काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है लखनऊ में क्रिसमस

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
25-12-2019 10:00 AM
काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है लखनऊ में क्रिसमस

लखनऊ में क्रिसमस सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है जिसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। दुनिया के अन्य सभी हिस्सों की तरह, लखनऊ में भी क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन प्रभु यीशु के जन्म का प्रतीक है और यह त्यौहार ढेर सारी खुशियों और आनंद के साथ चिह्नित किया जाता है। लखनऊ में सभी समुदायों के लोग इस त्यौहार को जश्न से मनाते हैं। इसके अलावा, लखनऊ क्रिसमस समारोह क्रिसमस गीत के गायन के साथ शुरू होता है, जिसके बाद चर्च में प्रार्थना की जाती है और उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है। लखनऊवासी हज़रतगंज में क्रिसमस की शाम का आनंद लेना पसंद करते हैं, जिसे गंजिंग के नाम से जाना जाता है।

सभी युवा और बच्चे हज़रतगंज में क्रिसमस की पूर्व संध्या का आनंद लेते हैं और इसके साथ आराम और खुशी का वक्त बिताते हैं। साथ ही यहाँ प्रत्येक दुकानदार सांता अंकल के रूप में तैयार होते हैं और मिठाई और उपहार वितरित करते हैं। प्लम केक (Plum Cake) की सुगंध से कई लखनऊवासी दोस्तों के घर का दौरा करने के लिए विवश हो जाते हैं। लखनऊ में सबसे सुंदर पूजा स्थल कैथेड्रल (Cathedral) है, इसकी इमारत के निचले तहखाने पर एक चैपल, एक पुस्तकालय और सम्मेलन के लिए एक विशाल कक्ष मौजूद है। यह भारत में स्थित सबसे अच्छे कैथेड्रल में से एक है।

माना जाता है कि थॉमस (जिन्हें डिडीमस ("जुड़वा") भी कहा जाता है और नए नियम के अनुसार ये यीशु के बारह प्रेरितों में से एक था) ने रोमन साम्राज्य से बाहर निकलकर सुसमाचार का प्रचार करने के लिए यात्रा की थी, और वे भारत में केरल और तमिलनाडु राज्य में भी आए थे। परंपरा के अनुसार, थॉमस ने 52 ईसवी में मुज़िरिस (केरल राज्य में आधुनिक भारत के उत्तर परावुर और कोडुंगलूर) में प्रवेश किया और कई लोगों को धर्मांतरित किया, जो आज के सेंट थॉमस क्रिश्चियन या मार थोमा नज़रानी के रूप में जाने जाते हैं। ऐसा माना जा सकता है कि उनके द्वारा ही भारत में ईसाई धर्म और क्रिसमस को लाया गया था।

भारत में क्रिसमस के दिन अन्य त्यौहारों की तरह ही अवकाश होता है, इसलिए इस दिन डाकघर, सरकारी कार्यालय, स्कूल और बैंक बंद रहते हैं। इस दिन सार्वजनिक परिवहन खुले रहते हैं। भारत में लगभग 2.4 करोड़ ईसाई रहते हैं, जिनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, नागालैंड, गोवा, केरल और तमिलनाडु सबसे अधिक जनसंख्या वाले हैं। भारत में सबसे बड़ा ईसाई समुदाय केरल में रहता है, जिसमें 22% आबादी रहती है और उनमें से अधिकांश रोमन कैथोलिक हैं। तो चलिए जानते हैं भारत के विभिन्न राज्यों में कैसे मनाया जाता है क्रिसमस का त्यौहार :-
केरल में :-
केरल के शहर कोच्चि में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्यौहार कोचीन आनंदोत्सव से मेल खाता है, जो क्रिसमस से पहले शुरू होता है और नए साल तक जारी रहता है। क्रिसमस के आगमन की घोषणा होने तक पारंपरिक ईसाई 1 दिसंबर से 24 दिसंबर तक उपवास रखते हैं। लेकिन कोच्चि में क्रिसमस के उत्सव के बारे में एक अजीब बात है। वहाँ के लोग नए साल की पूर्व संध्या पर सांता क्लॉज़ को जलाते हैं, जो पुराने के अंत और नए के स्वागत का प्रतीक है।
गोवा में :- गोवा में सबसे शानदार रूप से क्रिसमस का त्यौहार मनाया जाता है। क्रिसमस के दौरान, हर धर्म के बच्चे क्रिसमस के गीत गाते हैं और लोगों द्वारा आस पड़ोस में मिठाई बांटी जाती है। दक्षिण भारतियों के विपरीत, गोवा का क्रिसमस उत्सव पश्चिमी देशों, खासकर यूरोप से बहुत प्रेरित है क्योंकि गोवा ऐतिहासिक रूप से पुर्तगाल से जुड़ा हुआ है।
मुंबई में :- मुंबई का ईसाई समुदाय उपनगरों और द्वीप शहर में फैला हुआ है। यहाँ मौजूद चर्चों में से कुछ 17वीं शताब्दी के हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस शहर में ईसाई धर्म कितना पुराना है। मुंबई में क्रिसमस की शुरुआत दिसंबर के पहले सप्ताह में ही हो जाती है। साथ ही बोरीवली, बांद्रा, और मलाड में क्रिसमस की सजावट के सामान और अन्य मिठाइयों को बेचने के लिए विभिन्न स्टाल (Stall) लग जाते हैं।

भारत में, त्यौहारों को हमेशा रंगों और प्रकाश के साथ मनाया जाता है। ऐसे ही क्रिसमस कुछ अलग नहीं है। पश्चिमी देशों की तरह, क्रिसमस के लिए सजावट 1 दिसंबर या क्रिसमस के आगमन पर शुरू हो जाती है। भारत के गिरिजाघरों को क्रिसमस की पूर्व संध्या में रोशनी और फूलों से खूबसूरत रूप से सजाया जाता है। यहां तक कि बाज़ार, स्थानीय स्टोर और मॉल (Stores & Malls) फूल और टिमटिमाती रोशनी से चमकते हुए दिखाई देते हैं।

ऐसे ही वो त्यौहार ही क्या जिसमें स्वादिष्ट भोजन न हो। भारत में क्रिसमस के व्यंजनों की प्रारंभिक तैयारी मुख्य दिन से कम से कम एक सप्ताह पहले शुरू होती है। मिठाई, विशेष रूप से इस त्यौहार में बहुत महत्व रखती है। भारतीय क्रिसमस व्यंजनों में सांस्कृतिक प्रभाव भी देखे जा सकते हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मुख्य क्रिसमस भोजन को खाया जाता है। चिकन करी और शूकर-मांस भारतीय क्रिसमस के त्यौहार के मुख्य व्यंजनों में से एक हैं। वहीं स्टीम राइस केक (Steam Rice Cake) भारतीय क्रिसमस में रात्रिभोज के लिए बनाया जाता है।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Thomas_the_Apostle
2. https://christmas.365greetings.com/christmas-holidays/christmas-traditions-india.html
3. https://lucknow.me/christmas-in-hazratganj/
4. https://lucknowobserver.com/christmas/
चित्र सन्दर्भ:-
1.
https://www.youtube.com/watch?v=yrtj61ETibY