भारत में विभिन्न मौसम एक नियत समयांतराल के बाद आते हैं। इन मौसम के बदलावों की जानकारी या तो पारम्परिक तरीकों से या फिर मौसम विज्ञानियों द्वारा बताई जाती है। हम अक्सर देखते हैं कि मौसम के विषय में जानकारी पूर्वानुमानों में मिलती है। वर्तमान समय में ठण्ड का प्रकोप पूरे उत्तर भारत में जारी है। अपने लखनऊ में यह अनुमान है कि तापमान करीब 8 डिग्री सेल्सियस होगा और आगामी सप्ताह में बारिश होने की 65% संभावनाएं भी हैं। अब यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर यह पूर्वानुमान कितने विश्वसनीय हैं और इनका पूर्वानुमान करने वाला कौन है। वर्तमान समय में भारत के मौसम विज्ञान में यह एक विषय है जिसमें विभिन्न रोज़गार आदि भी मिलने की संभावनाएं है। इस लेख में हम इन्हीं विषयों पर चर्चा करेंगे।
एक सप्ताह के मौसम का पूर्वानुमान एक ऐसा विषय है जो करीब 80% तक की सटीक जानकारी हमें प्रदान करने में सक्षम है। यह साप्ताहिक मौसम के फेर बदल का अनुमान लगाने में योग्य है। यदि सप्ताह का छोड़ दे और करीब 5 दिन के विषय में सोचें तो यह पूर्वानुमान करीब 90% तक सटीक हो जाता है। 10 दिन से ज्यादा का पूर्वानुमान करीब आधी सत्यता पर आधारित हो सकता है। मौसम के पूर्वानुमान के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम (Computer Program) प्रयोग में लाया जाता है। चूँकि यह भविष्य के बात पर आधारित होता है तो इसमें शत प्रतिशत परिणाम की कमी होती है। मौसम का पूर्वानुमान मुख्य रूप से पर्यावर्णीय उपग्रहों से आता है। ये ऐसे उपग्रह होते हैं जो कि अंतरिक्ष से पृथ्वी के मौसम पर निगरानी रखते हैं। इन उपग्रहों में भुस्थैतिकी पर्यावर्णीय परिचालक उपग्रह भी शामिल हैं जो कि पृथ्वी से 22,000 मील ऊपर से पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। उन्ही उपग्रहों से जो चित्र मिलते हैं उन्हीं के आधार पर मौसम विज्ञानी मौसम का हाल बताते हैं। कई देशों में एक एकल सार्वजनिक मौसम सेवा का संचालन होता है। इस कार्य को विभिन्न विश्वविद्यालय, सरकारी संगठन आदि करते हैं। उपग्रहों के आधार पर ही दिए गए चित्रों से यह पता चलता है कि किस प्रकार की हवाएं किस दिशा की ओर बढ़ रही हैं। इसके अलावा इससे यह भी पता चलता है कि चक्रवात आदि किस क्षेत्र में आने की संभावनाए हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का एक संस्थान है। यही भारत भर में मौसम के विभिन्न आयामों को प्रेषित करने का कार्य करता है। इस संस्थान का मुख्यालय दिल्ली में है और यह भारत से लेकर अन्टार्कटिका के कई अवलोकन केन्द्रों का संचालन करता है। यह विश्व मौसम विज्ञान संगठन के 6 मौसम विज्ञान केन्द्रों में से एक है। इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए कई विकल्प हैं। इस क्षेत्र में जाने के लिए आई. आई. टी. सहित कई विश्वविद्यालयों में मौसम विज्ञान और वायुमंडल विज्ञान के कई स्नातक और स्नाकोत्तर कार्यक्रम मौजूद हैं। इस क्षेत्र में पी. एच. डी. के उपरान्त भी जाया जा सकता है।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Weather_forecasting
2. https://www.discovermagazine.com/planet-earth/how-weather-forecasts-are-made
3. https://scijinks.gov/forecast-reliability/
4. https://www.minitab.com/en-us/Published-Articles/Weather-Forecasts--Just-How-Reliable-Are-They-/
5. https://en.wikipedia.org/wiki/India_Meteorological_Department
6. https://www.indiaeducation.net/careercenter/science/meteorology/
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