रामपुर के समृद्ध और विविधता पूर्ण इतिहास की तरह ही, इतिहास की गवाही कर रही वहां की मिट्टी में भी बड़ी विभिन्नता है। यहाँ के तराई क्षेत्र में कार्बनिक पदार्थों से भरपूर मिट्टी पाई जाती है। ऊंचे क्षेत्रों या पहाड़ियों में चिकनी बलुई मिट्टी मिलती है तथा निचले क्षेत्रों में चिकनी मिट्टी पाई जाती है। क्षेत्र की भूमि के उपयोग में वहां की मिट्टी के स्वरूप की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यहीं की काली मिट्टी का उपयोग क्रिकेट की पिच बनाने में भी किया जाता है, 810 स्क्वायर मीटर की पिच के ऊपर 300 मिलीमीटर की मोटाई में इस मिट्टी को डाला जाता है। रामपुर की एक खास मिट्टी गुवाहाटी जैसे दूसरे प्रदेशों में भी क्रिकेट पिच बनाने के लिए इस्तेमाल होती है। इस मिट्टी की खासियत यह है कि इसमें चिकनी मिट्टी की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, जिस वजह से क्रिकेट की गेंद को अच्छा उछाल मिलता है। एक अच्छे क्रिकेट के लिए पिच की ऊपरी सतह पर चीनी मिट्टी की मात्रा 50-70 प्रतिशत होनी चाहिए।
काली मिट्टी को रेंगूर भी कहा जाता है। वैसे तो काली मिट्टी के अस्तित्व में आने के कई मत हैं, लेकिन ज्यादातर लोग मानते हैं कि काली मिट्टी हजारों साल पहले तब अस्तित्व में आई, जब डेक्कन पठार (Deccan Plateau) में एक विशाल ज्वालामुखी फटा तथा उसका लावा बड़ी मात्रा में फैल कर ठंडा हो गया। ज्यादातर काली मिट्टी दो तरह की चट्टानों से निकलती है, जिनके नाम हैं डेक्कन (Deccan) और राजमहल ट्रैप (Rajmahal Traps)। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह काली मिट्टी नैसर्गिक रूप से बनती है ना कि किसी चट्टान से। काली मिट्टी काफी देर तक अपने अंदर पानी सोकने की क्षमता रखती है। बारिश के मौसम में जब यह गीली होती है, तो फूल कर चिपचिपी हो जाती है। ऐसे में इस मिट्टी पर काम करना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि फावड़ा इस मिट्टी में फंस जाता है। काली मिट्टी की मदद से जो प्रमुख फसलें होती हैं, उनमें कपास, गेहूं, ज्वार, तंबाकू, आरंडी, सूरजमुखी और मिलेट्स शामिल हैं। इस मिट्टी पर बड़ी मात्रा में कई प्रकार की सब्जियां और फल भी उगाए जाते हैं।चित्र संदर्भ:
1. मुख्य चित्र में काली मिटटी की उपजाऊ महत्वता को दिखाया है। (Pickero)
2. दूसरे चित्र में काली मिटटी से तैयार क्रिकेट की पिच को दिखाया गया है। (Youtube)
3. तीसरे चित्र में काली मिटटी में लहलहाती हुई फसल दिखाई दे रही है। (Wikiwand)
4. अंतिम चित्र में काली मिटटी में खेती को दिखाया गया है। (picseql)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.