पौष्टिकता से भरे कटहल को पश्चिमी देशों में मौजूदा समय में पशु मांस की जगह शाकाहारी विकल्प के रूप इस्तेमाल किया जा रहा है। पोषण से भरपूर इस फल को पिज़्ज़ा (Pizza), बर्गर (Burger), पास्ता (Pasta) जैसे व्यंजनों में चिकन (Chicken), टर्की (Turkey), बीफ़ (Beef) और अन्य मीट (Meat) की जगह डाला जा रहा है। क्योंकि यदि कटहल को सही से पकाया जाए तो यह पशु के मांस के समान स्वाद देता है। कई रेस्तरां में इसे वीगन (Vegan) लोगों के लिए मीट के व्यंजनों के विकल्प में विभिन्न रूप से बनाने के लिए कई प्रयोग किए जा रहे हैं।
न्यूट्रीशन बिज़नेस जर्नल (Nutrition Business Journal) के अनुसार, 25% अमेरिकी उपभोक्ताओं ने 2014 से 2015 तक अपने मांस के सेवन को कम कर दिया, और मांस की वैकल्पिक चीजों की बिक्री 2011 में $ 69 मिलियन से बढ़कर 2015 में $ 109 मिलियन हो गई थी।
कटहल भारत का मूल फल है जो यह सदियों पहले से ही बिना किसी खेती के यहाँ प्राकृतिक रूप से उग गया था, विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में। बौद्ध ग्रंथ 400 ईसा पूर्व के समय में इस फल का संदर्भ देते हैं, और कुछ बौद्ध पुजारी अभी भी कटहल का उपयोग अपने वस्त्रों को रंगने के लिए करते हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, गोवा और उत्तर पूर्व में कटहल के लिए कई त्यौहारों को आयोजित किया जाता है। यह फल छोटे गांवों में एक उत्कृष्ट उपहार के रूप में भी दिए जाते हैं। वहीं पहली और तीसरी शताब्दी के तमिल साहित्य में भी इस फल का वर्णन मिलता है।
कटहल देखने में मनमोहक फल नहीं है, यह बड़ा, भारी काँटेदार त्वचा वाला, अन्दर से गुदगुदा लेकिन रसदार नहीं है। वहीं खेती करने के रूप में इसकी खेती काफी आसानी से की जा सकती है और यह प्रचुर मात्रा में उपज देता है। इसके फल और बीज काफी पौष्टिक होते हैं, जो प्रोटीन (Protein), आहार फाइबर (Fibre), विटामिन ए और सी (Vitamin A & C) और खनिजों की एक उचित मात्रा से भरे होते हैं। इसकी पत्तियां मवेशियों के खाने के लिए भी उपयुक्त होती हैं। इसके साथ ही इसकी जड़ों को औषधीय माना जाता है और लकड़ी का उपयोग फर्नीचर (Furniture) बनाने के लिए किया जाता है।
विश्व स्तर पर, अधिकांश लोगों को अक्सर कटहल की गंध बहुत तीखी लगती है और इसकी बनावट बहुत चिपचिपी होती है। इसके साथ ही इसे पकाने के लिए तैयार करने में भी काफी समय लगता है। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि इसे तैयार करते समय आधे से ज्यादा तो अपशिष्ट ही निकलता है। लेकिन कटहल का सबसे बड़ा फायदा इसकी बहुमुखी प्रतिभा है। यह एक सब्जी के रूप में और मुलायम, कच्चा या अर्ध-पका हुआ और पके होने पर फल के रूप में खाया जाता है। एक सब्जी के रूप में इसे करी (Curry) और मुरब्बा और बिरयानी में पकाया जाता है। इन्हें कोफ्ते और पकौड़े के रूप में तेल में तला जाता है, चिप्स (Chips) के रूप में सुखाया और इनका अचार भी बनाया जाता है। इसके पके फल का उपयोग मिठाई, सिरप (Syrup), जैम (Jam) और चटनी में किया जाता है।
कटहल के बारे में एक और बड़ी बात यह है कि यह बहुत फायदेमंद होते हैं। ये कैलोरी (Calorie) में कम और आहार फाइबर, विटामिन और खनिजों में उच्च होते हैं। इस फल के आइसोफ्लेवोन्स (Isoflavones), एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Phytonutrients) का मतलब है कि कटहल में कैंसर (Cancer) से लड़ने वाले गुण पाए जाते हैं। यह रक्तचाप, आंख और हड्डी के स्वास्थ्य, अल्सर (Ulcer), और अपच में मदद करने के लिए भी जाने जाते हैं।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Jackfruit
2. http://theindianvegan.blogspot.com/2012/10/all-about-jackfruit-in-india.html
3. https://medium.com/tenderlymag/jackfruit-india-eee207285d87
4. https://bit.ly/2t5HJd8
5. https://on.natgeo.com/2U7siwf
चित्र सन्दर्भ:
1. https://www.piqsels.com/es/search?q=carne+de+hamburguesa+de+carne+molida
2. https://www.piqsels.com/es/search?q=carne+de+hamburguesa+de+carne+molida
3. https://bit.ly/2U8wk7q
4. https://www.flickr.com/photos/jeffgunn/4821746762
5. https://bit.ly/2RZxks6
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