समय से लड़ता लखनऊ का मुग़ल साहिबा का इमामबाड़ा

लखनऊ

 18-02-2020 01:20 PM
वास्तुकला 1 वाह्य भवन

लखनऊ अर्थात नवाबों की नगरी, जहाँ मिलती है खाने के साथ-साथ पहनने वाली चिकन। यह एक ऐसा शहर है जिसे अवध के नवाबों ने नाज़ों से सजाया था। लखनऊ का नाम आते ही यहाँ का संगीत, नवाबियत, तहज़ीब आदि की महक दिमाग को तरोताज़ा कर देती है। यहाँ पर बना इमामबाड़ा, मस्जिदें, दरवाज़े, घंटाघर, वानस्पतिक और जैव उद्यान आदि नवाबों की ही सोच के नमूने हैं। यह शहर गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है जो कि अवध क्षेत्र की राजधानी के रूप में जाना जाता है। यहीं से अवध की शुरुआत होती है। अवध एक क्षेत्र ही ना होकर अपनी एक अत्यंत खूबसूरत भाषा भी रखता है जिससे तुलसीदास से लेकर कितने ही कवी अछूते न रहे। यहाँ पर वैसे तो अनेकों इमामबाड़े और मस्जिदें हैं पर उन्हीं इमामबाड़ों में से एक है ‘मुग़ल साहेबा का इमामबाड़ा’।

मुग़ल साहेबा का इमामबाड़ा प्लास्टर (Plaster) के अलंकरण से सुसज्जित एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण इमारत है। यह जिस कला में बनाया गया है उस कला को स्टक्को (Stucco) कला के रूप में जाना जाता है। स्टक्को कला को एक विदेशी कला के रूप में भी जाना जाता है जिसमें प्लास्टर के माध्यम से विभिन्न प्रकार के आकार प्रकार बनाए जाते हैं। इस कला में एक इमारत को प्लास्टर के द्वारा विभिन्न पौधों, नक्काशीदार ज्यामितीय कलात्मक प्रयोगों आदि के द्वारा सजाया जाता है। इस कला में सुलेख कला का भी प्रयोग किया जाता है। रोमन (Roman), कुषाण, अंग्रेज़ी आदि कला में स्टक्को का प्रयोग बड़ी मात्रा में देखने को मिलता है। यह एक ऐसा प्रकार होता है जिसमें इमारत वज़न में हल्की होती है। इस प्रकार के प्लास्टर में चूने का बड़ी मात्रा में प्रयोग किया जाता है जिस कारण से इस प्रकार की इमारतें अत्यंत ही चिकनी और सजावटी बनती हैं। यह एक ऐसा विकल्प था जो की संगमरमर को टक्कर देने वाला था, कारण कि प्लास्टर की तुलना में संगमरमर ज्यादा वज़नी होता है। यह कला मूर्तिकला, वास्तुकला और चित्रकारी को समाहित करके चलती है। आधुनिक अफगानिस्तान और उत्तरी पकिस्तान में ग्रेको बौद्ध (Greco-Buddhist) कला में त्रिआयामी मूर्तिकला की भी प्राप्ति होती है जो कि स्टक्को कला का ही नमूना है।

कुछ उर्दू के लेखकों ने वृहद् रूप से इस इमारत को अपने लेखों में सराहा है। इस इमामबाड़े की वर्तमान स्थिति दयनीय है जिसका प्रमुख कारण है इसका शहर से दूर होना। पुराने शहर के वज़ीर बाग़ में स्थित रुस्तम नगर के हज़रत अब्बास की दरगाह से परे यह इमामबाड़ा लोगों से अछूता रहा है। यह इमामबाड़ा एक सड़क के किनारे बना हुआ है जहाँ पर इसका प्रथम प्रवेश द्वार स्थित है जो कि इमारत की ओर जाता है। यह एक अत्यंत ही सजावटी इमारत है जो कि लोगों को चकाचौंध कर देने वाली है। वर्तमान समय में यह बुरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है परन्तु इसकी जितनी भी कलात्मक शैली आज बची हुयी है वह इस इमारत की खूबसूरती को बताने में कोई कसर नहीं छोड़ती। इस इमामबाड़े में हमें यूरोपीय कला के भी नमूने देखने को मिलते हैं। यह इमामबाड़ा अवध के तीसरे नवाब मोहम्मद अली शाह की एक बेटी द्वारा बनवाया गया था जिनका नाम उम्मत-उस-सुघरा या ‘मुग़ल साहिबा’ के नाम से जाना जाता था। 3 दिसंबर 1893 में उनकी मृत्यु के बाद उनको इस इमामबाड़े में दफनाया गया था। इस इमामबाड़े में कुल 5 बड़े दरवाज़े हैं तथा इसमें तीन बड़े हॉल (Hall) हैं जो चमकीले रंगों और सुनहरे रंगों से सजाए गए हैं।

सन्दर्भ:
1.
https://lucknow.me/Imambara-of-Moghul-Saheba.html
2. https://bit.ly/2V6S98d
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Stucco



RECENT POST

  • प्राचीन भारत के सोलह महाजनपदों में से एक था कोसल राज्य
    ठहरावः 2000 ईसापूर्व से 600 ईसापूर्व तक

     22-10-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, निर्मल शहर के लकड़ी के खिलौनों में छिपी कला और कारीगरी की अनोखी पहचान
    हथियार व खिलौने

     21-10-2024 09:29 AM


  • आइए, विश्व सांख्यिकी दिवस के अवसर पर जानें, सुपर कम्प्यूटरों के बारे में
    संचार एवं संचार यन्त्र

     20-10-2024 09:27 AM


  • कैलिफ़ोर्निया टाइगर सैलामैंडर की मुस्कान क्यों खो रही है?
    मछलियाँ व उभयचर

     19-10-2024 09:19 AM


  • मध्य प्रदेश के बाग शहर की खास वस्त्र प्रिंट तकनीक, प्रकृति पर है काफ़ी निर्भर
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     18-10-2024 09:24 AM


  • आइए जाने, क्यों विलुप्त हो गए, जापान में पाए जाने वाले, जापानी नदी ऊदबिलाव
    स्तनधारी

     17-10-2024 09:28 AM


  • एककोशिकीय जीवों का वर्गीकरण: प्रोकैरियोट्स और यूकैरियोट्स
    कोशिका के आधार पर

     16-10-2024 09:30 AM


  • भारत में कोकिंग कोल की बढ़ती मांग को कैसे पूरा किया जाएगा?
    खदान

     15-10-2024 09:24 AM


  • पौधों का अनूठा व्यवहार – एलीलोपैथी, अन्य जीवों की करता है मदद
    व्यवहारिक

     14-10-2024 09:30 AM


  • आइए जानें, कैसे बनती हैं कोल्ड ड्रिंक्स
    वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

     13-10-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id