विभिन्न संस्कृतियों में हैं, शरीर पर बाल रखने के सन्दर्भ में अनेकों दृष्टिकोण

लखनऊ

 25-05-2020 10:00 AM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

वर्तमान समय में शेविंग (Shaving) शब्द आम दुनिया का हिस्सा बन चुका है। शेविंग शब्द से तात्पर्य रेजर (Razor) या किसी अन्य प्रकार के ब्लेड जैसे उपकरण से शरीर के बालों को हटाने या साफ करने की प्रक्रिया से है। पुरूषों द्वारा अपने चेहरे के बालों तथा महिलाओं द्वारा अपने पैर, हाथों और बगल के बालों को हटाने के लिए सामान्यतः शेविंग की प्रक्रिया उपयोग में लायी जाती है। एक आदमी को क्लीन-शेव (Clean-shave) तब कहा जाता है, जब वह अपने चेहरे से अपनी दाढ़ी पूर्णतः साफ़ कर लेता है या हटा लेता है। शरीर के अन्य भागों से बालों को साफ़ करने के साथ-साथ पुरूषों में हेड शेविंग (Head shaving) या सिर के बाल साफ़ करने की प्रक्रिया भी बहुत आम है। अक्सर धार्मिक अभ्यास, सशस्त्र बलों और कुछ प्रतिस्पर्धी खेलों जैसे तैराकी, दौड़ आदि में प्रतिभागी हेड शेविंग करते हैं। ऐतिहासिक रूप से, यदि देखा जाए तो सिर के बालों को साफ़ करने की प्रक्रिया अपमानित करने, दंडित करने या किसी प्राधिकरण में समर्पित होने के लिए भी उपयोग में लायी गयी।

माना जाता है कि शेविंग की यह परंपरा प्रारंभिक मिस्र के पुरुषों और महिलाओं के द्वारा शुरू हुई, शेविंग उनके दैनिक जीवन का हिस्सा थी। मिस्रवासियों को शरीर की स्वच्छता और सुरक्षा के साथ-साथ शेविंग करने का एक व्यक्तिगत जुनून भी था। प्राचीन रोमियों ने सोचा था कि शरीर के प्रमुख बालों की कमी कुछ प्रकार की भयानक विकृति है लेकिन मिस्र में ऐसा नहीं था। यहाँ पुजारियों का मानना था कि शरीर के बाल शर्मनाक और अशुद्ध होते हैं। इन लोगों द्वारा शेविंग करने के पीछे विभिन्न तर्क सामने आते रहे हैं। जैसे बाल रहित होने से शरीर विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से सुरक्षित हो जाता है। इससे जूँ की समस्या नहीं होती। गंजे सिर को आसानी से धोकर सुखाया जा सकता है, आदि।

हाल के कुछ समय से सिर के बाल साफ़ कराने की इस प्रक्रिया का उपयोग फंड (Funds) जुटाने के प्रयासों के रूप में भी किया जा रहा है। विशेष रूप से कैंसर अनुसंधान संगठनों और धर्मार्थ संगठनों के द्वारा जो कैंसर रोगियों की सेवा करते हैं। कभी-कभी कैंसर रोगियों द्वारा भी हेड शेविंग की जाती है, क्योंकि उपचार के परिणामस्वरूप उनके बाल झड़ने लगते हैं। जैसे-जैसे शेविंग दुनिया में फैलती गई वैसे-वैसे समाज में दाढी काटने वाले व्यक्ति को नाई या बार्बर (Barbarians) के रूप में जाना जाने लगा। महिलाओं द्वारा पैर और अंडरआर्म्स (Underarms) को शेव करने वाली महिलाओं का चलन बहुत बाद में विकसित हुआ। बालों को हटवाने के लिए पुरुषों ने पत्थर, फ्लिंट (Flint -एक कठोर ग्रे चट्टान के टुकड़े) और अन्य नुकीली वस्तु का प्रयोग किया। बाद में कांस्य, तांबे और लोहे के रेजर उपयोग में लाये गए। कुछ सदियों पहले से स्टील स्ट्रेट रेजर (Steel straight razor) का इस्तेमाल किया जाने लगा। पहले रेजर चाकू के जैसे डिजाईन (Design) वाले होते थे तथा इनकी धार को तेज करने के लिए नाई पत्थर या चमड़े की पट्टी का उपयोग करते थे। सदियों से दाढ़ी को अशुद्ध उपद्रव के रूप में देखा गया हालांकि कुछ संस्कृतियों में इसे देवत्व के संकेत, ताकत के प्रतीक, और एक विशिष्ट व्यक्ति के सुंदर लक्षण का हिस्सा भी माना जाता रहा। मनुष्य अपने चहेरे पर बाल उगाते हैं या नहीं, यह धर्म, युद्ध में सुविधा, और सरल वरीयता के आधार पर सांस्कृतिक रूप से निर्धारित किया गया। वर्तमान समय में, रेजर की सुरक्षा और सुविधा के कारण, अधिक पुरुषों ने स्वच्छ दाढ़ी रहित जीवन शैली को अपनाया है।

विभिन्न संस्कृतियों में चेहरे पर बाल रखने या न रखने के लिए अलग-अलग विचार सामने आये 30,000 ईसा पूर्व के प्राचीन गुफा चित्रों ने अक्सर ऐसे पुरूषों को चित्रित किया, जिनकी दाढ़ी नहीं है। इससे पता चलता है कि, लोग एक ऐसे उपकरण का इस्तेमाल करते थे जिनमें कोई ब्लेड जैसी वस्तु लगी होती थी। 3000 ईसा पूर्व भारत और मिस्र में तांबे के रेजर विकसित हुए। 3000–332 ईसा पूर्व में प्राचीन मिस्र के रईसों ने अपने सिर और शरीर का मुंडन करवाया था क्योंकि वे बाल रहित शरीर को अत्यधिक महत्व देते थे। हालांकि, महान जन्म के पुरुष (और कभी-कभी महिलाएं) दिव्यता के संकेत के रूप में कृत्रिम दाढ़ी पहनते थे। इसके अलावा सिर को सूरज की रोशनी से बचाने के लिए विग (Wigs) का भी प्रयोग किया गया था। 2900-500 ईसा पूर्व के दौरान मेसोपोटामिया के शासकों और कुलीनों ने दाढ़ी पहनी थी, क्योंकि वे इसे मर्दानगी और ताकत के संकेत के रूप में मानते थे।

1500–1200 ईसा पूर्व में घोड़ों के सिर के आकार के हैंडल (Handles) के साथ स्कैंडिनेवियाई (Scandinavian) कब्र के टीलों में विस्तृत कांस्य रेज़र होते थे। 800 ईसा पूर्व-600 ईसा पश्चात तक प्राचीन यूनानियों को अपनी दाढ़ी पर गर्व था। उस समय पूर्ण दाढ़ी बढ़ने की क्षमता उच्च स्थिति और ज्ञान का प्रतीक थी। ग्रीक के लोग केवल शोक के समय ही अपनी दाढ़ी काटते थे। 400 ईसा पूर्व प्राचीन रोमवासियों ने यूनानियों की लंबी, भारी दाढ़ी के खिलाफ प्रतिक्रिया दी, उनकी दाढ़ी को काट दिया और उनकी दाढ़ी पूरी तरह से साफ कर दी। 400-300 ईसा पूर्व अलेक्जेंडर द ग्रेट (Alexander the Great) का चेहरा पूर्ण रूप से बालों से रहित था तथा वह अपने सैनिकों को लड़ाई से पहले दाढ़ी बनाने के लिए प्रोत्साहित करता था, क्योंकि यह सम्भावना थी कि, दुश्मन दाढ़ी के माध्यम से सैनिकों को पकडकर उन्हें मार सकता था। 300 ईसा पूर्व के समय युवा रोमन पुरुष जब पहली बार दाढ़ी बनवाते थे तो वे विभिन्न उपहारों के साथ पार्टियों का आयोजन करते थे क्योंकि यह उनके वयस्कता में प्रवेश का प्रतीक था। वे शुरूआती दाढ़ी को बनवाने के लिए या तो नाई के पास जाते या फिर एक सेवक को रखते जो उनकी दाढ़ी बनाने में मदद करता। वे केवल शोक के समय ही दाढ़ी बनवाते थे। 100 ईस्वीं के दौरान रोमन सम्राट हैड्रियन ने पूरे रोम में दाढ़ी को बढाने की परंपरा फिर शुरू की केवल इसलिए कि वह अपनी दोषयुक्त त्वचा को छिपाना चाहता था।

मध्य युग की यदि बात करें तो इस समय दाढ़ी कभी फैशन में आयी और कभी फैशन से बाहर हो गयी। अंग्रेजी राजा हेनरी VII दाढ़ी रहित थे और हेनरी VIII ने दाढ़ी रखना पसंद किया। 1769 में फ्रांस के एक नाई जीन-जैक्स पेरेट (Jean-Jacques Perret) ने द आर्ट ऑफ लर्निंग टू शेव वनशेल्फ (Art of Learning to Shave Oneself) प्रकाशित किया। 1789–1861 के दौरान संयुक्त राष्ट्र में पहले 15 अमेरिकी राष्ट्रपति ऐसे थे जिनकी दाढ़ी नहीं थी। 1895 मंर किंग जिलेट (King Gillette) का आविष्कार हुआ तथा डिस्पोजेबल (disposable) रेजर ब्लेड बिकने शुरू हुए। ऐसे कई वैज्ञानिक शोध विकसित हुए हैं, जो यह बता सकते हैं कि आपकी दाढ़ी को देखने पर अन्य लोग क्या सोच रहे हैं। दाढ़ी रखना या न रखना आक्रामकता, प्रभुत्व, परिपक्वता आदि विशेषताओं को इंगित करता है। जैसे यदि कोई क्लीन शेव है तो उसे देखने पर यह अंदाजा लगाया जाता है कि व्यक्ति सुशील, स्वस्थ आदि है। वहीं दाढ़ी वाले पुरुषों को अक्सर अधिक क्रोधी, आक्रामक, शक्तिशाली, प्रभुत्व-संपन्न, परिपक्व आदि रूपों में देखा जाता है।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में दाढ़ी बनाते हुए भारतीय नाई और उसका ग्राहक बैठा हुआ है। (Flickr)
2. दूसरे चित्र में यूरोपियन सैनिक दिखाई दे रहे हैं। (Wikimedia)
3. तीसरे चित्र में सिकंदर क्लीन शेव में दिख रहे है। (Freeepik)
4. अंतिम चित्र में भारतीय मुंडन दिखाई दे रहा है। (Unsplash)
सन्दर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Beard#Indian_subcontinent
2. https://www.almanac.com/history-shaving-and-beards
3. https://moderngent.com/history-of-shaving/
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Shaving
5. https://www.artofmanliness.com/articles/facial-hair-signal/



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id