2002 से प्रत्येक वर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day) मनाया जा रहा है। इस अवधारणा को मूल रूप से 1992 में, पृथ्वी शिखर सम्मेलन - रियो डी जनेरियो, ब्राजील में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में, महासागर विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (International Centre for Ocean Development - ICOD) कनाडा और ओशन इंस्टीट्यूट ऑफ कनाडा (Ocean Institute of Canada - OIC) द्वारा प्रस्तावित किया गया था तथा 2008 में विश्व महासागर दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई थी। यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस, विश्वव्यापी स्थिरता विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन का समर्थन करता है तथा समुद्र और उसके संसाधनों के प्रबंधन में सार्वजनिक हित को बढ़ावा देता है। इस दिन को अनेक प्रकार से मनाया जाता है, जैसे- नए अभियान और पहल शुरू की जाती हैं, एक्वैरियम (Aquariums) और चिड़ियाघरों में विशेष कार्यक्रम रखे जाते हैं, आउटडोर (Outdoor) अन्वेषण, जलीय और समुद्र तट की सफाई, शैक्षिक और संरक्षण कार्यवाही कार्यक्रम, कला प्रतियोगिता, फिल्म समारोह और स्थायी समुद्री भोजन कार्यक्रम आदि आयोजित किये जाते हैं।
यह दिवस मुख्य रूप से हमारे रोजमर्रा के जीवन में महासागरों की भूमिका को उजागर करने और महासागरों की रक्षा के लिए प्रेरणादायक कार्यों को करने और समुद्री संसाधनों का सतत रूप से उपयोग करने के लिए मनाया जाता है। जबकि कोविड (Covid-19) और सामाजिक दूरी ने इस वर्ष नीली धरती को पहचानने के हमारे नजरिए को बदल दिया है वहीं अब कार्यवाही की आवश्यकता शायद पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। 2020 के लिए, विश्व महासागर दिवस विश्व नेताओं से 2030 तक दुनिया के 30% महासागर की रक्षा करने का आह्वान करने के लिए वैश्विक आंदोलन बढ़ रहा है तथा इसे 30x30 अभियान कहा जा रहा है। अत्यधिक संरक्षित क्षेत्रों के एक तंत्र के माध्यम से हमारे महासागर के कम से कम 30% भाग की रक्षा करके हम समुद्री और मानव जीवन दोनों के लिए एक स्वस्थ आवास सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं। 2020 के लिए विश्व महासागर दिवस का विषय ‘सतत महासागर के लिए नवाचार – (Innovation for a Sustainable Ocean)’ है। जलवायु और मौसम के नियमन के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के अलावा, समुद्री मार्गों का उपयोग करके 90% से अधिक व्यापार के साथ और लाखों लोगों के लिए नौकरियों के स्रोत के रूप में महासागर दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। महासागर से संबंधित आर्थिक गतिविधियों और निरंतर नवाचारों की बढ़ती श्रृंखला के लिए महासागर एक मंच की भांति कार्य करते हैं लेकिन वर्तमान समय में महासागरों को प्रदूषण से लेकर जलवायु परिवर्तन तक अभूतपूर्व दबाव का सामना करना पड रहा है तथा भविष्य में यह दबाव और भी अधिक बढने की संभावना है। एक स्वस्थ महासागर और लगातार बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के संरक्षण को संतुलित करने की आवश्यकता हेतु कई क्षेत्रों में नए दृष्टिकोण और पुनर्विचार की आवश्यकता है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (Science, Technology and Innovation-STI) के लिए, आर्थिक सहयोग और विकास हेतु संगठन (Organization for Economic Co-operation and Development - OECD) निदेशालय, एक जिम्मेदार और धारणीय तरीके से समुद्र की अर्थव्यवस्था की क्षमता का दोहन करने के लिए समुद्र अर्थव्यवस्था में उद्योगों, विज्ञान और नवाचार पर साक्ष्य के साथ निर्णयकर्ता प्रदान करता है।
आने वाले दशकों में धरती के सामने आने वाली कई चुनौतियों का सामना करने के लिए समुद्र और उसके संसाधनों को तेजी से अपरिहार्य के रूप में देखा जा रहा है। 2050 तक, दुनिया की आबादी कम से कम 900 करोड होने का अनुमान है जिसके साथ खाद्य, रोजगार, ऊर्जा, कच्चे माल और आर्थिक विकास की मांग भी बढेगी। इन आवश्यकताओं को पूरा करने में महासागर की क्षमता बहुत बड़ी है, लेकिन समुद्र पहले से ही अति उपभोग, प्रदूषण, घटती जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन का सामना कर रहा है। महासागर अर्थव्यवस्था की स्थिरता को बढ़ाने के लिए इसकी देखभाल की आवश्यकता है। ओईसीडी ने ‘महासागर अर्थव्यवस्था’ को समुद्री पारिस्थितिक तंत्र द्वारा प्रदान की गई मूल्यवान वस्तुओं और सेवाओं के साथ समुद्र आधारित उद्योगों की आर्थिक गतिविधियों के योग के रूप में परिभाषित किया है। ये दोनों स्तंभ अन्योन्याश्रित हैं, जिसमें महासागर आधारित उद्योग से जुड़ी बहुत सी गतिविधियाँ समुद्री पारिस्थितिक तंत्र से प्राप्त की गयी हैं, जबकि औद्योगिक गतिविधि अक्सर समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित करती हैं। समुद्र-आधारित उद्योगों और समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों की परस्पर निर्भरता समुद्र के स्वास्थ्य के लिए बढ़ते गंभीर खतरों के साथ संयुक्त हैं, जिसने महासागर प्रबंधन के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता की बढ़ती मान्यता को जन्म दिया है। महासागर प्रबंधन के लिए इस एकीकृत दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए कई प्रबंधन रणनीतियों का सुझाव दिया गया है, जिसमें तटीय क्षेत्र प्रबंधन (Integrated Coastal Zone Management - ICZM), समुद्री स्थानिक योजना (Marine Spatial Planning - MSP) और समुद्री संरक्षित क्षेत्र (Marine Protected Areas - MPA) शामिल हैं।
समुद्र में विविध गतिविधियों के विकास से जुड़ी बढ़ती चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, एक जिम्मेदार तरीके से महासागर अर्थव्यवस्था के विकास का प्रबंधन करने में योगदान देने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचारों के साथ समुद्र की अर्थव्यवस्था में निरंतर प्रगति हो रही है। वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार प्रक्रियाओं का परिवर्तन दुनिया के कई हिस्सों में, अर्थव्यवस्था के लगभग सभी विषयों और क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। STI के लिए महासागर के सतत उपयोग में योगदान करने की क्षमता विशाल है। विज्ञान हमारी समझ को गहरा करने और महासागर के संसाधनों, उसके स्वास्थ्य, और स्थिति में बदलाव की भविष्यवाणी करने की क्षमता प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, सतत महासागर पर्यवेक्षण या अवलोकन, महासागर और उसके कामकाज को बेहतर ढंग से समझने के लिए दुनिया भर में प्रयासों का एक अनिवार्य हिस्सा है। इन अवलोकन प्रणालियों में निश्चित प्लेटफॉर्म (Platforms), स्वायत्त और अपवाह प्रणालियां (Drifting systems), पनडुब्बी प्लेटफार्मों, समुद्र में जहाज और दूरस्थ अवलोकन प्रणाली (Remote observing systems) जैसे उपग्रह और वायु-यान शामिल हैं, जो महासागर अवलोकन डेटा (Data) के बड़े संस्करणों को इकट्ठा करने, संग्रहीत करने, स्थानांतरित करने और संसाधित करने के लिए कुशल प्रौद्योगिकियों और उपकरणों का उपयोग करते हैं। ऐसे उपकरणों से प्राप्त डेटा कई अलग-अलग वैज्ञानिक समुदायों और महासागर अर्थव्यवस्था में सक्रिय सार्वजनिक और वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे वैज्ञानिक अनुसंधान की एक विस्तृत श्रृंखला को रेखांकित करते हैं, और समुद्र के संसाधनों और समुद्र के पर्यावरण के सुरक्षित, प्रभावी और स्थायी उपयोग का गंभीर समर्थन करते हैं। उन्हें विकसित करने और बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण सार्वजनिक निवेश की आवश्यकता होती है।
साक्ष्य प्रदान करने और महासागर के बारे में हमारी समझ बढ़ाने के लिए पारंपरिक वैज्ञानिक मिशनों का निर्माण करते हुए, समुद्री प्रेक्षणों का महत्व बढ़ रहा है। लेकिन अब ये अवलोकन समुद्री आर्थिक गतिविधियों के विकास की निगरानी और समुद्री स्थानिक योजना में सुधार करने में भी योगदान करते हैं। छोटे से लेकर बड़े पैमाने पर समुद्र अवलोकन प्रणालियों में कई नवाचार हो रहे हैं। प्रौद्योगिकियों को सक्षम करने की एक श्रृंखला वैज्ञानिक अनुसंधान और पारिस्थितिकी तंत्र विश्लेषण से लेकर शिपिंग (Shipping), ऊर्जा, मत्स्य पालन और पर्यटन तक, कई महासागरीय गतिविधियों में दक्षता, उत्पादकता और लागत संरचनाओं में सुधार को प्रोत्साहित करने का वादा करती है। इन तकनीकों में इमेजिंग (Imaging) और भौतिक सेंसर (Physical sensors), उपग्रह प्रौद्योगिकियां, उन्नत सामग्री, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, बड़े डेटा एनालिटिक्स (Analytics), स्वायत्त प्रणाली, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो (Nano) प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं। नई सक्षम प्रौद्योगिकियां समुद्र की अर्थव्यवस्था के सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण तरीकों से योगदान करने के लिए निर्धारित की गयी हैं। नव-स्थापित महासागर अर्थव्यवस्था नवाचार तंत्र, लचीले ढंग से संगठित तंत्र में खिलाड़ियों (सार्वजनिक अनुसंधान संस्थानों, बड़े उद्यमों, छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों, विश्वविद्यालयों आदि) की विविधता को एक साथ लाने का प्रयास करते हैं। वे समुद्र की अर्थव्यवस्था के कई अलग-अलग क्षेत्रों (जैसे समुद्री रोबोटिक्स (Robotics) और स्वायत्त वाहनों, जलीय कृषि, समुद्री नवीकरणीय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, अपतटीय तेल और गैस) में कई वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों पर काम करते हैं।
चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में महासागर संरक्षण के लिए बनाया गया कलात्मक अभिचित्रण है। (Freepik)
2. दूसरे चित्र में महासागर की शांत अवस्था गयी है। (Youtube)
3. तीसरे चित्र में सुदर्शन पटनायक (भारतीय रेत कलाकार) द्वारा बनायी गयी कलाकृति है, जो वर्ल्ड ओसियन डे को समर्पित है। (Flickr)
4. चौथे चित्र में समस्त महासागरों से प्रयुक्त और समस्त द्वीपों और महाद्वीपों को जोड़ने वाले संचार मार्ग हैं। (Youtube)
5. पांचवे चित्र में महासागर की सुंदरता का बखान है। (Vimeo)
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/World_Oceans_Day
2. http://www.oecd.org/innovation/inno/ocean-economy/
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