पृथ्वी के सबसे बड़े खतरों में से एक है 'क्षुद्रग्रह' का पृथ्वी से टकराना

लखनऊ

 30-06-2020 06:30 PM
खनिज

अंतरिक्ष में विभिन्न आकार के अनेकों क्षुद्रग्रह गतिशील अवस्था में रहते हैं। अंतरिक्ष से चट्टानें हर समय पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती रहती हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में एक उल्का पिंड को आसमान में विस्फोटित होते हुए देखा गया, जिसने रात को क्षण भर के लिए दिन में बदल दिया था। भारत के प्रत्यक्षदर्शियों ने आकाश में एक तेज धमाके की सूचना दी, जिससे स्थानीय लोग स्तब्ध और भयभीत हो गए।यह धमाका महज 0.7 मीटर व्यास के एक उल्का के कारण हुआ था, जो कि वायुमंडल से 37.1 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से टकराया था। जब क्षुद्रग्रह और उल्काएं वायुमंडल से टकराते हैं, तो आग जैसा चमकीला विस्फोट उत्पन्न करते हैं। जबकि एक प्रमुख क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावनाएं कम हैं, लेकिन यह विनाशकारी संभावना असंभव नहीं है। राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अन्तरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration-NASA) का मानना है कि हर साल 300,000 अवसरों में से एक अवसर ऐसा हो सकता है, जिसमें अंतरिक्ष चट्टान क्षेत्रीय नुकसान पहुंचा सकती है। हमारे जीवन काल या आनेवाली पीढ़ी के जीवनकाल के भीतर एक बड़े क्षुद्रग्रह या धूमकेतु के टकराव के साथ सभ्यता-अंत की संभावनाएं (जैसे छह मील चौडे क्षुद्रग्रह ने 65 मिलियन साल पहले डायनासोर (Dinosaurs) का सफाया किया था) वास्तव में बहुत कम हैं। आकार पैमाने के दूसरे छोर पर, पृथ्वी के वातावरण में हर समय छोटे-छोटे क्षुद्रग्रह हानि पहुंचाए बिना विस्फोटित होते रहते हैं, इसलिए यह ऐसे क्षुद्रग्रह नहीं हैं, जिसके बारे में हमें चिंता करने की आवश्यकता है। फिर भी जब तक हम इसे रोकने का कोई तरीका नहीं निकाल लेते, तब तक हमारे ग्रह की किसी क्षुद्रग्रह से टकराने की सम्भावना है, जो किसी स्थानीय या क्षेत्रीय विनाश का कारण बन सकती है। यहां तक कि क्षुद्रग्रह विस्फोट से उत्पन्न धूल और गैसें दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन का कारण भी बन सकती हैं।इस घटना के होने की सम्भावना आज से 500 साल बाद भी हो सकती है या फिर यूं कहें कि आज भी हो सकती है। इसलिए इसके लिए तैयार रहना आवश्यक है। यह सच है कि पिछले दो दशकों में, संभावित रूप से पृथ्वी को खतरे में डालने वाले क्षुद्रग्रहों के खिलाफ ग्रह-रक्षा कार्यक्रमों के लिए नासा के निधिकरण (Funding) में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। क्षुद्रग्रहों का पृथ्वी से टकराना सामान्य घटना नहीं है और शायद यह पृथ्वी के सबसे बड़े खतरों में से एक है। अंतरिक्ष संस्थाएं और अन्य क्षुद्रग्रह वैज्ञानिकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि लोग यह समझें कि यह खतरा बहुत वास्तविक है तथा फिल्मों (Films) की भांति काल्पनिक बिल्कुल भी नहीं है। यह अंततः उस एकमात्र ग्रह की रक्षा करने के बारे में है जिस पर हम जीवन जी रहे हैं। अभी तक शेलयाबिंस्क (Chelyabinsk) उल्का का टकराव सदी का सबसे बड़ा ज्ञात उल्का टकराव है, जिसने 1,600 से अधिक लोगों को घायल किया था। नासा के अनुसार, इसने लगभग 440,000 टन ट्राईनाईट्रोटॉलिन (Trinitrotoluene) के बराबर ऊर्जा उत्सर्जित की थी।

बड़े क्षुद्रग्रह पूरे ग्रह तक को प्रभावित कर सकते हैं, जबकि छोटे क्षुद्रग्रहों का स्थानीय प्रभाव अधिक पड़ता है। पृथ्वी को प्रभावित करने वाले क्षुद्रग्रहों से होने वाला जोखिम, व्यापक क्षति, मृत्यु, और तबाही वास्तविक है, और हमारे जीवन के हर दिन मौजूद है। क्षुद्रग्रह की संख्या पर विशेषज्ञों का अनुमान है कि लगभग 20 करोड़ वस्तुएं जोकि 6 मीटर या उससे अधिक हैं, पृथ्वी के आस-पास की कक्षाओं में हैं। हर दो साल में एक बार ये वस्तुएं पृथ्वी से टकराती हैं। मोटे तौर पर 100 लाख शेलयाबिंस्क आकार की वस्तुएं पृथ्वी के आस-पास की कक्षाओं में हैं और प्रभाव अंतराल 50 साल के करीब है। 1998 में अमेरिकी कांग्रेस ने नासा को पृथ्वी के निकट स्थित 1 किलोमीटर या उससे अधिक व्यास वाली कम से कम 90 प्रतिशत वस्तुओं की खोज करने और उनका पीछा करने का निर्देश जारी किया था। 2005 में एक और निर्देश ने नासा को 140 मीटर या उससे बड़े संभावित प्रभावों की पहचान करने का आदेश दिया। खगोलविदों ने बड़ी संख्या में पृथ्वी के निकट स्थित वस्तुओं की खोज की, जिनकी संख्या वर्तमान में 12,000 से भी अधिक हैं। लगभग सभी ऐसी वस्तुओं को क्षुद्रग्रह कहा जाता है, लेकिन लगभग 1 प्रतिशत धूमकेतु हैं। इनमें से 868 बड़े क्षुद्र ग्रह हैं, जिनका व्यास 1 किलोमीटर से अधिक है, और अगर वे पृथ्वी से टकराते हैं तो वे एक वैश्विक तबाही पैदा करेंगे। खगोलविदों ने औसतन अनुमान लगाया है कि तुंगुस्का (Tunguska) के आकार का क्षुद्रग्रह हर 500 साल में पृथ्वी से टकरायेगा जबकि सभ्यता का अंत करने वाले के-पीजी (K-PG) प्रभाव के 10 किलोमीटर के क्षुद्रग्रह हर 10 करोड वर्षों में औसतन पृथ्वी से टकराएंगे। 10 किलोमीटर का यह क्षुद्रग्रह वैश्विक तबाही का कारण बनने के लिए पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न करता है।

कुछ मीटर के एक छोटे क्षुद्रग्रह का प्रभाव स्थानीयकृत समस्या का कारण बन सकता है। 10 मीटर की वस्तु स्थानीय या क्षेत्रीय संकट का कारण बन सकती है लेकिन 1 से 2 किलोमीटर व्यास का क्षुद्रग्रह एक भयावह और विनाशकारी घटना को अंजाम देने में सक्षम है। 2014 के अंत में, नासा के वैज्ञानिकों ने 1994 और 2013 के बीच 556 अलग-अलग घटनाओं को दिखाते हुए एक बड़ा मानचित्र जारी किया, जब छोटे क्षुद्रग्रहों ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया, ऊर्जा को फैलाया और परिणामस्वरूप पृथ्वी के आसमान में एक उज्ज्वल आग का गोला बनाया। इन वस्तुओं के आकार की सीमा लगभग 1 मीटर से 20 मीटर तक मानी जाती है। हालांकि पृथ्वी के आस-पास नुकसान न पहुंचाने वाले अनेकों क्षुद्रग्रह या उल्का गुजरते हैं लेकिन इनसे होने वाले खतरे की वास्तविकता को समझते हुए इनकी पहचान करना तथा इनका पीछा करना अत्यंत आवश्यक है।

चित्र सन्दर्भ:
1.2013 में रूस के चेल्याबिंस्क में उल्का।(Wikimedia)
2.एक आने वाले क्षुद्रग्रह की कलाकार की व्याख्या(Youtube)
3.राजस्थानी उल्कापिंड का टुकड़ा(Youtube)

संदर्भ:
https://www.express.co.uk/news/science/1243333/asteroid-news-meteor-video-watch-new-delhi-space-asteroids-impact-earth-2020
https://www.airspacemag.com/airspacemag/how-dangerous-are-asteroids-180973155/
https://www.foxnews.com/science/nasa-chief-asteroid-threat
https://astronomy.com/bonus/asteroidday


RECENT POST

  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM


  • जानिए, क्या हैं वो खास बातें जो विदेशी शिक्षा को बनाती हैं इतना आकर्षक ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     11-11-2024 09:38 AM


  • आइए,आनंद लें, फ़्लेमेंको नृत्य कला से संबंधित कुछ चलचित्रों का
    द्रिश्य 2- अभिनय कला

     10-11-2024 09:36 AM


  • हमारे जीवन में मिठास घोलने वाली चीनी की अधिक मात्रा में सेवन के हैं कई दुष्प्रभाव
    साग-सब्जियाँ

     09-11-2024 09:32 AM


  • पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान और स्थानीय समुदायों को रोज़गार प्रदान करती है सामाजिक वानिकी
    जंगल

     08-11-2024 09:28 AM


  • राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस: जानें प्रिसिशन ऑन्कोलॉजी नामक कैंसर उपचार के बारे में
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     07-11-2024 09:26 AM


  • परमाणु उर्जा के उत्पादन और अंतरिक्ष की खोज को आसान बना देगा नेपच्यूनियम
    खनिज

     06-11-2024 09:17 AM


  • डिजिटल तकनीकों के विकास ने पुरानी गाड़ियों के विक्रेताओं के वारे-न्यारे कर दिए हैं
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     05-11-2024 09:45 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id