जब एक संग्राहक बनने लगता है एक जमाखोर

लखनऊ

 31-03-2020 03:25 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

मनुष्य एक खाद्य संग्राहक प्राणी है। अपनी उपभोग की वस्तुओं का संग्राह करना ही मनुष्य की जीवन शैली है और यह संग्रह वह अनिश्चित भविष्य के लिए और अच्छे से करता है। जब उसे लगता है कि आने वाला भविष्य संकटमय है, वह अपनी ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकेगा, तब वर्तमान में किया गया संग्रह ही उसके शांतिपूर्ण जीवन के लिए काम आएगा। भविष्य के लिए ज़रूरी वस्तुओं का संग्रह करना सही है परंतु एक सीमा से अधिक करना सही नहीं है, क्यूँकि तब यह क्रिया संग्रह से जमाख़ोरी में परिवर्तित हो जाती है, जो कि एक चिंताजनक स्थिति है। इसमें मनुष्य आपातकालीन स्थिति को देखते हुए उन ज़रूरी चीज़ों का ज़रूरत से ज़्यादा संग्रह करता है जिनकी अन्य लोगों को भी समान मात्रा में ज़रूरत होती है। जमाखोरी एक मानसिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति डर या संकट की वजह से अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए, अन्य लोगों के भविष्य को संकट में डाल कर ज़रूरी वस्तुओं का ज़रूरत से ज़्यादा संग्रह करता है।

वर्तमान समय में कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से जमाखोरी का संकट और भी बढ़ गया है। सरकार लोगों को घरों में रहने की हिदायत दे रही है, जिसकी वजह से लोग उन चीज़ों की ख़रीददारी भारी मात्रा में कर रहे हैं जिनकी ज़रूरत उन्हें आने वाले दिनों में पड़ने वाली है। इससे हो सकता है कि एक व्यक्ति की ज़रूरतें पूरी हो जाएं परंतु अन्य व्यक्तियों के लिए संकट उत्पन्न हो जाता है। विश्व के लगभग सभी देशों में यही आलम है, जिनको मौक़ा मिल रहा है वे ज़रूरी चीज़ों को अत्यधिक मात्रा में ख़रीद रहे हैं। इससे निम्न वर्ग के लोगों के लिए खाद्य समग्रियों का ख़तरा उत्पन्न होता जा रहा हैं। जनता को यह समझने की ज़रूरत है कि बाज़ार में वस्तुओं का सीमित भंडार होता है। एक बार भंडार ख़त्म होने के बाद फिर भण्डारण करने में वक़्त ज़रूर लगता है परंतु वस्तु की उपलब्धता नहीं रुक जाती है। इसके विपरीत भंडार ख़त्म होने से वस्तुओं की क़ीमतों में भी बढ़ोतरी होने का ख़तरा रहता है, जिससे अन्य लोगों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

सरकार को भी परिस्थिति को समझते हुए चुनिंदा वस्तुओं की उपलब्धता को बढ़ाना चाहिए। सरकार के साथ हम सब की नैतिक ज़िम्मेदारी यह बनती है कि इस संकट की घड़ी में ख़ुद के साथ अन्य लोगों का भी ध्यान करते हुए कोई भी ऐसी परिस्थिति न उत्पन्न की जाए जिससे एक नया संकट उत्पन्न हो जाए। जनता को डरने की ज़रूरत नहीं है और न ही किसी भी वस्तु की कमी होने वाली है। जमाखोरी जैसी मानसिक बीमारी से दूर रहें। वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, बस उनका सही ढंग से उपयोग करना होगा, जिससे इस महामारी से अच्छी तरह से लड़ा जा सकता है। उम्मीद है इस संकट की स्थिति में जनता अपना पूर्ण सहयोग सरकार के साथ करेगी, कोई भी ऐसी नयी परिस्थिति नहीं उत्पन्न होने देगी जिससे सरकार या अन्य लोगों को कोई परेशानी झेलनी पड़े। जमाखोरी से बचे अन्य लोग भी हैं जिनको उन्हीं चीज़ों की उतनी ही ज़रूरत है जितनी कि आपको, इसलिए संयम का परिचय दें।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Hoarding
2. https://adaa.org/understanding-anxiety/obsessive-compulsive-disorder-ocd/hoarding-basics
3. https://bit.ly/3bqazpc
4. https://www.dallasnews.com/opinion/editorials/2020/03/17/as-coronavirus-spreads-hoarding-wont-save-you-but-it-will-endanger-others/



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id