प्रवासी भारतीय दिवस भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन महात्मा गाँधी (सबसे बड़े प्रवासी) दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आये थे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेतृत्व की बागडोर संभाली थी। 2003 से प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किये जा रहे हैं, जो विदेशी भारतीय समुदाय को परस्पर लाभकारी गतिविधियों के लिए सरकार और उनके पूर्वजों की भूमि के लोगों के साथ जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है। अब तक आठ क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस न्यूयॉर्क, सिंगापुर, द हेग, डरबन, टोरंटो, मॉरीशस और सिडनी में आयोजित किए जा चुके हैं। इन्हें भारतीय प्रवासी और स्थानीय सरकार का उत्साहवर्धक समर्थन प्राप्त है और यह अत्यधिक सफल रहा है। 2019 में 1.75 करोड़ की प्रवासी आबादी के साथ अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों के मामले में भारत सबसे ऊपर रहा। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी नये अनुमान में ये आंकड़े दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि वैश्विक प्रवासियों की संख्या करीब 27.2 करोड़ तक पहुँच गई है। वहीं भारत के बाद दूसरे स्थान पर मेक्सिको (1.18 करोड़), तीसरे पर चीन (1.07 करोड़) फिर रूस (1.05 करोड़), सीरिया (82 लाख), बांग्लादेश (78 लाख), पाकिस्तान (63 लाख), यूक्रेन (59 लाख), फिलीपीन्स (54 लाख) और अफगानिस्तान (51 लाख) रहे थे।
वहीं भारत द्वारा 2019 में 51 लाख अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों को देश में जगह दी गई, हालांकि, यह 2015 के 52 लाख से कम था। भारत में कुल आबादी के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या 2010 से 2019 तक 0.4% पर स्थिर रही थी। साथ ही भारत ने 2,07,000 शरणार्थियों की मेज़बानी की। यदि भारत में मौजूद अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों की बात की जाए तो उनमें महिला आबादी 48.8% थी और अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों की औसत आयु 47.1 वर्ष थी। भारत में बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल से सबसे अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी आते हैं।
हम में से बहुत ही कम लोग ये जानते होंगे कि प्रवासी होते कौन हैं? दरसल एक प्रवासी आबादी एक बिखरी हुई आबादी होती है जिसका मूल स्थान एक अलग भौगोलिक स्थान पर स्थित होता है। विशेष रूप से, प्रवासी शब्द का उपयोग किसी आबादी के अनैच्छिक द्रव्यमान फैलाव का उल्लेख करने के लिए किया जाता है। हाल ही में, विद्वानों द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रवासियों के बीच अंतर किया गया है, जो भिन्न कारणों जैसे साम्राज्यवाद, व्यापार या श्रम पलायन, या प्रवासी समुदाय के भीतर सामाजिक समन्वय और पैतृक भूमि के साथ उसके संबंध के आधार पर पलायन करते हैं। एशिया के सबसे पहले ज्ञात प्रवासी यहूदी प्रवासी थे। वहीं चीनी उत्प्रवास पहली बार हज़ारों साल पहले हुआ था।
विदेशों में भारतीय प्रवासियों की जनसंख्या को निम्न तालिका में देख सकते हैं:
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Diaspora
2.https://www.mea.gov.in/pravasi-bharatiya-divas.htm
3.https://bit.ly/35gjHcz
4.https://en.wikipedia.org/wiki/Non-resident_Indian_and_person_of_Indian_origin
5.https://www.nriol.com/indiandiaspora/statistics-indians-abroad.asp
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