कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रकोप की वजह से नए प्रकार से जीवन जीने के इस तरीके ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है, जिसको देखते हुए कंपनियों द्वारा इस संकट का एक उच्च समाधान खोजने के लिए बाध्य होना पड़ गया है। ऐसी स्थिति में सबसे उच्च समाधान है “फर्लो (Furlough)”, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘अवकाश’ है, ये आमतौर पर दिए जाने वाला अवकाश नहीं होता है, बल्कि इस अवकाश में कंपनी (Company) द्वारा अपने कर्मचारियों को भुगतान नहीं दिया जाता है। साथ ही कर्मचारियों से हफ्तों तक या कभी कभार महीनों तक काम नहीं लिया जाता है, ताकि नियोक्ता लागत को कम करके पैसा बचा सके।
हालाँकि कर्मचारियों को अवकाश अवधि के दौरान वेतन नहीं मिलता है, लेकिन कम से कम उनके पास नौकरी की गारंटी रहती है। भविष्य में नियोजित रहने के बारे में सोचा जाना नौकरी न होने से अधिक आश्वस्त होता है। कामबंदी के विपरीत, अवकाश एक अस्थायी चरण होता है। कुछ अवकाश अग्रिम से ही योजनाबद्ध होते हैं और उन कंपनियों के लिए एक वार्षिक संबंध बन जाते हैं, जो मौसमी व्यवसाय करते हैं। ऐसी कंपनियों के लिए यह एक नियमित विशेषता है और न कि एक कटौती की पहल का हिस्सा है। जैसे भारत में पारले एग्रो (Parle Agro) के स्वामित्व वाली लोकप्रिय पेय उद्योग फ्रूटी (Frooti) की गर्मी के मौसम में बहुत अधिक खपत होती है, लेकिन गर्मी का मौसम समाप्त होने के बाद इसकी मांग में भारी गिरावट आती है, जिसके चलते इनके द्वारा भी फर्लो रणनीति का उपयोग किया जाता है। जहां अधिशेष कार्यबल का प्रभावी ढंग से उपयोग करने पर सवाल बना हुआ है, वहीं यही वह जगह है जहाँ अन्य विभागों या पहलों के लिए कर्मियों की विवेकपूर्ण तैनाती महत्वपूर्ण हो जाती है। बिना वेतन के अनिश्चितकालीन अवकाश के कई फायदे हैं। इसे शुरू करने के लिए, इसमें शामिल कर्मचारी अपना वेतन प्राप्त करना जारी रखते हैं, और इसलिए वित्तीय सुरक्षा की निरंतर भावना का आनंद लेने की स्थिति बनी रहती है। लेकिन एक नई भूमिका में होना भी अनुभव के संदर्भ में मूल्य-वृद्धि को दर्शाता है, और संभवतः कौशल, कर्मचारियों के आत्मसम्मान को बढ़ाने, प्रेरणा और उत्पादकता के उच्च स्तर तक ले जाता है।
इस वैश्विक महामारी के संकट के समय में कई कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को बिना वेतन के अवकाश दिया गया है। उदाहरण के लिए, स्कैंडिनेवियाई एयरलाइंस ने अपने 80 प्रतिशत कर्मचारियों को बिना वेतन के अवकाश दिया है, जबकि वैश्विक होटल श्रृंखला मैरियट इंटरनेशनल ने भी अपने हजारों कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन अवकाश दिया है। ऐसे ही लॉकडाउन (Lockdown) के चलते गो एयरलाइंस इंडिया लिमिटेड द्वारा भी अपने 5,500 कर्मचारियों में से 90% को बिना वेतन के अनिश्चितकालीन अवकाश दे दिया गया है। हॉस्पिटैलिटी यूनिकॉर्न ओरेस स्टेज़ प्राइवेट लिमिटेड ने कोरोनावायरस महामारी के कारण डूबे हुए राजस्व के बाद नकदी बचाने के लिए कर्मचारियों की वेतन कटौती की घोषणा करी थी। वहीं 4 मई से शुरू होने वाले चार महीनों के लिए कुछ ओयो कर्मचारियों को अवकाश दिया गया है। साथ ही इस अवकाश पर जाने वाले कर्मचारियों का चिकित्सा बीमा और अभिभावक बीमा जारी रखा जाएगा, स्कूल शुल्क प्रतिपूर्ति और अप्रत्याशित चिकित्सा आपातकाल के मामले में भूतपूर्व सहायता का लाभ भी देने का आश्वासन दिया गया है।
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में लॉकडाउन और फर्लो के कारण मजदूरों और जनता के विचलित चित्र हैं।
संदर्भ :-
1. https://www.hrkatha.com/features/work-is-less-furlough-the-staff/
2. https://theprint.in/theprint-essential/companies-furlough-employees-amid-covid-19-crisis-what-it-means-how-it-differs-from-lay-offs/394592/
3. https://www.bloombergquint.com/business/goair-said-to-furlough-90-of-workers-as-india-lockdown-extends
4. https://www.livemint.com/companies/start-ups/oyo-announces-25-pay-cut-furloughs-india-staff-11587545912412.html
5. https://economictimes.indiatimes.com/jobs/sack-furlough-or-reskill-india-incs-talent-dilemma/articleshow/74116053.cms?from=mdr
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.