सूर्य की उपासना का दिन है, मकर संक्रांति

लखनऊ

 15-01-2020 10:00 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

भारत विविधता से भरा है, और इसी विविधता के यहाँ पर अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं, जो की अनगिनत हैं, फिर भी कुछ प्रमुख त्यौहार हैं, जो की अत्यंत प्राचीन हैं और बड़े पैमाने पर आज भी मनाए जाते हैं। मकर सक्रांति भी एक ऐसा ही प्राचीन त्यौहर है, जो कि सूर्य के परिभ्रमण के अनुसार मनाया जाता है। भारत में लगभग अन्य सभी त्यौहार चंद्र के परिभ्रमण के अनुसार मनाए जाते हैं। मकर सक्रांति लगभग सम्पूर्ण भारत में सभी संप्रदाय और धर्म के लोगों के द्वारा विभिन्न नामों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में हिन्दू और सिखों के द्वारा माघी (लोहरी) या खिचड्डी, महाराष्ट्र, गोवा में मकर संक्रांति, पश्चिम बंगाल में पौष संक्रांति, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पेड्डा पंदगा, असम में माघ बिहु, और तमिलनाडु में थाई पोंगल के नाम से भी इसे मनाया जाता है।
मकर संक्रांति के दिन उपासक सूर्य की पूजा करते हैं। इस दिन सूर्य की वंदना करने के लिए उपासक नदी में स्नान करते हैं और इसी दौरान सूर्य की प्रार्थना भी करते हैं। हर 12 साल के उपरांत लगभग 4 से 10 करोड़ उपासक प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी के संगम में स्नान करते हैं, और इसे ‘महा कुंभ’ के नाम से जाना जाता है।

सूर्य की उपासना प्राचीन समय से ही प्रचलित है, जिसकी प्राचीनता नव-पाषाण काल तक जाती है, परंतु भारत में इसका प्रचलित रूप वैदिक युग में ही देखने को मिलता है। ऋग्वेद में सूर्य से सम्बंधित श्लोक तथा सूर्य को समर्पित यज्ञों का प्रचलन भी देखने को मिलता है। कालांतर में पहली बार दूसरी शताब्दी में सूर्य के मूर्ति-रूप की उपासना का प्रचलन देखने में आता है। इससे पहले सूर्य की प्रतिमा ना बनाकर सिर्फ़ वास्तविक रूप या गोला बनाकर उपासना की जाती थी।

सूर्य के मूर्ति-रूप का अवलोकन किया जाए तो पता चलता है, कि सूर्य की प्रतिमा पर भारतीय कला के साथ-साथ अन्य जगहों की कला का भी प्रभाव देखने को मिलता है, जो कि इसके उद्भव के काल के कारण ही है। सूर्य की प्रतिमा का पहली बार निर्माण कुषाण काल में हुआ माना जाता है। कुषाण राज्य की सीमायें अंतर्राष्ट्रीय थीं और यही अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव सूर्य की प्रतिमा में भी देखने को मिलता है।

सूर्य की प्रतिमा सर से पाँव तक विदेशी लक्षणों से युक्त है, जिसमें सूर्य की टोपी- जो की फ़ारसी प्रतीत होती है, इसके अतिरिक्त उन्हें वर्तमान समय की तरह बेल्ट (Belt) पहने हुए दिखाया गया है, जो कि ईरानी है। पैरों में सूर्य को जूते भी पहनाए गये हैं, जो की ईरानी प्रभाव दर्शाता है, सूर्य के कपड़ों पर ग्रीक प्रभाव भी दिखाई देता है। सूर्य के अतिरिक्त भारतीय देवतावों में मात्र दो और देवता हैं, जिनको जूते पहने हुए दिखाया जाता है, जिसमें से एक सूर्य के पुत्र और दूसरे भविष्य के अवतार कल्की हैं।

इतना विदेशी प्रभाव होने के बावजूद हाथ में कमल, गले में हार, सर के पीछे प्रभामंडल, चेहरे पर भारतीय शांति, इसे भारतीय परिवेश में ढालने के लिए काफ़ी है। इसीलिए विदेशी प्रभाव के बावजूद भी यह भारतीय मूर्ति ही प्रतीत होती है।

सन्दर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Makar_Sankranti
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Surya
3. https://www.dailypioneer.com/2016/sunday-edition/significance-of-makar-sankranti.html



RECENT POST

  • विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र व प्रादेशिक जल, देशों के विकास में होते हैं महत्वपूर्ण
    समुद्र

     23-11-2024 09:29 AM


  • क्या शादियों की रौनक बढ़ाने के लिए, हाथियों या घोड़ों का उपयोग सही है ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:25 AM


  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id