आपके मन में कभी भी यह प्रश्न आया कि क्या सूर्य आकाशगंगा के चारों ओर घूमता है? जी हाँ, और सिर्फ सूर्य ही नहीं हमारा पूरा सौर मंडल हमारी आकाशगंगा के केंद्र के चारों ओर परिक्रमा करता है। हमारी धरती 8,28,000 किमी / घंटा के औसत वेग से आगे बढ़ रही है, लेकिन इतनी तीव्र गति से चलने के बाद भी मिल्कि वे (Milky Way) के चारों ओर परिक्रमा करने में धरती को लगभग 230 मिलियन वर्ष लगते हैं।
मिल्की वे एक सर्पिल आकाशगंगा है। वहीं यह माना जाता है कि इसके केंद्र में एक केंद्रीय उभार, 4 प्रमुख भुजाएँ और कई छोटी भुजाओं के खंड मौजूद हैं। सूर्य (और, निश्चित रूप से सौर मंडल) दो प्रमुख भुजाओं के बीच, ओरायन (Orion) शाखा के पास स्थित है। आकाशगंगा का व्यास लगभग 1,00,000 प्रकाश-वर्ष है और सूर्य आकाशगंगा केंद्र से लगभग 28,000 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है। वहीं आकाशगंगा वर्ष जिसे ब्रह्मांडीय वर्ष के रूप में भी जाना जाता है, यह सूर्य द्वारा मिल्की वे आकाशगंगा की परिक्रमा करने के लिए आवश्यक समय की अवधि है।
एक ग्रहपथ की लंबाई का अनुमान 225 से 250 मिलियन स्थलीय वर्षों तक है। सौर मंडल आकाशगंगा केंद्र के चारों ओर अपने प्रक्षेप पथ पर 230 किमी/सेकंड (8,28,000 किमी/घंटा) या 143 मील/सेकंड (5,14,000 मील/घंटे) की औसत गति से यात्रा कर रहा है। इस गति से एक वस्तु धरती की 2 मिनट और 54 सेकंड में परिक्रमा कर सकती है। यह गति प्रकाश की गति के लगभग 1/1300 से मेल खाती है।
आकाशगंगा वर्ष ब्रह्माण्डीय और भूवैज्ञानिक समय अवधि को एक साथ चित्रित करने के लिए एक सुविधाजनक रूप से प्रयोग करने योग्य इकाई प्रदान करता है। इसके विपरीत, "बिलियन-ईयर" स्केल (Billion-Year Scale) भूगर्भीय घटनाओं के बीच उपयोगी भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, और "मिलियन-ईयर" (Million-Year) पैमाने पर कुछ बड़ी संख्याओं की आवश्यकता होती है।
निम्न तालिका गांगेय वर्षों में ब्रह्मांड की समयरेखा और पृथ्वी के इतिहास को दर्शाती है :-
वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिकों द्वारा यह भी खोज की गई है कि हमारी आकाशगंगा और अन्य आकाशगंगा एंड्रोमेडा (Andromeda) के बीच लगभग 4.5 बिलियन वर्ष बाद टक्कर होगी। हालांकि इसमें शामिल तारे पर्याप्त रूप से दूर हैं तो यह असंभव है कि उनमें से कोई भी व्यक्तिगत रूप से टकराएंगे। टकराव के परिणामस्वरूम आकाशगंगा से कुछ तारे जैसे, मिल्कोमेडा (Milkomeda) या मिल्कड्रोमेडा (Milkdromeda) निकल सकते हैं। आकाशगंगाओं के लंबे जीवन काल को देखते हुए ऐसी टक्कर अपेक्षाकृत सामान्य है। उदाहरण के लिए, माना जाता है कि अतीत में कम से कम एक अन्य आकाशगंगा से एंड्रोमेडा टकराया था, और कई छोटी आकाशगंगा जैसे कि Sgr dSph वर्तमान में मिल्की वे से टकरा रहे हैं और इसमें विलीन हो रहे हैं।
वहीं कुछ वैज्ञानिकों की गणना से यह पता चलता है कि 50% यह संभावना है कि इस टकराव से सौर मंडल अपनी वर्तमान दूरी की तुलना में गांगेय मूल से तीन गुना दूर बह जाएगा। वहीं 12% संभावना है कि टक्कर के दौरान सौर मंडल को नई आकाशगंगा से बाहर निकाल दिया जाएगा। इस तरह की घटना से मंडल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा और सूर्य या ग्रहों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना कम होगी।
संदर्भ:-
1. https://starchild.gsfc.nasa.gov/docs/StarChild/questions/question18.html
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Galactic_year
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Andromeda%E2%80%93Milky_Way_collision
4. https://earthsky.org/space/gaia-new-insights-milky-way-andromeda-collision
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