गर्मियों का मौसम अपने साथ कई विशेष फलों और सब्जियों की खेती लेकर आता है। ऐसे कई पौष्टिक फल और सब्जियां हैं, जिन्हें उगाने के लिए गर्मियों का मौसम उपयुक्त है। एवोकैडो (Avocado) फल भी इन्हीं में से एक है जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई पौष्टिक गुणों से युक्त भी है। इसमें उच्च पोषण घनत्व, प्रोटीन (Protein), फाइबर (Fiber) और एंटी-ऑक्सीडेंट (Anti-oxidants), वसा आदि मौजूद होते हैं। इसकी वसा संरचना जैतून के तेल के समान है और सौंदर्य प्रसाधनों की तैयारी में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। कई विटामिन (Vitamins) और खनिज भंडार के अलावा इसका ऊर्जा मूल्य अत्यधिक है। एवोकैडो उष्णकटिबंधीय अमेरिका का एक मूल निवासी है, जोकि संभवतः एक से अधिक जंगली प्रजातियों के साथ मैक्सिको और मध्य अमेरिका में उत्पन्न हुआ। शुरुआती स्पेनिश खोजकर्ताओं ने मैक्सिको से पेरू तक इसकी खेती दर्ज की है। लेकिन यह उस समय वेस्ट इंडीज में नहीं था। इसे सन् 1601 और 1650 में क्रमशः दक्षिणी स्पेन और जमैका में पेश किया गया जबकि फ्लोरिडा और कैलिफोर्निया में इसे पहली बार 1833 और 1856 में दर्ज किया गया था।
एवोकैडो को मिट्टी की एक विस्तृत श्रृंखला पर उगाया जा सकता है, लेकिन वे खराब जल निकासी के लिए बेहद संवेदनशील हैं और जल-जमाव का सामना नहीं कर सकते। वे खारी (Saline) स्थितियों के लिए असहिष्णु हैं। उनके लिए पीएच (pH) की इष्टतम सीमा 5 से लेकर 7 तक होती है। प्रजाति और किस्मों के आधार पर, यह समशीतोष्ण क्षेत्र के वास्तविक उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से लेकर गर्म भागों वाली जलवायु परिस्थितियों में अच्छी तरह से पनप सकता है। भारत में, एवोकैडो एक वाणिज्यिक फल फसल नहीं है। इसे बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दौर में श्रीलंका से लाया गया था। भारत में इसे तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पूर्वी हिमालयी राज्य सिक्किम में बहुत सीमित पैमाने पर और अव्यवस्थित रूप से उगाया जाता है। यह उत्तर भारत की गर्म शुष्क हवाओं और ठंड को सहन नहीं कर सकता है। जलवायवीय रूप से यह गर्मियों में कुछ वर्षा का अनुभव करने वाले उष्णकटिबंधीय या अर्ध-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में और गर्मियों में वर्षा वाले आर्द्र, उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है। फल आदर्श रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में सबसे अच्छा बढ़ता है जहां तापमान 3 से 32 डिग्री सेल्सियस (Degree celsius) के बीच रहता है।
इजरायली एवोकैडो विशेषज्ञों का मानना है कि एवोकैडो की खेती भारत में एक बड़ी क्षमता रखती है। एक प्रसिद्ध कृषि आधारित फर्म (Firm) ने पहले से ही दक्षिण भारत में एक प्रारम्भिक एवोकैडो बाग की स्थापना की है। देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित कृषि-जलवायु परिस्थितियाँ एवोकैडो के तहत अधिक क्षेत्रों को लाने के लिए अनुकूल प्रतीत होती हैं। वर्तमान में, इनका वृक्षारोपण अच्छी तरह से व्यवस्थित नहीं हैं और वे बिखरे हुए हैं। उच्च उपज क्षमता के साथ अब काफी अच्छी संख्या में उन्नत किस्में भारत में उपलब्ध हैं। इसके अलावा वनस्पति प्रसार तकनीकों को भी मानकीकृत किया गया है। भारत के उत्तरपूर्वी क्षेत्र के उष्णकटिबंधीय दक्षिणी भारत और आर्द्र अर्ध-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में चयनित किस्मों के उच्च-गुणवत्ता वाले नर्सरी पौधों की एक बड़ी संख्या का गुणन और उनका व्यवस्थित रोपण, एवोकैडो को भारत के फलों के नक्शे पर उपयुक्त रूप से रखने में मदद कर सकता है। फसल के लिए अनुसंधान सहायता अभी भी बहुत खराब है, लेकिन तमिलनाडु और सिक्किम से उपलब्ध अनुसंधान जानकारी यह प्रदर्शित करती है कि भारत में प्राप्त होने वाले फलों के आकार, रंग और गुणवत्ता की तुलना कहीं और उगाये जाने वाले एवोकैडो फलों के साथ की जा सकती है।
देश में उत्पादित एवोकैडो फलों को बहुत कठिनाई के बिना विपणन किया जा सकता है, विशेष रूप से बढ़ते पर्यटक उद्योग की आवश्यकता को पूरा करने के लिए। मुख्य भूमि भारत और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, जहां एवोकैडो को एक अच्छा बाजार मिल सकता है। एवोकैडो की एक अच्छी निर्यात क्षमता भी है। वर्तमान में, भारत में एवोकैडो के अनुसंधान और विकास को मजबूत करने के लिए कोई निश्चित सरकारी योजना नहीं है लेकिन तमिलनाडु और कर्नाटक में अनुसंधान केंद्र अपने संग्रह में एवोकैडो के कुछ जर्मप्लाज्म (Germplasm) बनाए हुए हैं। एवोकैडो मूल रूप से दक्षिण अमेरिका से हैं, लेकिन पिछले दशक में इसकी बढ़ती मांग के कारण अब इसे कैलिफोर्निया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, इजरायल, केन्या, तुर्की, मिस्र, वियतनाम, थाईलैंड, चीन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में व्यावसायिक रूप से उगाया जाता है। भारत में एवोकैडो, बहुतायत में नहीं है, यह बस कुछ ही शहरों में उपलब्ध हैं जहां उत्पाद को या तो आयात किया जाता है या फिर दक्षिण भारत में स्थानीय रूप से उगाया जाता है।
भारत में अभी एक भी वाणिज्यिक एवोकैडो बाग नहीं है। स्थानीय बाजार के लिए एवोकैडो का आयात करना होगा, भले ही इसके सामने चुनौतियां क्यों न हो। इसी कारण से हर्षित गोधा ने अपने शहर भोपाल जहां की जलवायवीय परिस्थितियां इजरायल के समान हैं, में एवोकैडो को उगाने की योजना शुरू की है। यदि यह योजना सफल होती है तो अन्य इच्छुक उत्पादक भी इससे प्रेरित होंगे। गोधा उन किस्मों का परीक्षण करने की प्रक्रिया में है जो क्षेत्र के लिए उपयुक्त हो सकती हैं। किस्मों का परीक्षण एक से दो एकड़ के छोटे से खेत पर होता है। भारत में रोपण सामग्री आवश्यक गुणवत्ता की नहीं है, इसलिए वे इजरायल से सजीव पौधों का आयात करते हैं, जो उच्च कीमत के साथ आता है।
लगभग एक दशक पहले दुनिया के इस हिस्से में जो फल लगभग अज्ञात था, उसने अच्छी तरह से अनेक घरों में अपनी पहचान बना ली है। चूंकि शाकाहार बढ़ रहा है, इसलिए रेस्तरां अपनी भोजन सूची में एवोकैडो को शामिल करना पसंद कर रहे हैं। इससे बनने वाले ग्वैकामोल (Guacamole) का उपभोग कई प्रतिशत बढता जा रहा है। रेस्तरां ने एवोकैडो की बहुमुखी प्रतिभा की खोज की है और इसके उपयोग को अपनी भोजन सूची के अन्य भागों में भी रखा है। कई प्रसिद्ध भोजनालय एवोकैडो को स्मूथी (Smoothie), सैंडविच (Sandwich), आइस क्रीम (Ice Cream) और मिल्क शेक (Milk shake) इत्यादि के रूप में परोसते हैं।
चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में एवोकैडो फल दिखाए गए हैं। (Freepik)
2. दूसरे चित्र में एक एवोकैडो का कटा हुआ आधा भाग और उसकी गुठली दिख रही है। (Wallpaperflare)
3. तीसरे चित्र में दो भाग में कटा हुआ एक एवोकैडो दिखाया गया है। (Freepik)
4. चौथे चित्र में कई सारे एवोकैडो दिखाए गए है जों बिकने के लिए रखे गए हैं। (Flickr)
5. पांचवे चित्र में एवोकैडो सलाद दिख रही है। (Youtube)
6. छठे चित्र में जैतून (ओलिव) के तेल में पकते हुए एवोकैडो। (picsql)
संदर्भ:
1. http://www.fao.org/3/X6902E/x6902e06.htm
2. http://www.israelagri.com/?CategoryID=482&ArticleID=1710
3. https://www.freshplaza.com/article/9129885/india-can-have-its-place-in-the-avocado-growing-industry/
4. https://economictimes.indiatimes.com/magazines/panache/the-rise-of-avocado-how-restaurants-have-seen-a-100-jump-in-demand-for-fruit-in-two-years/articleshow/64379971.cms?from=mdr
5. https://www.freshfruitportal.com/news/2019/08/16/project-underway-to-pioneer-commercial-avocado-production-in-india/
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