuddha) के रूप में विकसित किया गया था, और बाद में यह बाली के पड़ोसी द्वीप में फैल गया, जो आज एक हिंदू बहुसंख्यक द्वीप बना हुआ है। यह जावानीस साहित्य, नृत्य नाटक (वेयांग वोंग- Wayang wong), और वायांग (Wayang) छाया कठपुतली प्रदर्शन के लिए एक मुख्य स्रोत बना। जावानी संस्करण और मूल भारतीय संस्करण में कुछ विभिन्नताएं भी मौजूद हैं। महाभारत का एक फारसी अनुवाद, जिसका शीर्षक रज़मनामेह (Razmnameh) था, का निर्माण अकबर के आदेशों पर फैज़ी और अब्द अल-कादिर बदायुनी द्वारा 18 वीं शताब्दी में किया गया था। 1883 और 1896 के बीच प्रकाशित किसारी मोहन गांगुली द्वारा पहला पूर्ण अंग्रेजी अनुवाद विक्टोरियन गद्य (Victorian prose) संस्करण था। भारतीय सिनेमा में, महाकाव्य के कई फिल्मी संस्करण बनाए गए हैं। कलयुग में श्याम बेनेगल द्वारा महाभारत की पुनर्व्याख्या भी की गई थी। प्रकाश झा द्वारा निर्देशित 2010 की फ़िल्म राजनीति आंशिक रूप से महाभारत से प्रेरित थी। 1988 में बी. आर. चोपड़ा ने महाभारत नामक एक टेलीविजन श्रृंखला बनाई जिसका निर्देशन रवि चोपड़ा ने किया। 2013 में चैनल स्टार प्लस (Star Plus) में महाभारत की एक अन्य टेलीविजन श्रृंखला प्रसारित हुई जिसका प्रसारण इंडोनेशिया में भी डब (Dubbed) संस्करण के माध्यम से हुआ।

वर्तमान में कोविड (COVID-19) महामारी का प्रदर्शन कला पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, जो सभी कला क्षेत्रों में इसके प्रभाव को दर्शाता है। सामाजिक दूरी सुरक्षा आवश्यकताओं के मद्देनजर कई प्रदर्शन कला संस्थानों को प्रदर्शन स्थल बंद करने पडे हैं। इस कारण न केवल सार्वजनिक प्रदर्शन, बल्कि पूर्वाभ्यास के लिए भी, नई डिजिटल (Digital) सेवाओं की पेशकश करके अनुकूलन करने का प्रयास किया गया है। परिणामस्वरूप कई उद्योगों के पहले से रिकॉर्ड (Record) किए गए प्रदर्शनों की मुफ्त ऑनलाइन स्ट्रीमिंग (Online streaming) हुई तथा कई अन्य को रद्द कर दिया गया।
संदर्भः
https://en.wikipedia.org/wiki/Impact_of_the_COVID-19_pandemic_on_the_performing_arts
https://en.wikipedia.org/wiki/The_Mahabharata_(play)
https://www.asianage.com/india/all-india/140319/the-mahabharat-encounters-with-british-director-peter-brook-in-india-abroad.html
https://www.business-standard.com/article/specials/mahabharat-takes-indonesia-by-storm-114121800426_1.html
https://en.wikipedia.org/wiki/Mahabharata#Versions,_translations,_and_derivative_works
https://www.nytimes.com/1987/10/27/arts/many-faces-of-the-mahabharata.html

चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में एक मंच पर महाभारत की नाट्य प्रस्तुति के दौरान द्रौपदी वस्त्र हरण का चित्रण है। (Publicdomainpictures)
दूसरे चित्र में एक नाट्य प्रस्तुति के दौरान महाभारत नाट्य का एक चित्र। (Youtube)
अंतिम चित्र में कठपुतलियों के द्वारा महाभारत की प्रस्तुति का चित्र है। (Youtube)


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