वर्तमान समय में भारतीय प्रवासियों की विविधता पहले से कही अधिक है। भारतीय मूल के लाखों लोग विश्व के लगभग प्रत्येक देश में विविध कार्यों में संलग्न हैं, इसलिए विदेश में रहते हुए देश से जुड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 9 जनवरी के दिन 'प्रवासी भारतीय दिवस' मनाया जाता है। साथ ही ये प्रवासी देश के विकास में बढ़-चढ़कर हिस्सा भी लेते हैं, जैसे उनके द्वारा भारत में अपने परिवार, रिश्तेदारों आदि को पैसे भेज कर देश के विकास में काफी योगदान दिया जाता है।
वहीं विदेश से अपने देश में पैसे भेजने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं। विश्व बैंक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, साल 2018 में प्रवासी भारतियों द्वारा 79 अरब डॉलर भारत में भेजे गए थे। वहीं चीन के प्रवासी लोगों द्वारा 2018 में 67 अरब डॉलर भेजकर दूसरा स्थान प्राप्त किया गया है। इसके बाद मैक्सिको (36 अरब डॉलर), फिलीपींस (34 अरब डॉलर) और मिस्त्र (29 अरब डॉलर) का स्थान है।
जबकि सऊदी अरब से पूंजी प्रवाह में कमी के कारण पाकिस्तान के प्रवासियों द्वारा भेजे जाने वाले धन में गिरावट को देखा गया है। वहीं, बांग्लादेश में उनके प्रवासियों द्वारा भेजे गए धन में 2018 में 15% की वृद्धि दर्ज की गई। विश्व भर के देशों में भेजा जाने वाला धन 2018 में 689 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2017 में 633 अरब डॉलर पर था। इसमें विकसित देशों में उनके नागरिकों द्वारा भेजा जाने वाला पैसा भी शामिल है।
प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, भारत को भारतीय प्रवासी के लगभग 35 मिलियन सदस्यों से प्रेषण प्राप्त होता है। 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत, गैर निवासी भारतीय और भारतीय मूल के व्यक्ति तीन प्रकार के खाते खोल सकते हैं और रख सकते हैं जैसे कि,गैर-निवासी साधारण रुपया खाता, गैर-निवासी (बाहरी) रुपया खाता और विदेशी मुद्रा गैर निवासी खाता - एफसीएनआर खाता। सभी मौजूदा आय को छोड़कर गैर-निवासी साधारण रुपए खाते से पैसे स्वदेश में नहीं भेजे जा सकते हैं। गैर निवासी भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्ति अपने गैर-निवासी साधारण रुपए खाते से यूएस $1 मिलियन प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) के साथ-साथ उनकी अन्य योग्य संपत्तियों को प्रेषण कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर गैर-निवासी (बाहरी) रुपया खाते से स्वदेश में पैसे भेजे जा सकते हैं।
प्रवासियों द्वारा भारत में पैसा इलेक्ट्रॉनिक (Electronic) रूप से या डिमांड ड्राफ्ट (Demand draft) द्वारा भेजे जाते हैं। वहीं हाल के वर्षों में कई बैंकों द्वारा पैसे स्थानान्तरण की पेशकश दी जा रही है और यह वर्तमान समय में एक बड़े व्यवसाय में विकसित हुआ है। भारत का लगभग 40% प्रेषण धन केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों में प्रवाहित होता है जो शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय प्रेषण प्राप्त करने वाले राज्यों में से एक हैं। आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों को इसका अधिकांश हिस्सा संयुक्त राज्य अमेरिका से, केरल को यूएई से और पंजाब को कनाडा से मिलता है क्योंकि अधिकांश लोग अपने राज्यों से इन देशों में जाते हैं।
संदर्भ:-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Diaspora
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Remittances_to_India
3. https://bit.ly/2SK642F
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