हम मनुष्यों के खानपान में ऐसी कई चीजें हैं जिसका प्रयोग हम जाने अनजाने में करते रहते हैं, ऐसी ही वस्तुओं में से एक है कीड़ें। मनुष्य कई ऐसी चीजें खाता है जिसमे कीड़े आदि रहते हैं जैसे उदाहरण के लिए हम दही को ले सकते हैं जिसमे रेशे जैसे जीवाणु होते हैं। कीड़े मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं एक तो वे जो की खाए ना जा सके और दूसरे वे जो स्वास्थय के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण होते हैं।
कीटों के भोज को भविष्य के भोज के रूप में गिना जा रहा है। ऐसे ही पांच खाए जा सकने वाले कीड़ों की तालिका को अर्नाल्ड वैन ह्यूस, जूस्ट वैन इटरबीक, हर्मके क्लंडर, एस्थर हर्टेंस, एफटन हारान, गिउलिया मुइर और पॉल वेंटमाँ ने एडिबल इंसेक्ट्स: फ्यूचर प्रोस्पेक्टस फॉर फ़ूड एंड फीड सिक्यूरिटी (Edible Insects: Future Prospects for Food and Feed Security by Arnold van Huis, Joost Van Itterbeeck, Harmke Klunder, Esther Mertens, Afton Halloran, Giulia Muir and Paul Vantomme) ने प्रस्तुत किया है।
विश्व भर के कई देशों ने इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है। यदि देखा जाए तो कीड़े अन्य मांस के श्रोतों से अधिक पोषण प्रदान करते हैं इनमे अधिक मात्रा में प्रोटीन (Protin) होता है जो कि मनुष्य के शरीर के लिए अत्यंत ही सुलभ होता है। इन कीड़ों में विटामिन बी और विटामिन ए (Vitamin A and B) की मात्रा बहुतायत में पायी जाती है। कीड़ों की बात करें तो 100 ग्राम टिड्डों में करीब 8 से 20 मिलीग्राम लोह (आयरन) पाया जाता है जो कि अन्य सभी मांस के श्रोतों से कहीं अधिक होता है। खाने वाले कीटों को विशेष रूप से पाला जाता है, अमेरिका (America) और यूरोपीय (European) देशों में इन कीड़ों को सख्त स्वक्षता मानक के तहत पाला जाता है।
बेल्जियम (Belgian) के गेंट (Ghent) विश्वविद्यालय में हाल ही में वहां के वैज्ञानिकों ने केक (cake), कुकीज (Cookie) आदि में मक्खन को परिवर्तित करने के लिए लार्वा वसा का प्रयोग किया, वहां के वैज्ञानिकों का मानना है कि कीड़ों का उत्पाद डेरी (Dairy) के उत्पाद से ज्यादा टिकाऊ होता है। वैज्ञानिक शोध से भी यह परिणाम प्राप्त होता है कि कीड़े बेहतर तरीके से मक्खन का निर्माण करते हैं तथा वे कम पानी का भी प्रयोग करते हैं। कीड़ों से जो उत्पाद बनाया जाता है उसमें स्वाद का भी फ़र्क़ होता है, अतः यह माना जा सकता है कि जैसा डेरी मक्खन स्वाद प्रदान करता है यह मक्खन वैसा स्वाद प्रदान नहीं कर सकता है। यह एक बड़ा कारण है कि लोग इस मक्खन या कीड़ों के द्वारा बने खाद्य को खाने या खरीदने से कतराते हैं।
इसे कई देशों में अन्य प्रकार के पशु उत्पादों के सस्ते विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इस कथन को झुठलाया नहीं जा सकता कि वर्तमान काल में जिस प्रकार से खाद्य समस्याएं बढ़ रही हैं उनको मद्देनजर रखते हुए यह कहा जा सकता है कि कीड़ों को भविष्य के खाद्य के रूप में मानना एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसा कि उपरोक्त लेख में बताया जा चुका है कि कीड़े स्वास्थ के लिए अति उत्तम है तो इनका प्रयोग एक सस्ते और अच्छे विकल्प के रूप में लिया जा सकता है।
चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में नाश्ते के रूप में कीड़ों को दिखाया गया है।
2. दूसरे चित्र में कीड़े को खाने के रूप में प्रदर्शित किया गया है।
3. तीसरे चित्र में कीड़ों के द्वारा बनाये गए मक्खन का चित्र है।
4. चौथे चित्र में खाने के लिए तैयार किये जा रहे पतंगों का चित्रण है।
5. अंतिम चित्र जापान में खाने के लिए तैयार कीड़ों को दिखाया गया है।
सन्दर्भ :
1. https://www.theguardian.com/environment/2020/feb/28/larva-fat-sustainable-alternative-butter-cakes
2. https://food.ndtv.com/news/belgian-scientists-use-insect-fat-to-bake-cake-instead-of-butter-would-you-try-it-2189041
3. https://timesofindia.indiatimes.com/life-style/food-news/is-insect-butter-going-to-be-the-future-of-the-food-industry/photostory/74576905.cms?picid=74576923
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Insects_as_food
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