किसी देश को सुरक्षित रूप प्रदान करने में सैन्य बल की विशेष भूमिका होती है। भारतीय सशस्त्र सेना भी देश को निरंतर सुरक्षा देने के लिए सदैव तत्पर रहती है। उनके इसी योगदान तथा भूमिका को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी के दिन भारत में सैन्य दिवस मनाया जाता है ताकि उनके द्वारा दिये गये बलिदानों को सलामी दी जा सके। भारतीय सशस्त्र सेना को भारत तथा भारत के प्रत्येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी माना जाता हैं। इस सेना के सर्वोच्च कमांडर (Commander) राष्ट्रपति होते हैं तथा सेना का प्रबंधन भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है। इसकी अन्य कई स्वतंत्र इकाईयाँ जैसे भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि भी हैं।
संख्या की दृष्टि से यदि देखा जाए तो भारतीय थलसेना पूरी दुनिया में दूसरे नम्बर (चीन के बाद) पर है। इसे मुख्यतः तीन वर्गों में बांटा गया है, भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना और भारतीय वायुसेना। जबसे भारतीय सेना का गठन हुआ है, भारत ने दोनों विश्वयुद्ध में भाग लिया है। आज़ादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ चार युद्ध 1947, 1965, तथा 1971 में लड़े हैं जबकि एक बार चीन से 1962 में भी युद्ध हुआ है। इसके अलावा 1999 में एक कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ फिर से लड़ा गया था। दुनिया के कुछ हिस्सों में अनिवार्य सैन्य सेवा का भी प्रावधान है जिसमें देश की सेना में हर नागरिक को अनिवार्य रूप से देश सेवा के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। अनिवार्य सैन्य सेवा की अवधारणा हमें पुरातन काल से ही देखने को मिलती है। 1790 के दशक में हुई फ़्रान्सीसी क्रान्ति में भी यह अवधारणा देखने को मिली थी जहां सेना को मज़बूत बनाने के लिये वहां के युवाओं को सेना में अनिवार्य रूप से भर्ती किया गया था। बाद में यूरोपीय देशों में भी इसे लागू किया गया हालांकि भारत में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है।
भारतीय सेना को विभिन्न प्रभागों में या डिवीज़न (Division) में विभाजित किया गया है जिनमें इंफैंट्री (Infantry), आर्टिलेरी (Artillery), आर्मर्ड कोर (Armoured Corps), अभियंता, सिग्नल्स (Signals), आर्मी सर्विस कोर (Army Service Corps), इलेक्ट्रिकल और मकैनिकल अभियंता (Electrical and Mechanical Engineers), इंटेलिजेंस कोर (Intelligence Corps), ऑर्डिआंस कोर (Ordinance Corps), आर्मी मेडिकल कोर (Army Medical Corps), नर्सिंग ऑफिसर (Nursing officers), डेंटल ऑफिसर (Dental Officers), एजुकेशनल कोर (Education Corps), पोस्टल सर्विसेस (Postal Services), सैन्य पुलिस (Military Police), जज एडवोकेट जनरल (Judge Advocate General), वेटेरिनरी कोर (Veterinary Corps) शामिल हैं।
आयु और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर भारतीय सेना में चयनित होने के कई तरीके हैं। यदि आप 10+2 कर चुके हैं तो आप राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में दाखिला ले सकते हैं जहां आवेदक को 3 वर्ष के प्रशिक्षण से गुज़रना होता है। इसके बाद एक वर्ष का प्रशिक्षण भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में दिया जाता है। 10+2 उत्तीर्ण करने के बाद 16.5 से 19.5 वर्षीय पुरुष इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। तकनीकी प्रवेश योजना (Technical Entry Scheme-TES) में आवेदन करने के लिए उम्मीद्वारों को पीसीएम/PCM ग्रुप (फिज़िक्स केमिस्ट्री मैथ्स – Physics Chemistry Maths Group) के साथ 10+2 उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। इसके अलावा उम्मीदवार को अविवाहित तथा भारत का नागरिक भी होना चाहिए। भारतीय सेना के कमीशन अधिकारी (Commissioned Officers) विभिन्न पदों पर आसीन होते हैं जिनमें फील्ड मार्शल (Field Marshal), जनरल (General), लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General), मेजर जनरल (Major General), ब्रिगेडियर (Brigadier), कर्नल (Colonel), लेफ्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel), मेजर (Major), कैप्टन (Captain), लेफ्टिनेंट (Lieutenant) आदि पद शामिल हैं।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Indian_Armed_Forces
2. https://www.indiaeducation.net/careercenter/armed-forces/indian-army/
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Conscription
4. https://www.mapsofindia.com/my-india/government/indian-army-ranks-and-recruitment-process
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