कैसे करती है सौर चमक (Solar Flare) पृथ्वी को प्रभावित?

लखनऊ

 15-02-2020 01:30 PM
जलवायु व ऋतु

सौर चमक (solar flares) सूर्य की सतह पर कभी-कभी शक्तिशाली चमक कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection) के द्वारा होते हैं। कोरोनल मास इजेक्शन, प्लाज्मा (Plasma) और चुंबकीय क्षेत्र का महत्वपूर्ण निस्तारण है जोकि सौर कोरोना (Solar Corona) से होता है। ये निस्तारण अक्सर सौर चमक के कारण होता है जोकि आम तौर पर सूरज के बहिर्भाग के विस्फोट के दौरान मौजूद होते हैं। प्लाज्मा सौर हवा में निस्तारित होता है, जिसे कोरोनग्राफ इमेजरी (coronagraph imagery) में देखा जा सकता है। सबसे शक्तिशाली प्रज्वालों का कुल सौर विकिरण में मुश्किल से पता लगाया जा सकता हैं। आमतौर पर 1020 जूल ऊर्जा उत्सर्जन इस प्रकार की घटना को अंजाम देने के लिए पर्याप्त होता है। एक बड़ी घटना करीब 1025 जूल ऊर्जा उत्सर्जित कर सकती है।

सौर चमक प्रायः सूर्य के कोरोना के माध्यम से बाह्य अंतरिक्ष में प्लाज़्मा और अन्य कणों के उत्सर्जन या निष्कासन से सम्बंधित है। सौर चमक रेडियो तरंगों का भी प्रचुरता से उत्सर्जन करती है। यदि उत्सर्जन पृथ्वी की दिशा में है तो, उत्सर्जित हुए कण पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल (आयनमंडल) में प्रवेश कर सकते हैं तथा एक ऐसा प्राकृतिक प्रकाश उत्पन्न कर सकते हैं, जो मुख्य रूप से उच्च अक्षांश क्षेत्रों में देखा जाता है।यह लंबी दूरी के रेडियो (Radio) संचार को भी बाधित कर सकता है। आमतौर पर सौर चमक से निकले सौर प्लाज्मा को पृथ्वी तक पहुंचने में कई दिन लगते हैं। सौर चमक तारों में भी होती है, जिसे तारकीय चमक कहा जाता है। इस प्रक्रिया में उच्च-ऊर्जा कण विद्युत चुम्बकीय विकिरणों के साथ लगभग एक समान रूप से उत्सर्जित होते हैं। सौर चमक सूर्य से उत्सर्जित होने वाले चुंबकीय कणों से सम्बंधित है इसलिए यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के संतुलन में बाधा डाल सकती है। यदि सूर्य चमक अत्यंत शक्तिशाली है तो यह उपग्रहों को कक्षाओं से अलग कर सकती है और इलेक्ट्रिक पावर ग्रिड (Electric power grid) को नुकसान पहुंचा सकती है। एक अत्यंत शक्तिशाली सूर्य चमक जीपीएस (Global Positioning System - GPS) और आपके फोन (Phone) पर भी नकारात्मक रूप से प्रभाव डाल सकती है। कुछ लोगों का मानना है कि एक विशाल सूर्य चमक पृथ्वी को नष्ट करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा उत्सर्जित कर सकती है किंतु यह वास्तव में संभव नहीं है।

सौर गतिविधि वास्तव में वर्तमान में तेज़ी से बढ़ रही है, जो लगभग हर 11 साल में अपने अधिकतम स्तर तक पहुंचती है। सौर चमक चक्र सहस्राब्दियों से भी अधिक समय से चल रहा है। इसलिए यह दर्शाता है कि बिना किसी नुकसान के पहले भी लोगों ने या पृथ्वी ने इस तरह की सौर चमक का सामना किया है। हालांकि इससे यह तात्पर्य नहीं है कि अंतरिक्ष का मौसम हमारे ग्रह को प्रभावित नहीं कर सकता। एक सौर चमक भले ही हमारी पृथ्वी को प्रभावित न करे लेकिन उससे निकलने वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगे और ऊर्जावान कण ऐसा कर सकते हैं। इसलिए सौर चमक अस्थायी रूप से जीपीएस उपग्रह और पृथ्वी के संकेत संचरण में व्यवधान उत्पन्न कर ऊपरी वायुमंडल को परिवर्तित कर सकती है।

कोरोनल मास इजेक्शन, पृथ्वी के वायुमंडल में कणों और विद्युत चुम्बकीय अस्थिरता को प्रेरित करता हैं। ये अस्थिरता ज़मीनी स्तर पर विद्युत की अस्थिरता को प्रेरित कर सकती है जिसका असर विद्युत ग्रिड (Grid) में ट्रांसफार्मर (Transformer) पर पड़ता है। तकनीकी दुनिया में, लगभग सभी लोग आज सेलफोन (Cellphone) और जीपीएस पर निर्भर हैं। किंतु अंतरिक्ष में होने वाली यह घटना इन्हें अत्यधिक प्रभावित कर सकती है तथा दोनों की कार्यवाही को नष्ट कर सकती है। इसलिए नासा (NASA) और अन्य वैज्ञानिक सुझाव देते हैं कि इलेक्ट्रिक कंपनियां (Electric companies), अंतरिक्ष यान ऑपरेटर (Spacecraft operators) और एयरलाइन पायलट (Airline pilots) इस तरह की सौर चमक के पृथ्वी तक पहुंचने से पहले ही उचित सावधानी बरतें।

संदर्भ:
1.
https://bit.ly/37mSzd6
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Solar_flare
3. https://www.nasa.gov/mission_pages/sunearth/news/flare-impacts.html



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id